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INDIA CORE NEWS
Sarfaraj idrishi
अयोध्या एयरपोर्ट की छत गिरी..! राम को भी चूना लगा दिया गजब का रामराज्य 🤪🤣🤣 ©Sarfaraj idrishi अयोध्या एयरपोर्ट की छत गिरी..! राम को भी चूना लगा दिया -29 गजब का रामराज्यAnupriya Rakesh Srivastava Devrajsolanki h m alam s Dhanya Vais
Anurag Vishwakarma
Mom, I would not be able to come home on Holi. मम्मी होली में घर नहीं आ पाऊंगा। बहुत काम है ऑफिस में और छूटी भी नहीं मिला There is a lot of work in the office and I have not even got time off. Happy Holi Mummy🙏 ©Anurag Vishwakarma #Holi #घर में सबसे बड़ा बेटा मैं हूं इसलिए होली दीपावली इत्यादि त्योहार घर में नहीं जा पाता हूं। #हैप्पी #होली #Love #Trending
hardik Mahajan
"मैं बहुत ही मस्तीखोर और आज़ाद पंछी के जैसा और एक आज़ाद किस्म का एक लड़का था, मुझे हमेशा दुनिया को दुनिया को देखना, ओर उस दुनिया में रहकर अपनी मौज मस्ती में घूमना फिरना पसंद करता था"! "मुझे यह सब करना बहुत पसंद आता था, एक दिन इन्हीं ख्यालों में गुम होता हुआ, मैं कहीं और निकल गया, मुझे यह समझ नहीं आ रहा था कि मुझे कहां तक और चलते जाना हैं"! और जब-जब मैं जैसे नींद से जागता रहा, जब मैं खुली सड़कों पर खुद को पाया और डरकर मैं घबराने लगा, मुझे भूख लगी आस-पास मेरे कुछ भी नहीं दिख रहा था। और तब मुझे अपनी मां की याद आई,और उनका प्रेम याद आया, और लगा की मां तो मां होती है, हम बच्चों की जान होती हैं, अपने हाथों से खाना खिलाती, और मुझे प्यार से जबरदस्ती दो रोटी और खिलाती, और बस फिर क्या था, मैं सब कुछ छोड़ भागता हुआ घर आ जाता, और मां को देखकर मां से लिपट जाता, और बोलता की मां....मां.... मुझे आज तुम अपने हाथों से दो रोटी और ज्यादा खिला दो, पर मां कुछ समझ ही नहीं पाती थी, पर मैं सब कुछ समझ गया था, कि घर छोड़ना इतना आसान नहीं होता, इसका पता तब चलता है, जब हम घर से बाहर निकलते हैं, ओर जब किसी त्यौहार में जैसे-होली, रक्षाबंधन, दशहरा, दीपावली, पर खाने-पीने के लिए एक-एक, दाना-पानी, के लिए हम तरसते थे। और कोई भी हमारे पास हमारी मदद करने नहीं आता था, और यही बात उस दिन मुझे समझ आ गई, और मैं तब सोच लिया था, कि नहीं आज से मैं घर में ही रहूंगा, और साथ अपने माता-पिता के साथ ही रहूंगा, और उनके साथ ही रहकर अपनी उड़ान को नहीं भरूंगा, लेकिन एक उड़ते पंछी की तरह सोच रखूंगा, और जमीं पर रहकर ख़ुद पर भरोसा रखूंगा। और तब से मैंने लिखना-पढ़ना शुरू किया, और लिखते-पढ़ते आज मेरी ना जाने कितनी ही किताबें छप गई, और जो मैं छोटा "हार्दिक" था, आज बड़ा "हार्दिक महाजन" बन गया, तो मैं सभी से यही कहना चाहूंगा की एक बार घर छोड़ने से पहले सबकुछ अच्छे से सोच समझ फैसला लीजिए, फिर तब आप बाहर जाइए ऐसा नहीं है, लेकिन आप अपने परिवार के साथ रहकर ऐसा कभी फैसला न करें। ✍️✍️हार्दिक महाजन ©@छोटा लेखक हार्दिक महाजन "मैं बहुत ही मस्तीखोर और आज़ाद पंछी के जैसा और एक आज़ाद किस्म का एक लड़का था, मुझे हमेशा दुनिया को दुनिया को देखना, ओर उस दुनिया में रहकर अप
bhim ka लाडला official
Amit Singhal "Aseemit"
आपके के घर रोशन हों खुशियों के दीये, हर्ष और उल्लास का सुरूर रहे बिन पीये। आपके जीवन में आए धन और खुशहाली, शुभ रहे आपको आने वाली है जो दीपावली। ©Amit Singhal "Aseemit" #दीपावली
Ravishankar Nishad