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Shrikant Pawde
मानव दानव मानसा तू न मानसात राहीला दिसते विश्वात दानवाचे रूप तुझे, प्रदन्या,शील,करुणा तुझ्यात न राहीली बस राहीले ते विक्राळ रूप तुझे. रक्ताचा ना तू नात्याचा ना तू राहिलास ना आता स्वतःचा ही तू, हास्य मुखावर ही ना तुझ्या राहीले तू गमविलेस सारे सुखः तुझे. जाती-धर्मात कारे विखुरलास तू मानवता हे एकच धर्म तुझे, अस्तित्व ही ना तुझे राहील असे सांगते रे मानवा कर्म तुझे. तुझ्या अंताचे कारण लोभ तुझे संपलेच ही नारे हे वेळ तुझे, पश्यातापही ना करता येईल आता संपले रे सारे हे खेळ तुझे. - श्रीकांत पावडे, कोनसरी मानव दानव
Parasram Arora
मानव बनने के लिये तुम्हे दानवो क़ी बस्ती से गुज़रना पड़ेगा मज़ा लेना हो स्वर्ग का तो पहले तुम्हे नर्क क़ी पगदंडियो से गुज़रना पड़ेगा ©Parasram Arora मानव दानव
kayra vaishnav
भगवान और दानव कहीं खोजों नहीं वो आपके अंदर ही विराजमान हैं सत्कर्म करते हो भगवन का स्वरूप लगते हो कुकर्म करते हों तो दानव प्रतीत होते हों 🙏🙏 ©kayra vaishnav भगवान ओर दानव..
Sardar Shyam Singh
कड़वा सच लड़कियों के लिए उनका विवाह जिंदगी का सबसे बड़ा जुआ होता है अगर उसकी शादी अच्छे लड़के से हो जाए तो जिंदगी स्वर्ग बन जाती है परन्तु वही शादी गलत लड़के से हो जाए तो उसका नरक द्वार ससुराल में ही खुल जाता है!! ©Sardar Shyam Singh दहेज एक दानव
arvind bhanwra
वाह रे !दहेज लोभी दानव तेरी क्या शान है अबला पर अत्याचार ही, तेरा सबसे बड़ा काम है । मान दिया सदा दहेज को हमेशा देखा है तुने, सोने चांदी भरी मेज को कभी जलाया घासलेट से कभी मरवाया आधै पेट से मारा किसी को धक्का देकर मजबूर किया किसी को आत्मदाह लेकर बैठाया किसी को मायके दहेज कम लाने पर बैठाया किसी को कोठे पर पैसा खूब कमाने को कब भरेगा तेरी भूख का कुंआ या जब तलक जननी न रहे तुझे जन्म देने की खातिर, जिसने सैन्कडों दुख सहे। है जमीर जिन्दा तो सोच के देख जरा, तेरी जननी भी थी एक नारी क्या होता तू, गर रहती वो कुंवारी कर प्रण आज से न दहेज लेगा तू न किसी अबला को मायके भेजेगा तू न मरेगी फिर से आग, घासलेट से न मरेगी फिर से कोई ,नारी दुनिया मे आधे पेट से । दहेज का दानव।
Brandavan Bairagi "krishna"
।।दहेज का दानव।। ईश्वर की सबसे सुंदर कृति है मानव। बुध्दि विवेक का भंडार है मानव। चिंतन मनन और ध्यान से,स्वयं से परिचित होता है मानव। लोभ लालच के बस हो रहा आज वो दहेज ग्रसित दानव। कैसी ये बिडम्बना इसका कोई हल नही चाहता। बेटे की शादी में भरपूर दहेज मांगता। बेटी भी तो किसी के जिगर का टुकड़ा है । पाला पोसा है माँ-बाप ने स्नेह और प्यार से उनके लिये वो चाँद का मुखड़ा है। खुशी खुशी देते है वो सबकुछ अपनी बेटी के लिये। सदा खुश रहे वो आने वाले कल के लिये। दहेज के लालची लोगों ने माहौल बिगाड़ा है। कई हँसते खेलते जोड़ों को उजाड़ा है। गुनहगार है ये लोग समाज के। इनको कड़ी सजा मिलनी चाहिए,जिससे दूसरे ये गलती दोहराये ना कभी। बृन्दावन बैरागी"कृष्णा" ©Brandavan Bairagi "krishna" ।।दहेज का दानव।। #Rose