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Dhaneshdwivediwriter
Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। । ©Dhaneshdwivediwriter #traveling दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। #dhaneshdwivediwriter #dh
#traveling दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। #dhaneshdwivediwriter dh
read moreSumitGaurav2005
यहीं हमारे देश की, हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है... कुछ महिलाएं अब अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगी है, जो यातनाएं पहले उन्हें मिलती थी अब वह पुरुष को देने लगी है! 💔💔💔✍🏻सुमित मानधना 'गौरव'💔💔💔💔 ©SumitGaurav2005 यहीं हमारे देश की, हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है... कुछ महिलाएं अब अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगी है, जो यातनाएं पहले उन्हें मिलती थी
यहीं हमारे देश की, हमारे समाज की कड़वी सच्चाई है... कुछ महिलाएं अब अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने लगी है, जो यातनाएं पहले उन्हें मिलती थी
read moreAshraf Fani
Unsplash उमर ढलने लगी चेहरे की रौनक़ बदलने लगी रंग-ओ-रौग़न गया झुर्रियां सारी चेहरे पे दिखने लगीं ©Ashraf Fani उमर ढलने लगी चेहरे की रौनक बदलने लगी रंग-ओ-रौग़न गया झुर्रियां सारी चेहरे पे दिखने लगीं #ashraffani #leafbook life quotes in hindi life quo
उमर ढलने लगी चेहरे की रौनक बदलने लगी रंग-ओ-रौग़न गया झुर्रियां सारी चेहरे पे दिखने लगीं #ashraffani #leafbook life quotes in hindi life quo
read moreazad satyam
खलने लगी है मौजूदगी तेरी, ऐ पंछी दिवाने से, बैठा करता है तू जहां, वो शाखें काटी जाने लगी...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam खलने लगी है मौजूदगी तेरी, ऐ पंछी दिवाने से, बैठा करता है तू जहां, वो शाखें काटी जाने लगी...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa hear
खलने लगी है मौजूदगी तेरी, ऐ पंछी दिवाने से, बैठा करता है तू जहां, वो शाखें काटी जाने लगी...✍🏻 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa hear
read moreHarshita Dawar
इस खेल में खलल लगी, इस काजल की लकीर को काली स्याही लगाने की बात कही..क्या?.क्या नहीं कहा, इस लिए ये तुम्हारे लिए नहीं.. हमारे स्वाभिमान की न
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White तेरे ओतर् मे ©बेजुबान शायर shivkumar प्यार में तेरे बनने लगी हु गिरने लगी हु संभलने लगी हु तुझे पाना क्या खुद को खोना है चाहत में तेरी मैं दुनिया भुलाने लगीं हूं ऐ जाना बता
प्यार में तेरे बनने लगी हु गिरने लगी हु संभलने लगी हु तुझे पाना क्या खुद को खोना है चाहत में तेरी मैं दुनिया भुलाने लगीं हूं ऐ जाना बता
read moreAnuradha T Gautam 6280
#खिड़की खिड़की पर बैठे-बैठे शाम भी उतरने लगती और रातें भी बीत जाती पर सब्र की आंख अपने इंतजार में लगी रहती..🖊️
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी दिन के भी उजाले, कम है तरक्की के लिये नींद और चैन अपने गवाते गवाते रातो को भी बाजार रोशन होने लगे है जरूरतों जो कभी कम ना हुयी जीवन रोज खपाते खपाते दौड़ और होड़ की लगी है बाजी मौत के आगोश में जाते जाते प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी
#good_night दौड़ और होड़ की लगी है बाजी
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
भाषा शैली स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित, . . शीर्षक लगी प्रीत .
read moreVandana Rana
White जिसको भुलाने रुख मन्दिर का किया मैंने, जब दुआ कबूल होने लगी तो फिर उसे माँग बैठी। ©Vandana Rana जिसको भुलाने रुख मन्दिर का किया मैंने, जब दुआ कबूल होने लगी तो फिर उसे माँग बैठी।
जिसको भुलाने रुख मन्दिर का किया मैंने, जब दुआ कबूल होने लगी तो फिर उसे माँग बैठी।
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