Find the Latest Status about महंगाई पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, महंगाई पर कविता.
Champak
Unsplash देश में यह कैसे हालात हो गए अमन चमन और मानवता खो गए किसे इल्म था मुफलिसी टैक्स और महंगाई का खून के आंसू रो गए ©Champak #आंसू #महंगाई #tax #निवाला
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी घट गयी ग्रोथ ,सदमे में रुपया है मेन्युफेक्चरिंग रसातल में गया डिमांडो पर महंगाई का कहर है हलाल जनता को कर गब्बर टेक्स का असर है थप थपाते पीठ बजट से अपनी आमजन के लिये ना कोई प्रबन्ध है सर चढ़ा के कम्पनियो को स्वाद अर्थव्यवस्था का बिगड़ रहा है आमजन की अनदेखी का खामियाजा देश को भुगतना पड़ रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho डिमांडो पर महंगाई का कहर है
#Likho डिमांडो पर महंगाई का कहर है
read moreकवि प्रभात
तूने वो काम किया, जो न दुश्मन करे सोचे करने से पहले, रब से डरे ज्ञान तुझको भी होगा हो जैसा करम 2 फल करनी का वैसा भुगतान पड़े ©कवि प्रभात #GoldenHour कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता
#GoldenHour कुमार विश्वास की कविता कविता कोश प्यार पर कविता
read morehimesh
White DARKNESS 🌑 ©himesh #good_night कविता बारिश पर कविता
#good_night कविता बारिश पर कविता
read moreZindgi Ka Safar # priyaa
White जनाब यू इतराते है अपने गोरे रंग पर.. एक बार सांवले रंग पर फिदा होकर देखिये.. क्योंकि सितारे काले आसमान में ही खूबसूरत लगते हैं ©Zindgi Ka Safar # priya #good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता
#good_night हिंदी कविता हिंदी दिवस पर कविता कविता कोश हिंदी कविता
read moreWriter Mamta Ambedkar
White बारिश की बूंदे कितनी ख्वाहिश थी, बारिश की बूंदों को, आसमान से गिरकर, जमीन में दफ्न होने की। वो जो ऊंचाइयों में, बादलों की गोद में थीं, हर एक लम्हा सोचती थीं, धरती की मिट्टी से मिलने को। चमकते सूरज के डर से, बादलों में छुपती रहीं, पर दिल में हसरत थी, जमीन की आगोश में समाने की। फिर एक दिन बादलों ने भेजा उन्हें धरती को तोहफा बनाकर, जीवन को सींचने, और प्यास बुझाने। गिरती रहीं,झूमकर, नाचकर, हर पत्ती, हर शाख से लिपटकर, मिट्टी की खुशबू में, अपने अस्तित्व को मिटाने। दफ्न होकर मिट्टी में, वो बूंदें मुस्कुराईं, कि उनकी ख्वाहिश ने, जीवन को एक नई कहानी सुनाई। ख्वाहिशें भी ऐसे ही, अधूरी नहीं रहतीं, आसमान से गिरकर, ज़मीन पर मुकम्मल होती हैं। राइटर ममता आंबेडकर मोटिवेशनल कवित्री ©Writer Mamta Ambedkar #Sad_Status प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं
#Sad_Status प्यार पर कविता कविता कोश प्रेम कविता कविता कविताएं
read moreकवि प्रभात
White साँझ ढली फिर नहीं आयी वो आज फिर मैं राह देखते रहा होते रहा अधीर सोचते की किस खता की दे रही सज़ा 2 सोचते की कैसे हो गई बेपीर ©कवि प्रभात #good_night प्यार पर कविता कविता कोश
#good_night प्यार पर कविता कविता कोश
read moreAlfaz-E-Dheeraj
अपना वो हैं, जो किसी और के लिए तुम्हें नज़रअंदाज़ ना करे। ©Alfaz-E-Dheeraj #BehtiHawaa हिंदी दिवस पर कविता Aaj Ka Panchang प्रेम कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता
#BehtiHawaa हिंदी दिवस पर कविता Aaj Ka Panchang प्रेम कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता
read moreकाव्य महारथी
आ. आभा गुप्ता , इंदौर, मध्यप्रदेश हिंदी दिवस पर कविता कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी दिवस पर कविता देशभक्ति कविता
read morePinky Mishra
White जब मिलते हैं फुर्सत के कुछ पल याद आते हैं बीते लम्हों के वे कल कुछ खुशियां थी कुछ थे गम आज याद करके रोते और हंसते हैं हम समय तो बदल जाता है पर जख्म कुछ यूं रह जाते हैं जिन्हें सिसकियां भरकर हम हर गम को भुलाते हैं कुछ पुरानी दास्तान कहीं नहीं जाती जितना हमने सहा आज के जमाने में उतना सहा नहीं जाता समय बदलता है बदल लो खुद को भी समय के हिसाब से आए थे इस जहां में अकेले जाएंगे भी अकेले बस गम को जीने का जरिया बना और जितनी हो सके खुशियां लूटाते रहो क्योंकि गम तो सिर्फ तुम्हारे हैं और यह तुम्हारे साथ ही जाएंगे दे सकते हो तो इस जहां को खुशियां ही दो ©Pinky Mishra #love_shayari प्रेरणादायी कविता हिंदी प्यार पर कविता
#love_shayari प्रेरणादायी कविता हिंदी प्यार पर कविता
read more