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Stories related to रात को

theABHAYSINGH_BIPIN

#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

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उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो।

जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर,
तेरे अंगों की महक में बिखेर दो।
मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर,
इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो।

भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में,
तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो।
कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही,
अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो।

हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब,
तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो।
हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को,
मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #erotica 

उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर,
इस सर्द दिसंबर को जून कर दो।
लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर,
मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग

Keshav baba

पूरी रात... #Couple

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White वो एक शख्स था...
जिसके साथ हम पूरी रात जगते थे,,
रात तो वही है आज भी, 
बस वो शख्स 
अब वो शख्स नही रह गया ...

©Keshav baba पूरी रात...
#Couple

ਸੀਰਿਯਸ jatt

रंडिया निकलती है gurugram में रात को Gurugram की कितनी लड़कियाँ चोदी है तुम्हारे भाई ने!

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Rimpi chaube

#मातापिता 😊 समझ आई तो बच्चे कैसे भूल गए उस बात को। मैले कपड़े पहने माता–पिता,कितना कष्ट उठाएं दिन–रात को। जीवन जिन्होंने दांव लगाया,बच्चों क

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समझ आई तो बच्चे कैसे भूल गए उस बात को।
मैले कपड़े पहने माता–पिता,कितना कष्ट उठाएं दिन–रात को।
जीवन जिन्होंने दांव लगाया,बच्चों के पालन पोषण पर,
आज वही बच्चे नहीं समझते,अपने माता–पिता के जज्बात को।।

©Rimpi chaube #मातापिता 😊
समझ आई तो बच्चे कैसे भूल गए उस बात को।
मैले कपड़े पहने माता–पिता,कितना कष्ट उठाएं दिन–रात को।
जीवन जिन्होंने दांव लगाया,बच्चों क

Parasram Arora

अकेली रात

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White वो रात अकेली ही बिस्तर पर पढ़ी पढ़ी अपनी तन्हाई  पर आंसू बहा कर सिसकती रहीं 

और मैं दूर खड़ा उसकी तन्हाई और उसके  आंसुओ को  पीता रहा

©Parasram Arora अकेली रात
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