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वंदना ....

Ajay Tanwar Mehrana

#योग #युग #का या स्वयं का

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प्रेम योगी हैं बहुत कम 
बिना इनके पड़े अकाल
 योग करने का नहीं दम
इसलिए है जिस्म जाल ।

योग युग का या स्वयं का
बन गया अद्भुत कमाल ,
 योग मेरा और तुम्हारा 
बन रहा प्रतिपल मिशाल ।

प्रेम भोगी हैं बहुत सारे 
जो भोगें गम मलाल ,
जिन्हें प्रिय हैं खूबसूरत 
शक्ल और गुलाबी गाल ।

बिना प्रेम भोगे गले ना 
किसी की नौजवां दाल
इसलिए सदियों से चलती 
आ रही प्रिय प्रेम चाल ।

इस मिलन का योग है 
भोग में निश्चित दलाल ,
योग युग का या स्वयं का 
बन गया अद्भुत कमाल ।
.

©Ajay Tanwar Mehrana #योग #युग #का या स्वयं का

Vinod Mishra

#विनोद मिश्र #मोदी #युग #पुरुष मोटिवेशन

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शब्दों के जादूगर

Amit Singhal "Aseemit"

#युग

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अदनासा-

Ghumnam Gautam

Mukesh Poonia

#युग कोई भी हो #कदर... हमेशा #सच्चाई और #अच्छाई की होती है

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Biikrmjet Sing

#युग

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सतयुग सत त्रेता यगी द्वापर पूजाचार।। तीनो जुग तीनों दिड़े कल केवल नाम आधार।। 2. भगत जुगत मत सर करी भृम बंदन काट बिकार।। 3. उनमन मन मन ही मिले छुटकत बजर कपाट।।

अर्थ:- सतयुग में सत्य त्रेता में यज्ञ व द्वापर में पूजा अर्चना का समय था।। तीनो युग के यह क्रम दृड़ थे और कलयुग में केवल निराकार प्रकाश को नेत्रों से निहारना यानी नाम धयाना ही मन का आधार है।। 2. भगती क्या है? वह है जुगती यानी एकदृष्ट करके मन की मत चोड़ कर गुर यानी निराकार की मत लेना जिससे सारी जगत की मत मन जीत लेता है और खुद को शरीर समझने का भान छोड़ खुद को प्रकाश स्वरूप मन समझता है और उस मन के बंधन ओर विकार काटे जाते हैं।। 3. उनमन यानी उस निराकार में चौथे पद में मन समा जाता है और उसकी दृष्टि के आगे पड़ा भृम का पर्दा यानी वज्र कपाट खुल जाता है निराकार यानी गुर के ज्ञान द्वारा।।

©Biikrmjet Sing #युग

पूर्वार्थ

🙏 खत्म होने जा रहा है एक युग 👏(आयातित)
आने वाले 10/20 साल में एक पीढी संसार
 छोड़ कर जाने वाली है...जो सीनियर सिटीजन है।
जिनकी उम्र इस समय लगभग 60 -75 साल की है।
इस पीढ़ी के लोग बिलकुल अलग ही हैं...
रात को जल्दी सोने वाले, सुबह जल्दी
 जागने वाले, भोर में घूमने निकलने वाले।
आंगन और पौधों को पानी देने वाले, देवपूजा के लिए फूल तोड़ने वाले,
 पूजा अर्चना करने वाले, प्रतिदिन मंदिर जाने वाले।
रास्ते में मिलने वालों से बात करने वाले, उनका सुख दु:ख पूछने वाले, दोनो 
हाथ जोड कर प्रणाम करने वाले, पूजा किये बगैर अन्नग्रहण न करने वाले।
उनका अजीब सा संसार...तीज त्यौहार, मेहमान शिष्टाचार, अन्न, 
धान्य, सब्जी, भाजी की चिंता तीर्थयात्रा, 
रीति रिवाज, सनातन धर्म के इर्द गिर्द घूमने वाले ॥ 
हमेशा एकादशी याद रखने वाले, अमावस्या और पूर्णमासी याद रखने
 वाले लोग, भगवान पर प्रचंड विश्वास रखने वाले, समाज का डर पालने वाले,
 पुरानी चप्पल, बनियान, चश्मे वाले 
नज़र उतारने वाले,
क्या आप जानते हैं कि ये सभी लोग धीरे धीरे
, हमारा साथ छोड़ के जा रहे हैं।
क्या आपके घर में भी ऐसा कोई है?  
यदि हाँ, तो उनका बेहद ख्याल रखें।
अन्यथा एक महत्वपूर्ण सीख, उनके साथ ही चली जायेगी... वो है
, संतोषी जीवन, सादगीपूर्ण जीवन, प्रेरणा देने वाला जीवन, मिलावट और 
बनावट रहित जीवन, धर्म सम्मत मार्ग पर चलने वाला जीवन और सबकी
 फिक्र करने वाला आत्मीय जीवन
  संस्कार ही अपराध रोक सकते है सरकार नहीl

*🙏यही है वो सीनियर सिटीजन🙏*

©purvarth #hands 
#युग
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