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Shravan Goud
ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।। या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 🌹🌹🙏🙏 आभार: विकीपीडिया ॐ देवी चंद्रघंटाये नमः पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता।। या देवी सर्वभू
J.P. BABBU
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥ सौम्यता एवं विनम्रता की प्रतीक माँ चंद्रघंटा आपको बाधा
Vikas Sharma Shivaaya'
शिव मंत्र-ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा। मो मन मानिक ले गयो चीते चोर नंदनंद ! अब बेमन मै क्या करू परि फेर के फंद !! इस दोहे में रसखान जी कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण ने उनके मन के माणिक्य रत्न को चुरा लिया है ! अब बिना मन के वह क्या करे ? वे तो भाग्य के फंदे के फेरे में पड़ गए है ! अब तो बिना समर्पण कोई उपाय नहीं रह गया है ! अर्थार्त जब उनका मन ही उसके प्रियतम श्रीकृष्ण के पास है तो वे पूरी तरह से उसके प्रति समर्पित हो चुके है ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' शिव मंत्र-ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा। मो मन मानिक ले गयो चीते चोर नंदनंद ! अब बेमन मै क्या करू परि फेर के फंद !
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता| प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता|| 🙏🏵जय माता चंद्रघंटा🏵🙏 या देवी सर्वभूतेषु मां कूष्मांडा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। 🙏🏵जय माता कुष्मांडा 🏵🙏 शारदीय नवरात्र तृतीय दिवस में इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन है आज मां भगवती के तृतीय स्वरूप मां चंद्रघंटा एवं चतुर्थ स्वरूप मां कुष्मांडा की आराधना की जाएगी, माँ सबकी मनोकामना पूर्ण करें...। 🏵🏵🙏जय मां आदिशक्ति तेरी सदा ही जय हो🙏🏵🏵 🚩🚩🙏जय माता दी🙏🚩🚩 ✍️Vibhor Vashishtha vs Meri Diary #Vs❤❤ पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्र कैर्युता| प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता|| 🙏🏵जय माता चंद्रघंटा🏵🙏 या देवी सर्वभू
Vikas Sharma Shivaaya'
🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 मां दुर्गा का स्वरूप: माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है-नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है- इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है..., बीज मंत्र : ‘ऐं श्रीं शक्तयै नम:’ लोकवेद के अनुसार माँ चंद्रघंटा की कृपा से अलौकिक वस्तुओं के दर्शन होते हैं, दिव्य सुगंधियों का अनुभव होता है तथा विविध प्रकार की दिव्य ध्वनियाँ सुनाई देती हैं- ये क्षण साधक के लिए अत्यंत सावधान रहने के होते हैं..., मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु माँ चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।। माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है, इनके मस्तक में घंटे का आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण से इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है-इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है-इनके दस हाथ हैं- इनके दसों हाथों में खड्ग आदि शस्त्र तथा बाण आदि अस्त्र विभूषित हैं- इनका वाहन सिंह है, इनकी मुद्रा युद्ध के लिए उद्यत रहने की होती है..., श्लोक: पिण्डजप्रवरारुढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता | प्रसादं तनुते मह्यं चन्द्रघण्टेति विश्रुता || Affirmations: 61.मेरी आय निरंतर बढ रही है..., 62.मेरे पास अनंत संभावनाएं हैं.. , 63.मै स्वयं को वतॅमान में पूणॅतया प्रेम करता हूं.. , 64.मै अपने आंतरिक शिशु को प्रेम से गले लगाता हूं..., 65.मै प्रतिदिन कुछ नया सीखता हूं.. , बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 ©Vikas Sharma Shivaaya' 🚩🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🚩 🙌🚩🔱 मां जगदम्बे🔱 हमेशा हमारा -आपका मार्गदर्शन करती रहें..., 📖✒️जीवन की पाठशाला 📙 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल
Divyanshu Pathak
3. देवी का तीसरा स्वरूप और अंक - सात ( 7 ) ------------------------------------------------------- शैलपुत्री (अंक - 9 ) जीवन के विस्तार का प्रतिनिधित्व करती है तो मैया ब्रह्मचारिणी ( अंक- 8 ) जीवन चेतना और उन्नति का पोषण। आज मैं आपको मैया चन्द्रघण्टा ( अंक - 7 ) के बारे में अपनी बात बताता हूँ तो देखिए--- दुनिया सात द्वीपों का समूह भर है। इसमें सात ही समंदर हैं। सुना है कि सूर्यदेव के रथ में भी सात अश्व लगे हैं। सात दिन की यात्रा को सप्ताह कहते हैं।अभी दुनिया के पास 7 ही अजूबे हैं।हमने सुना है कि आसमानों की संख्या भी सात है। सात जाति समूह में समाज पूर्ण होता है। भारतीय दर्शन में सृष्टि के प्रथम ऋषियों की संख्या भी 7 है जिन्हें सप्त ऋषियों के रुप में जानते हैं।हम अपने सम्पूर्ण जीवन को भी अवस्थाओं में जीते हैं। प्रकृति में रंग भी 7 हैं और सुरों की संख्या भी 7 ही है। सप्तपदी के सात फेरे हैं। संख्या- 7 दुनिया में अनोखेपन को प्रकट करती है और दुनिया के सभी आश्चर्य और जीवन में होने वाले चमत्कार माता चन्द्रघण्टा की कृपा से ही होते हैं।वे ख़ुशी और उत्साह की देवी हैं। ध्वनियों की स्वामिनी, संगीत की आत्मा और सजगता की भी देवी है। तो आओ हम कैप्शन में उनके साक्षात स्वरूप के दर्शन करते हैं---- 3. देवी का तीसरा स्वरूप और अंक - सात ( 7 ) ------------------------------------------------------- शैलपुत्री (अंक - 9 ) जीवन के विस्तार का प