Find the Latest Status about द्वापर युग के भगवान from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, द्वापर युग के भगवान.
Pushpendra Pankaj
द्वापर की मित्रता बरसों की उम्मीदें लेकर, श्याम तेरे दर आया हूँ। देख मुझे, मैं विप्र सुदामा,मित्र से मिलने आया हूँ ।। सुना है तेरे दर्शन मात्र में,अजब मोह और जादू है। आ जल्दी से गले लगा ले, मन उत्सुक बेकाबू है।। लम्बी अवधि चली प्रतीक्षा,कटते रहे दिवस और रैन। आज मेरा मन प्रश्न पूछता,कब आएगा मन को चैन।। श्याम उठे,फिर गले लगाया,बोले मैं तेरा साया हूँ । अब सारे दुख दूर हो गए,सुख की गागर लाया हूँ ।। हरि आसन पर मित्र बिठाया ,देख दुर्दशा रोने लगे। रोते जाएँ ,रोते जाएँ ,अश्रुओं से पग धोने लगे ।। नयन नीर भर उठे सुदामा,अपलक फिर हरि को देखा, बोले युगों तक याद रहेंगे,द्वापर युग के बाल सखा ।। पुष्पेन्द्र"पंकज" ©Pushpendra Pankaj #humantouch द्वापर युग के बाल सखा
Pooja Singh Rajput 🎓
त्रैतायुग में धर्म के तीन पैर थे। इस युग में पाप की मात्रा 25% और पुण्य की मात्रा 75% थी। द्वापर में धर्म के दो पैर ही रहे। इस युग में पाप की मात्रा 50% और पुण्य की मात्रा 50% थी। कलिकाल में धर्म के पैरों का कोई नामोनिशान नहीं है। इस युग में पाप की मात्रा 75% और पुण्य की मात्रा 25% ही रह गए है। -pooja singh rajput✍🍁 #वैदिककाल#भगवान#आनादीकाल#आदिकाल#कर्म#निशाचर#युग
Parasram Arora
आखिर मैंने एकदिन पथ्हर.युग के अवशेशो क़ो ढूंढ़ने मे सफलता प्राप्त कर ही ली उन अवशेशो के खंडहर मे पुरातन हड्डीयो के बींच मै अपनी अस्थियो क़ो पहचान कर बेहद ख़ुश हुआ . जबकि उन पर ज़र्दिली गर्द की परत जमी हुई थी... ज़ो कह रही थी की मै उस युग मे भी इतना ही खूंखार था जितना खूखार मै आज हूँ..... फर्क बस इतना है कि पथ्हर युग मे मै चार पैरो से चला करता था और पंजों पर बड़े बड़े नाखून हुआ करते थे आज मै दो पैरो से. चलता हूँ. और पज़ो से नाखून गायब है ©Parasram Arora पथ्हर युग के अवशेष