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Satish Mapatpuri
तीखी धूप लग रही है हाट औ बाजार में लूटने का चलन देखो देश के गद्दार में छाँह की पनाह खोजते गरीबी मर गई छाँव ने बदल ली ठाँव जाने किससे डर गई …… सतीश मापतपुरी ©Satish Mapatpuri देश के गद्दार #seashore
देश के गद्दार #seashore
read moreDR. LAVKESH GANDHI
देशद्रोही दिल्ली दंग है दंगाइयों को देख कर लालकिला हतप्रभ है दंगाइयों को देख कर किसान के रूप में ये भेड़िए हैं कौन हाथ में तलवार ले कर ये दंगाई आए हैं कौन नाम है किसान का और काम शैतान का दिल में देशद्रोह रख कर ये किसान के रूप में ये सब देशद्रोही दिल्ली में बैठे हैं कौन किसान तो है रात-दिन खेत में फिर सड़कों पर किसान के रूप में बैठा है कौन देशद्रोही #देश के गद्दार # #yqdeshdrohi #yqsajish # #yqbaba #yqdidi #
देशद्रोही देश के गद्दार # yqdeshdrohi yqsajish # yqbaba yqdidi #
read moreDR. LAVKESH GANDHI
क्यों दहल रही दिल्ली सृजन करने वाले किसान भारत की आन बान शान गौरवशाली लालकिला में विध्वंस कर नहीं सकते जिन्होंने किया विध्वंस वो किसान हो नहीं सकते मत गिर जाओ इतना कि तुम्हें तुम पर नस्ल भी थूकें राजनीति में अवसर बहुत हैं स्वार्थ में इतना गिर कर देशद्रोही मत बन जाओ लालकिला #गद्दार देश के # #yqdeshdrohi #yqgaddar # #yqbaba #yqdidi #
लालकिला गद्दार देश के # yqdeshdrohi yqgaddar # yqbaba yqdidi #
read moreDR. LAVKESH GANDHI
कह दो दिल्ली के गद्दारों से तेरी माँ भी शर्मिंदा है तेरी काली करतूतों से पिता का माथा नीचा है तेरे वतन की गद्दारी से चीख चीख कर कह रही लालकिला की प्राचीर तूने झुकाया भारत माँ का शीश फिर से एक बार गणतंत्र को कर कलंकित तूने बता दिया अपने गुणसूत्र को है कितना कलंकित लालकिला #देश के गद्दार # #yqaatankvadi #yqdeshdrohi # #yqbaba #yqdidi #
लालकिला देश के गद्दार # yqaatankvadi yqdeshdrohi # yqbaba yqdidi #
read moreShashi Kant Jangam
देश के गद्दार मांगे जवाब ओर वो भी सेना से
देश के गद्दार मांगे जवाब ओर वो भी सेना से
read moreTarakeshwar Dubey
घर के गद्दार ................ इतिहास साक्षी है हमारे, दिल पर लगे घावों का, तड़पते हुए आहों में बसे, कसकते हुए भावों का। मुंह पर मीठे बोल बोलकर, रचे सभी जज्बातों का, विश्वास का गला घोंट, छल से किए आघातों का। हम सदा तैयार निपटने को, दुश्मन के वारों से, पर शिकन पड़ी माथे पर, घर में बैठे गद्दारों से। हमारे अपनों ने षडयंत्र के, है अनगिनत खंजर चलाई, विश्वास की धरा पर बैठे, हमने कितनी मुंह की खाई। पृथ्वीराज की बहादुरी, जब भी वर्णित होती है, राष्ट्रद्रोही जयचंद की यादें, स्वत: ताजा हो लेती है। हम नहीं भयभीत बैरी के, संहारक हथियारों से, पर शिकन पड़ी माथे पर, घर में बैठे गद्दारों से। आजादी तो मिली हमें, लाखों बलिदानों के बदले, अहिंसा का पाठ पढ़, इसे खैरात हम मान चले। लक्ष्मीबाई की देशभक्ति, की जितनी चर्चा होती, सिंधिया की गद्दारी भी, उतनी बार वर्णित होती। हुए नहीं इतने घायल, दुश्मन के बर्छी कटारों से, अत: शिकन पड़ी माथे पर, घर में बैठे गद्दारों से। हमें बांट बांट करके, राज अधर्म अपनाया गया, लड़ते रहे सदा हमने, भेद का पाठ पढ़ाया गया। शिक्षा के मापदंडों की, तोड़ मड़ोड़ बिगाड़ी काया, छल, प्रपंच के शूलों से, हमें पथ से भटकाया गया। बैरियों के मनसूबे गढ़ते, हम त्रस्त राष्ट्र के मक्कारों से, अत: शिकन पड़ी माथे पर, घर में बैठे गद्दारों से। किस पर करें भरोषा अब, कहें किसे राष्ट्र निर्माता? कैसे हो विश्वास जब, सत्ता रिश्वत का गुण गाता? धोखाधड़ी और फरेब का, निर्भय होता व्यापार है, गुंडेगर्दी के बल पर जो, चल रही सरकार है। हो सकते हम नहीं आघात, बैरी के पैने प्रहारों से, पर शिकन पड़ी माथे पर, घर में बैठे गद्दारों से। ©Tarakeshwar Dubey घर के गद्दार #sunkissed
घर के गद्दार #sunkissed #कविता
read moreSahid Zjk
जय जय प्रतिज्ञा बोलू में देश की मिटटी मे खेलु में पल पल इस देश के लिए लड़ जाऊं मे तिरंगे को लेकर दुनिया में लहराऊ मे देश के बलिदानों को अपना धर्म बनाऊं मे मिट्टी का तिलक लगाऊं में जातियों का बेद बाऊ मिटाऊं में में हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई जयन में देश को महानता की मिसाल बनाऊं में ©Sahid Zjk एक शायरी देश के नाम #IndianAirforceday
एक शायरी देश के नाम #IndianAirforceday
read morePintu Kumar
तैरना है तो समुंदर में तेरो नालों में क्या रखा है प्यार करना है तो देश से करो औरों में क्या रखा है ©Pintu Kumar देश शायरी
देश शायरी
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