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Stories related to रात को

Lakhnavi shayar 2.O

Unsplash कुछ ख्वाब चमन में पलकों की हम छोड़ के सोते हैं ।
एहसासों से मन का रिश्ता अब जोड़ के सोते हैं ।
पूछो न मेरे हमदम कितनी अब सर्द हिज़्र की राते हैं,
इक कम्बल तेरी यादों की हम ओढ़ के सोते हैं ।

नीरज निश्चल

©Lakhnavi shayar 2.O #Book #शायरी #virel #कविता #रात #इश्क #प्यार #नीरज

Parasram Arora

विरह क़ी रात

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White विरह क़ी रात तों जैसे  तैसे किसी तरह 
गुज़र ही जायेगी 

पर इस हकीकत को चाँद के सिवाय कोई नहीं जानता कि 
मै रात भर सोया नहीं था

©Parasram Arora विरह क़ी रात

theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

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उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #erotica 

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

Shubham Bhardwaj

White रात अंधेरी है मगर सितारे साथ हैं।
इस तन्हाई में भी,ग़म हमारे पास हैं।।

©Shubham Bhardwaj #Sad_Status #रात #सितारे #हम

Dr.Priyanka Chandra

#Happy love हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी

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हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी
हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी

©Dr.Priyanka Chandra #Happy  love
हर रात यादों से वो लम्हें चुराया करती थी
हर रात लम्हों में उसे अपना बनाया करती थी

Jitendra Giri Hindu

रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness WritingPrompt 'दर्द भरी शायरी'

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चांदनी ने पूछा, ये चेहरा क्यों हंसता है,
दिल के दरवाजे पर क्यों सन्नाटा बसता है?
कह न पाया, आंखों का ये हाल,
मुस्कुराहट के पीछे है जख्मों का जाल।

हर रात ये आँखें सितारों से लड़ती,
भीतर के आँसू हवाओं में बहती।
ख्वाबों की परतें टूट-टूट गिरें,
उम्मीदों की चादर फटी-फटी मिलें।

सवालों के घेरे, जवाबों का डर,
दर्द छुपाने में लगती हर एक नजर।
हंसी के सुरों में रुदन की कहानी,
हर रोज़ ये दिल खेले नयी रूहानी।

चांदनी ने फिर कहा, सच कह दे अभी,
क्यों हर मुस्कान में छुपी है खलबली?
दिल ने बस धीरे से इतना बताया,
"मुस्कुराने का हुनर, जीने का साया।"

©Jitendra Giri Goswami रात रात मुस्कुराने का हुनर। #sadness #NojotoWritingPrompt  'दर्द भरी शायरी'

Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha #Sad_Status 
#रात

Avinash Jha

White नीली चादर ओढ़े है आसमान,
डूबा है अंधियारे में जहान।
लालिमा लिए वो चाँद का टुकड़ा,
ज्यों किसी राज़ का हो मुखड़ा।

सन्नाटा पसरा है गली-मोहल्लों में,
घर की खिड़की से झांकते उजालों में।
पीली रोशनी की परछाई कहती है,
हर दीवार के पीछे एक कहानी रहती है।

बिजली के तारों का वो उलझा जाल,
सपनों और हकीकत का अदृश्य हाल।
इस रात की गोद में छुपे कई राज़,
जिन्हें सुलझाए कोई दिल का हमराज़।

एकांत में बसी ये अनकही बातें,
चाँद और खिड़की के बीच की मुलाकातें।
न जाने कब ये अंधेरा टूटेगा,
और ये रहस्य नया सवेरा पूछेगा।

©Avinash Jha #Sad_Status 
#रात

Tej Pratap

ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश,
कैसा लगता हैं।
हमें तो बादलों से झांकता चाँद,
अच्छा लगता हैं।।

©Tej Pratap #चांद #chaand #रात #Quote

Tej Pratap

ये न पूछो कि कृत्रिम बतियों का प्रकाश,
कैसा लगता है।
हमें तो बादलों से झांकता चांद ,
अच्छा लगता हैं।।

©Tej Pratap #रात #चांद #Quote
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