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SarkaR
कुछ सवाल है इस चेहरे पर लिखा, न जाने कौनसी कश्मकश में हो ©SarkaR #चेहरा
Ashok Verma "Hamdard"
White *गजल* ********** मुखड़ा* -दुपट्टे से अपना चेहरा,क्यों छुपाती बार बार 2 माना की चेहरा नाजुक तेरा है2नज़रें नहीं मेरा कटार दुपट्टे से अपना चेहरा ,क्यों छुपाती बार बार 2 अंतरा 1(लड़का)-- नाज़ुक कली सा ये बदन है,चेहरे पर है सादगी पत्थर की मूरत सी हो तुम,दिल करता करूं बंदगी आबदारी देख हुस्न का 2,दिल हो जाता है लाचार दुपट्टे से अपना चेहरा......................….. अंतरा 2(लड़की)-चाहत मेरे दिल में भी है,शर्म हया की बात है फैसले ग़ूल जो आने वाला,उसके इंतज़ार की छुपने छुपाने से बढ़ता है2,देखनें वालों का ये प्यार लड़का-- दुपट्टे से अपना चेहरा.................. लड़की -- छुपने छुपाने से बढ़ता है 2 देखनें वालों...... ©Ashok Verma "Hamdard" #दुपट्टे से अपना चेहरा
Arora PR
White हाला कि इसअजनबी का चेहरा काफी घिसा हुआ है फिर भी मै इसे पहचान गया हु ये अजनबी किसी व्यस्त शहर का बेबस इंसान है जो तमाम उम्र जिंदगी में संघर्ष करता हुआ खुद क़ो काफ़ी घिसा चुका है ©Arora PR घिसा हुआ चेहरा ri
'मनु' poetry -ek-khayaal
Dev Rishi
यौवन तेरा, मधुवन तेरा शहर तेरा, विचरण मेरा एक ताज़ी फूल है बागों में तोड़, ले आऊं, दे दूं तेरे हाथों में... नदी का किनारा बसा तेरा मन है तुम पेड की छाव, उसके नीचे मेरा तन है मैं बहता पानी, तू चंचल मन है मैं मिल जाऊं तुझ में , तू मेरा गंगा जल है ©Dev Rishi #यौवन तेरा मधुवन तेरा.....
NIRAJ KUMAR SWARNKAR
Blue Moon जब चाँद उगता है, तो तेरी याद आती है क्यूंकि उस चाँद से मिलता जुलता तेरा चेहरा था मुझे याद हैं आज भी ,तुम कहां करती थी , चाँद हो तुम मेरा, तुम्हें कभी खो नहीं सकती और आज तुम कहीं मैं कहीं ,देख तेरा वादा झूठा था ©NIRAJ KUMAR SWARNKAR जब चाँद उगता है, तो तेरी याद आती है क्यूंकि उस चाँद से मिलता जुलता तेरा चेहरा था
Rameshkumar Mehra Mehra
तुझे चाहा............. तुझे दिल में बसाया..! तेरा ही हो जाने का ख्बाब देखा है...!! जब-जब बंद की है,ये आँखे मैने...!!! तेरा ही चेहरा...... बेहिसाब देखा है....... ©Rameshkumar Mehra Mehra # तुझे चाहा...... तुझे दिल में बसाया,तेरा ही हो जाने का ख्बाब देखा है,जब-जब बंद की है,ये आँखे मैने तेरा ही तेरा चेहरा,बेहिसाब देखा है...
Rameshkumar Mehra Mehra
तुझे चाहा..... तुझे ही दिल में बसाया...! तेरा ही हो जानें का ख्बाब देखा है...!! जब-जब बंद की है........!!! ये आंखे....... मैने तेरा ही चेहरा....!!!! बेहिसाब देखा है....... ©Rameshkumar Mehra Mehra # तुझे चाहा,तुझे दिल में बसाया,तेरा ही हो जाने का ख्बाब देखा है,जब-जब बंद की है,ये आंखे मैने तेरा चेहरा......बेहिसाब देखा है.....