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Bhole ki Deewani
उसी के साथ आऊंगी आपके दर पर महादेव जिसके लिए सोलह सोमवार कर बैठी हूं..!! AL. ©Bhole ki Deewani उसी के साथ आऊंगी आपके दर पर महादेव जिसके लिए सोलह सोमवार कर बैठी हूं..!! AL #Love #mahadev #sukoon #Bholenath #pyaar #Shiva #Video Lavkesh_W
Jaishree Bedi Nanda
मैं नास्तिक हूँ... मैने कभी नहीं की पीपल की परिक्रमा... कभी नही रखे सोलह सोमवार के वर्त... पर मैं टूटे तारे को देख कर मननत ज़रुर मागती हूँ... पता नहीं क्यों??? मैं नास्तिक हूँ... मैने कभी नहीं की पीपल की परिक्रमा... कभी नही रखे सोलह सोमवार के वर्त... पर मैं टूटे तारे को देख कर मननत ज़रुर मागती हूँ..
AK__Alfaaz..
भूगोल की क्लास मे, पढ़ने वाली, 14 बरस की लड़की, मानचित्रों पर, उष्णकटिबंधीय वनों व, शीत कटिबंधीय वनों को, खोजती है, और.., उकेरती है, अपने मन के मरूस्थल पर, बबूल,नागफनी की हरियाली, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #18_बरस_की_लड़की भूगोल की क्लास मे, पढ़ने वाली, 14 बरस की लड़की,
JALAJ KUMAR RATHOUR
दीवाना कैसे देखूँ लू आँखो में उस पगली के आँखो में आनसु जो हर बार मेरे आँसू के खातिर दुपट्टा अपना बढाती है, मेरी खातिर वो पागल लडकी सोलह सोमवार व्रत भी रह जाती है, कुछ न कहने पर भी मेरे दिल की बात समझ जाती है, मेरी हर तकलीफो में मेरा साथ निभाती है कैसे तोड़ दू यारो में उसका भरोसा, जो मुझे अपना खुदा बताती है दरमियाँ मेरे ना कोई ख्वाहिश जाहिर करती है तोहफे मे सिर्फ मेरा प्यार मांगा करती है खुद तो पागल, छिपकली और कॉकरोच से डरती है पर खातिर मेरे, सारे जमाने से लड़ने की ताकत रखती है कैसे देख लू, आंसू मे उस पागल लडकी की आँखो मे जो अपनी हर खुशी, मेरे गमो पर कुर्बान करती है हाँ यारो मेरी मोहब्बत एक पागल सी लडकी है ...... #जलज राठौर #72 Hours कैसे देखूँ लू आँखो में उस पगली के आँखो में आनसु जो हर बार मेरे आँसू के खातिर दुपट्टा अपना बढाती है, मेरी खातिर वो पागल लडकी सोलह सोमवार व
Abhishek Yadav
आस्तिकता इंसान को सकारात्मकता की ओर ले जाती है। कभी-कभी जब हम टूट जाते हैं तो ऐसे ही मन ही मन बड़बड़ाने लगते हैं, ये जानते हुए भी कि कोई नहीं है सुनने वाला। पर जब आस्तिकता होती है तो लगता है कि शायद थोड़ी देर से ही सही पर भगवान सुन ही लेगा। सबकी अपनी-अपनी श्रद्धा है और सबके अपने-अपने भगवान। छोटी लड़कियों को कृष्ण भगवान बहुत भाते हैं। वो भी खुद को राधा से कम नहीं समझती हैं। थोड़ा-थोड़ा जब बड़ी होती हैं तो रुझान शंकर भगवान की तरफ बढ़ चलता है। शंकर जी जैसा वर पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत कब सोलह से बत्तीस और कभी-कभी तो अड़तालीस तक चला जाता है, पता ही नही चलता। पहले भगवान तो सोलह में ही सुन लेते थे पर अब शंकर भगवान भी करें तो क्या करें? मार्केट में हमारे जैसे ही लड़के भरे हुए हैं। फ्री में ही पसेरी भर मिल जाते हैं। अब योग्य वर कम हो गए हैं और हमारे जैसे किसी को फ्री में भी नहीं चाहिए। टास्क कठिन हो गया है शंकर भगवान के लिए भी! हिंदूवादी सरकार होने के भी सरकार की तरफ से ऐसी कोई भी पहल नहीं हो रही है। हर किसी को तो रितिक ही चाहिए। नवाजुद्दीन की तो बस एक्टिंग से ही प्यार है, शक्ल से नहीं...☹️ फिर! बेचारे लड़के आते हैं। जो हाईस्कूल से ही हनुमान जी के भक्त हो जाते हैं। मंगलवार का व्रत भी रख लेते हैं। हर मंगलवार ११₹ का प्रसाद भी चढ़ाते हैं। हनुमान जी से बल, बुद्धी, विद्या भी माँगते हैं, और तो और कोई कन्या भी पसंद आ जाए तो वो भी माँग लेते हैं। छोटे शहरों में लड़के जब उनसे कहीं नहीं मिल पाते तो हनुमान गढ़ी में ही मिल लेते हैं।🤓😜 लड़कों हनुमान जी से तो कन्या का वरदान कत्तई मत माँगना। नौकरी चाकरी सब मिल जाएगी पर छोकरी का तो सोचना भी मत। भगवान राम को सीता से जरूर मिलवा दिए थे वो पर राम जी उनसे सीनियर थे। और वो हनुमान जी के भगवान थे। अपना तो भूल जाओ।😕😂 खैर! गणेश भगवान से ट्राई कर सकते हो। वैसे भी सारा शुभ काम उन्ही से शुरू किया जाता है। और शंकर भगवान के लड़के होने के कारण उनके पास तुम्हारी अर्जी भी जल्दी पहुँच जाएगी। और शायद सोलह सोमवार वाली जमात में भी आजाओ।😂😍 तुम कितना भी शेर बन लो बेटा। अगर तुम शेर हो तो मोहतरमा! शेरा वाली माई है। केतना भी दहाड़ लो हमेशा काबू में ही रहोगे। और वैसे भी उन्होंने सोलह सोमवार का व्रत रखा हुआ है। तुम उनको तभी मिलोगे जब बीच में उन्होंने चुपके से बिस्कुट खा लिया होगा। वरना! अइसे ही टहलो तुम। आस्तिकता जीवन में जरूरी होती है। इधन होती है। कई बार जब आपके सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तो आपको अपने नए रास्ते बनाने में साहस देती है। हम खुद कई बार टूटते हैं, पर ये आस्तिकता ही है कि हर बार किसी ना किसी तरह बाहर निकल ही आते हैं। जरूरत पे भगवान, अल्लाह, इशु या नानक से कुछ ना कुछ माँगना आस्तिकता नही है। ये यकीन से आती है। मंदिर जाके बिना कुछ माँगे आइए तो वो आस्तिकता है। भगवान को भी तो लगे कि ये सिर्फ “हेल्लो” बोलने आया है। अलग इफेक्ट पड़ेगा आप पे और भगवान पे भी।😍 आपके अपने खुद के भी ईश्वर हो सकते हैं। सब किसी को मानने का खेला है। माँ-बाप, गुरु, दोस्त कोई भी आपका भगवान हो सकता है। भगवना वही तो है जो आपको ताकत देता है। सारे रास्ते खोलता है। सही गलत की पहचान बनाता है। कृष्ण, शंकर, हनुमान, अल्लाह, इशु, नानक, माँ बाप या गुरु सब भगवान ही तो हैं। चुन लो अपना अपना भगवान।👍🙏 भगवान हमेशा मजबूत बनाता है मजबूर नहीं। भगवान के नाम पे हो रहे तमाशे से बचिए। क्योंकि भगवान कभी किसी का बुरा चाह ही नही सकते। उनकी फितरत में माफ करना ही है। जो माफ करता है वो ही ईश्वर है। किसान लोग भी ध्यान देदें जरा। जब बारिश-वारिश ना हो तो एक बार मन में बस ये सोच लें कि सुबह होते ही स्वर्ग निकल लेंगे और इन्द्र के सिंघासन पे बईठ जाएँगे। सुबह होने से पहले ही बारिश हो जाएगी। मम्मी-पापा सबकी पूजा करते हैं। उनको बिटिया के बियाह की भी चिंता होती है और रिजल्ट की भी। उनको बेटवा के भविष्य की भी चिन्ता होती है और करियर की भी। उनको अपने माँ-बाप के स्वास्थ्य की भी चिन्ता होती है और उनकी अपेक्षाओं की भी। वो निःस्वार्थ ही होते हैं। सबके माँ बाप निःस्वार्थ! इसीलिए जब किसी ईश्वर में मन ना लगे तो झक मार के माँ बाप के पास आजाइएगा। रास्ता मिलेगा और सुकून भी।।😍😍 अंततः नागपंचमी के इस शुभ-अवसर पर सबको मेरी शुभकामनाएं और भोले बाबा की तरफ से आशीर्वाद।🙏🙏 बाकि! मस्त रहें, मर्यादित रहें सब लोग अपने-अपने जिंदगी में।😍😍 -✍️ अभिषेक यादव आस्तिकता इंसान को सकारात्मकता की ओर ले जाती है। कभी-कभी जब हम टूट जाते हैं तो ऐसे ही मन ही मन बड़बड़ाने लगते हैं, ये जानते हुए भी कि कोई नही
JALAJ KUMAR RATHOUR
प्रिय कॉमरेड, यार थक तो गयी होगी न। जिद भी तो तुम्हारी थी। तुम्ही को तो रहना था ये करवाचौथ का व्रत। अरे! इस व्रत की वजह से मैं मरुँ या नहीं पर हाँ। तुम्हें और तुम्हारे अधरो को यूँ सूखा व शिथिल देख जरूर मर जाऊंगा। एक बात कहउँ आज तुम न बिल्कुल वैसी लग रही थी जैसी शादी के दिन लगी थी। उस दिन मैं बड़ा सोच में था कि तुम कैसी होगी। कैसे मैं तुम्हें अपने जीवन में जगह दूंगा। लेकिन देखो तुमने तो मुझ पर कब्जा ही कर लिया। सुनो तुम मेरे साथ यूँ ही ताउम्र साथ रहना। मेरी उम्र वैसे ही बढी रहेगी।सुनो अब पानी पी लो और हाँ ऐसी ही मासूम सी रहा करो ना क्या यार ,क्या सारा घर ही सिर पर उठा लेती हो। तुम्हें पता नही होगा पर हाँ ,मैं पूरे सोलह सोमवार व्रत रहा था। बस इसी लिए कि मुझे ऐसी प्रिय मिले जो मुझे समझे और मेरे सपनो का सम्मान करे। तुम बिल्कुल वैसी ही हो। सुनो तुम भी अपने सपने बताओ, साथ मिलकर पूरा करेंगे। इस बार के व्रत की तरह। .. #सिर्फ तुम्हारा. #जलज कुमार #Karwachauth प्रिय कॉमरेड, यार थक तो गयी होगी न। जिद भी तो तुम्हारी थी। तुम्ही को तो रहना था ये करवाचौथ का व्रत। अरे! इस व्रत की वजह से मैं
Vandana
ईश्वर से कभी नहीं मांगा प्रेम मांगा तो जीवन का कर्ताधर्ता सोलह सोमवार का व्रत शिवलिंग में बेलपत्र चढ़ाकर ईश्वर से मांगती है पति परमेश्वर नहीं मांगती प्रेम को जिस आंगन में वह तुलसी बन महकेगी चारों
JALAJ KUMAR RATHOUR
सुनो, एक दिन तुम गुजरो उसी स्कूल से जहाँ हम मिले थे। तुम्हे याद आयेंग बीते वो दिन फिर से ,जिनके तुम्हारे जहन में शायद कहीं अवशेष रह गए होंगे और उन अवशेषों में मैं जरूर होऊंगा, हो सकता है तुम कुछ समय के लिए स्तब्ध हो जाओ और देखा उस सोलह साल के लड़के की प्रतिछाया को स्कूल के गेट पर जो इंतजार में रहता था तुम्हारे,जिसे याद थे तुम्हारे हेयर बैंड के कलर,और तुम्हारे फेवरेट गाने जो तुम गुनगुनाती थी। तुम उस वक्त याद करोगी वो क्लास की सीट जिस पर उसने दिल बनाकर तुम्हारा नाम लिखा था। फिर तुम कोशिश करोगी मुझसे मिलने की और मेरे पुराने घर आने की , उस घर पर आने की जिसकी दहलीज तक लाने के लिए वो सोलह साल का लड़का सोलह सोमवार व्रत रहा था। और शायद तुम पहुँच भी जाओ, और तुम कोशिश करो ,मेरा नाम उसी पुराने हक से पुकारने की, पर तुम्हारे स्वरो को शब्दों का रूप लेने में रोक ले तुम्हारे गले का मंगल सूत्र और फिर तुम अजनबी हो जाओ, पर दिमाग और समाज को किनारे रख कर तुम खटखटाओ मेरे दरवाजे की वो कुंडी जो तरस गयी थी तुम्हारे स्पर्श को , हो सकता है अंदर से मेरी माँ आयें और तुम्हे पार करवाये मेरे घर की दहलीज, तुम उनके इस प्रेम भाव को चावल से भरा लौटा मान लेना और थोड़ा मना करना पर वापस ना जाना,हो सकता है तुम मिलो मेरी बेटी से जिसका नाम तुमसे मिलता हो। हो सकता है। मेरी पत्नी भी मिले तुमसे, हो सकता है उस दिन तुम वजह बन मेरे और मेरी पत्नी के सवालों की, पर एक गुजारिश है ,तुम जाना जरूर उस स्कूल में, मेरी गली में, मेरे घर में, और चूमना मेरे बेटी के सिर को क्युकी चाहता हूँ मैं ,कि मेरी बेटी भी तुम्हारी जैसी बने, जिसकी नजरों में प्रेम सिर्फ माँ बाप का सत्य हो और त्याग की जो मूरत हो, हो सकता है समझ सके वो तुम्हारे और हमारे प्रेम को, क्युकी शायद मैं तब तक रहूँ ना रहूँ पर मुझे संपूर्ण विश्वास है तुम सिखाओगी मेरी पुत्री को प्रेम का सही मतलब, उम्मीद है तुम आओगी जरूर.. ....... तुम्हारा दोस्त .......... #जलज राठौर सुनो, एक दिन तुम गुजरो उसी स्कूल से जहाँ हम मिले थे। तुम्हे याद आयेंग बीते वो दिन फिर से ,जिनके तुम्हारे जहन में शायद कहीं अवशेष रह गए होंग
AK__Alfaaz..
जेठ की, तपती भूमि पर, आषाढ़ मे गिरी, उसके नैनों से, विश्वास की बूंद, भाप बनकर उड़ गई, पीड़ाओं की चलती लू मे, उन बिखरे दिनों की, इक टूटी साँझ को, उसकी हथेलियों पर, इक तिरछी लकीर उभर आयी, आशाओं की, जिसे..काटकर आगे बढ़ी थी, उसके हिस्से की, समर्पण की लकीर, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #अहिल्या जेठ की, तपती भूमि पर, आषाढ़ मे गिरी, उसके नैनों से,