Find the Latest Status about पदनाम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पदनाम.
Pushpvritiya
बच्चों के स्कूली दाखिला पत्र में व्यवसाय संबंधी विवरणी माता पिता दोनो की मांगी गई...... माता के व्यवसाय में "गृहस्वामिनी" (हाउसवाइफ) ( गृह की अधिष्ठात्री) उल्लेखित किया गर्व से....... अब बारी आई अर्निंग की..कमाई की..... पास खड़े भाई साहब ने कहा..... "ज़ीरो लिख दीजिए"..... भौंहों में एक सिकुड़न.... मस्तिष्क में एक सोच........ और एक मंद मुस्कुराहट के साथ मैंने ज़ीरो लिखा............. वैसे गृहस्वामिनी "पदनाम" तो अच्छा है... किन्तु मानदेय....शून्य... कोई अतिरिक्त भत्ता नही............ न कोई लीव...... और न ही इंक्रीमेंट............ गैस की कीमतें दिन पर दिन गगनचुंबी ही क्यों न हो......... राशन दूध के पैकेटों में एमआरपी की उछाल निफ्टी सेंसेक्स को भी क्यूं न मात दे रही हो....... मासिक इंक्रीमेंट बमुश्किल ही है........ फिर भी तीस दिनों का अंक गणित सटीक बैठा लेती है....... है न 😊 ©Pushpvritiya बच्चों के स्कूली दाखिला पत्र में व्यवसाय संबंधी विवरणी माता पिता दोनो की मांगी गई...... माता के व्यवसाय में "गृहस्वामिनी" (हाउसवाइफ) ( गृह क
तेजस
समझ जाना उसे तू तवील ए बयां ए नज़र से। रह गयी जो बात अधूरी लफ्ज़ ए मुक्तसर से।। खयालों में तेरा अक्स जब भी उभर आता है, महक सा उठता है मेरा वजूद तेरे ही सहर से। जो मुत्तासिर है बेपनाह, तेरे किताबी हुस्न से, क्या शिकवा करूँ तेरी मैं भला उस क़मर से? खिजाँ को कह दो अभी करें थोड़ा इन्तिज़ार, के दिल चाहता नहीं फ़रार बहार के असर से। रुत वस्ल की आयी भी तो हवाएँ दरम्यां में थी, ये रहेगा गिला हमेशा मेरी आंखों का मंजर से। उसके तीर ए नज़र का बनता ना क्यूँ निशाना, के नावाक़िफ़ जो था दिल क़ातिल के हुनर से। कोई परवाह कहाँ तखल्लुस का, ऐ मेरे दोस्त, कभी ग़ज़ल ने की जो इल्तज़ा, उस शायर से। यूँ ही नहीं वापस आते परिंदे परवाज़ के बाद। कुछ तो ताल्लुक़ात रहे होंगे उनके 'शजर' से।। समझ जाना उसे तू तवील ए बयां ए नज़र से। रह गयी जो बात अधूरी लफ्ज़ ए मुक्तसर से।। खयालों में तेरा अक्स जब भी उभर आता है, महक सा उठता है मेरा वज