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Diya

#तू अगर मेरी #खुशी है तो, तुमसे #बिछड़ने का गम भी मैं #हंसी-खुशी #सह लूंगी, तू मुझे भूल भी #जाए तो क्या है, मैं #तुम्हें #कभी भूल न #पाऊंगी

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तू अगर मेरी खुशी है तो, 
तुमसे बिछड़ने का गम भी 
मैं हंसी-खुशी सह लूंगी,
तू मुझे भूल भी जाए तो क्या है, 
मैं तुम्हें कभी भूल न पाऊंगी।

©Diya #तू अगर मेरी #खुशी है तो, तुमसे #बिछड़ने का गम भी मैं #हंसी-खुशी #सह लूंगी,
तू मुझे भूल भी #जाए तो क्या है, मैं #तुम्हें #कभी भूल न #पाऊंगी

ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी.

#शांतिपूर्ण.🧿🫶🏻 #Moon #Love #selenophile.❤️🫰🏻

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©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी. #शांतिपूर्ण.🧿🫶🏻
#moon
#love
#selenophile.❤️🫰🏻

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

#Sad_Status heart touching life quotes in hindi ये जो दोहरा चरित्र है बड़ा ही विचित्र है ना ही किसी का शत्रु है ना ही किसी का मित्र है क्या

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White ये जो दोहरा चरित्र है बड़ा ही विचित्र है
ना ही किसी का शत्रु है ना ही किसी का मित्र है
क्या उसका अस्तित्व है, क्या उसका अस्तित्व है

कहीं पे हां, कहीं पे ना
कहीं पे मुस्कुरा  दिये स्पष्ट कुछ ना कह सके
बातें सभी घुमा दिये

जो कुछ यहां पर सत्य है ना बात उसकी कीजिये
चर्चा ही किस बात की जब काम वो ना कीजिये

राम का मुखौटा रावण का चरित्र है
मचं पर लड़ते हैं सब घर में सभी ही मित्र हैं

जो हमसे आकर मिल गये पापी सभी पवित्र हैं
चांदी है चंद लोगों की जनता अब भी, अपवित्र है

पहले वाली चलचित्र में नायक बहूत सही था वो
पर आज के चलचित्र में खलनायक का चरित्र है
ये जो दोहरा चरित्र है
बड़ा ही विचित्र है

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर * #Sad_Status  heart touching life quotes in hindi
ये जो दोहरा चरित्र है बड़ा ही विचित्र है
ना ही किसी का शत्रु है ना ही किसी का मित्र है
क्या

amansingh6295

जाने क्या खौफ हे जो सह रहे हैं हम केसे कहें कि हद से गुजर रहे हैं हम अब तुम मेरी ये आदतें न अपनाओं महफिल में भी टूटकर रह रहे हैं हम ज़ख्म कु

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जाने क्या खौफ हे जो सह रहे हैं हम
केसे कहें कि हद से गुजर रहे हैं हम
अब तुम मेरी ये आदतें न अपनाओं
महफिल में भी टूटकर रह रहे हैं हम
ज़ख्म कुरेदते हो तो कुरेद लो अब
ख़ैर दर्द में भी तो मुस्कुरा रहे हैं हम
कुछ बातें दफ़न है दिल में आज भी
कुछ एहसास अब छिपा रहे हैं हम
तुम जाओ भी तो फिक्र न करो मेरी
तन्हा रहकर जिंदगी गुजार रहे हैं हम

©amansingh6295 जाने क्या खौफ हे जो सह रहे हैं हम
केसे कहें कि हद से गुजर रहे हैं हम
अब तुम मेरी ये आदतें न अपनाओं
महफिल में भी टूटकर रह रहे हैं हम
ज़ख्म कु

theABHAYSINGH_BIPIN

#good_night तुम्हें ही पाने को, तुमसे ही लड़ गए, ऐसी क्या ज़रूरी हो, इतना सब कर गए। पता हो तुम्हें, मैं ख़ुद कहाँ जा रहा, तोड़ा भी तुमने,

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White तुम्हें ही पाने को, तुमसे ही लड़ गए,
ऐसी क्या ज़रूरी हो, इतना सब कर गए।
पता हो तुम्हें, मैं ख़ुद कहाँ जा रहा,
तोड़ा भी तुमने, और सब कुछ सह गए।

दिल के राज़ हमने खुद से सुलझाए,
बिन कहे, कई सवाल खुद में दबाए।
ख़ुदा से पूछा था, ये क्यों कर गए तुम,
फिर भी तुम्हें खोने से डरते रहे हम।

©theABHAYSINGH_BIPIN #good_night  
तुम्हें ही पाने को, तुमसे ही लड़ गए,
ऐसी क्या ज़रूरी हो, इतना सब कर गए।
पता हो तुम्हें, मैं ख़ुद कहाँ जा रहा,
तोड़ा भी तुमने,

theABHAYSINGH_BIPIN

#बार-बार कोशिशें की मैंने, हर बार चोट मैं खाता हूँ। फिर भी हिम्मत है इतनी, जीत की कसम मैं खाता हूँ। लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है, मेहनत से

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White बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से मैं ना घबराता हूँ।
हुंकार भरूंगा फिर से मैं,
संकल्प का फल मैं पाता हूँ।

वचन ही मेरा शस्त्र बना,
हर कदम पर धार लगाता हूँ।
हिम्मत मेरी कभी ना टूटे,
महादेव का ध्यान लगाता हूँ।

पक्की करती जीत मेरी,
जब ईश्वर का गुण गाता हूँ।
लक्ष्य से परे नहीं अस्तित्व मेरा,
संघर्षों का मैं आदि हूँ।

थकूंगा नहीं बिना जीत के,
विजयी विश्व का वासी हूँ।

©theABHAYSINGH_BIPIN #बार-बार कोशिशें की मैंने,
हर बार चोट मैं खाता हूँ।
फिर भी हिम्मत है इतनी,
जीत की कसम मैं खाता हूँ।

लक्ष्य नए नहीं, ये संकल्प है,
मेहनत से

Bachan Manikpuri

अस्तित्व

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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

मुकम्मल=पूर्ण,शख़्सियत=अस्तित्व मौलिक क़ाफ़िया शायरियां शीर्षक शख़्सियत विधा क़ाफ़िया भाव वास्तविक अक्सर ज़िन्दगी का आईना आईना नहीं रहत

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संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु

स्वलिखित हिन्दी रचना संस्कृत अनुवाद सहित अनुवाद सहित शीर्षक विचित्रः प्रतिद्वन्द्वी . . विधा गहन विचार भाव वास्तविक

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