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Rameshkumar Mehra Mehra
बहुत कुछ बदल जाता है............ बढ़ती उम्र के साथ.......! पहले हम जिद किया करते थे....!! अब हम समझौता करते है..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # बहुत कुछ बदल जाता है,बढ़ती उम्र के साथ,पहले हम जिद किया करते थे,अब हम समझौता करते है.....
# बहुत कुछ बदल जाता है,बढ़ती उम्र के साथ,पहले हम जिद किया करते थे,अब हम समझौता करते है..... #Quotes
read moreGautam (motivation ji)
White जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।। ©Gautam (motivation ji) #जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं #परिवार होता है।। #Life #Family #Nojoto #viral
Sanjay Ni_ra_la
White तुम्हारी ज़िद का मान रखते हैं आँखों में पूरा सम्मान रखते हैं खबर नहीं मुझे खुद की अब कहते हैं, हम गुमान रखते हैं Sanjay Ni_ra_la 02 जून 2024 ©Sanjay Ni_ra_la जिद
जिद #शायरी
read moreVishal Kumar
White जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।। ©Vishal Kumar जहाँ सूर्य की किरण हो, वहीं प्रकाश होता है, और जहाँ प्रेम की भाषा हो, वहीं परिवार होता है।।#reels#vidieo
राज़ मेहरा
तू मुझसे दूरी बढाने का शौक पूरा कर,,, हमारी भी जिद है तुझे हर दुआ में मांगेंगे... ©राज़ मेहरा तू मुझसे दूरी बढाने का शौक पूरा कर,,, हमारी भी जिद है तुझे हर दुआ में मांगेंगे...
तू मुझसे दूरी बढाने का शौक पूरा कर,,, हमारी भी जिद है तुझे हर दुआ में मांगेंगे... #लव
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White रास्ते कहां खतम होते है..... जिन्दगी के सफर में....! मंजिल तो बही है...!! जहां ख्वाहिश थम जाए..... ©Rameshkumar Mehra Mehra # रास्ते कहां खत्म होते है,जिन्दगी के सफर में,मंजिल तो बही है,जहाँ ख्वाहिशे थम जाए......
# रास्ते कहां खत्म होते है,जिन्दगी के सफर में,मंजिल तो बही है,जहाँ ख्वाहिशे थम जाए...... #Quotes
read moreBolte Alfaaz
आजकल का दौर भीं अजीब है ! जहाँ मोहब्बत और जलील एक साथ होते है !! #BolteAlfaaz #SAD
read moreMahadev Son
ये चंचल मन ले चल तू आज मुझे उस बस्ती में जहाँ जगदम्बे माँ का डेरा है आज दिल बेताब मेरा मिलने को तड़पता है बस ले चल तू ये चंचल मन जहाँ मेरी माँ का डेरा वैसे तो रोज भटकाता है आज मेरा भी ज़ी करता तुझे भटकाने को बस अब ले चल सपनों में सही बस तू ले चल अब उस बस्ती में जहाँ माँ का डेरा है ©Mahadev Son ये चंचल मन ले चल तू आज मुझे उस बस्ती में जहाँ जगदम्बे माँ का डेरा है आज दिल बेताब मेरा मिलने को तड़पता है बस ले चल तू ये चंचल मन जहाँ मेरी म
ये चंचल मन ले चल तू आज मुझे उस बस्ती में जहाँ जगदम्बे माँ का डेरा है आज दिल बेताब मेरा मिलने को तड़पता है बस ले चल तू ये चंचल मन जहाँ मेरी म #Bhakti
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