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Yunus golden
White जो इक बार नज़र से उतर गये फ़र्क नहीं पड़ता वो किधर गये यूनुस गोल्डन ©Yunus golden #Thinking जो इक बार नज़र से उतर गये फ़र्क नहीं पड़ता वो किधर गये यूनुस गोल्डन
#Thinking जो इक बार नज़र से उतर गये फ़र्क नहीं पड़ता वो किधर गये यूनुस गोल्डन
read moreF M POETRY
White इक कलम से हज़ार ग़म लिखें.. और वो सारे ग़म तुम्हारे थे.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #और वो सारे ग़म...
#और वो सारे ग़म...
read more- Arun Aarya
मेरे आँखों की रौशनी , मेरी चमक , मेरे उजाले ले गये ! मेरी गाँव की मोहब्बत को आकर ,, शहर वाले ले गये..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #HeartBreak #ले गये
#HeartBreak #ले गये
read moreMohan Sardarshahari
White शहर में होकर शहर के नजारे हों तो कोई नई बात नहीं देखे जब शहर में गांव के नजारे तो खुद से मुलाकात हुई । पीछे फार्म हाउस के नजारे, सामने पार्क में जोड़ों ने नीम की छड़ियों से एक-दूसरे पर बरसात की बरबस ही दिन की गांव जैसी ही शुरूआत हुई।। ©Mohan Sardarshahari गांव के नजारे
गांव के नजारे
read morePraveen Jain "पल्लव"
Unsplash पल्लव की डायरी प्यार के काबिल थे हम घरौंदा अपना सजाना था परवरिश देकर परिवारों को संस्कारो और ममता का दायरा बढ़ाना था मगर जमाने ने नारी को बरगला रखा है खुद के बजूद की दुहाई देकर शोषण का बाजार सजा रखा है टूट रही है बुनियाद परिवारों की सन्तति अमर्यादित हो रही है भोगवाद की भेंट चढ़ाकर दायरे सब सिमट रहे है माँ बहन बेटी सब कमाने निकल गये अजायबघर जैसे घर हो गये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #library अजायबघर जैसे घर हो गये
#library अजायबघर जैसे घर हो गये
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी छाँव की पर्दादारी गयी रिश्ते सब टूट गये खिल ना सके इन पतझरो के बाद कैद कही हवा पानी हो गये ठूठ से हम बंजर खड़े है खाद्यपानी नेता चर गये अग्नि परीक्षा देते देते हम ओवरेज की उम्र में चले गये खता जो मैने समझी अब तक साजिशों से ठगे गये है बूँद तक की प्यास के लिये कितने पहरे ईजाद किये गये है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning कितने पहरे ईजाद किये गये है
#GoodMorning कितने पहरे ईजाद किये गये है
read moreसंजय जालिम " आज़मगढी"
हर हाल में घर द्वर् चलाना है हर रिश्ते सारे हमें निभाना है सबकी नजरे संजय सी नहीं होती.. यूँ तो हर राह में " जालिम " जमाना है बहुत ©Sanjay Kumar ## सारे रिश्ते ##
## सारे रिश्ते ##
read moreRUPESH Kr SINHA
............................. ©RUPESH Kr SINHA #घट गये जीवन का एक वर्ष
#घट गये जीवन का एक वर्ष
read moreनवनीत ठाकुर
White त्रिशूल की धार, जटा में गंगा, भस्म का तन, शिव का रंगा। काल भी जिनके आगे सिर झुकाले, शिव के बिना कौन सृष्टि संभाले। माथे पे चंद्र, गले में विष, त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष। कैलाश का वासी, सबके सहारे, शिव के बिना सब जगत अंधकारे। गले में सर्प, हाथों में त्रिशूल, शिव की भक्ति से कट जाए हर भूल। महाकाल का जिनको मिले सहारा, भक्त का जीवन खिले सारा। भांग-धतूरा चढ़े जिनके सिर, ध्यान मात्र से उनके मिट जाए भय, शिव की महिमा अपार और स्थिर। ©नवनीत ठाकुर #ध्यान मात्र से उनके मिट जाए सारे भय
#ध्यान मात्र से उनके मिट जाए सारे भय
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