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Shiv pratap
हम, भारत के लोग भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न,समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष,लोकतंत्रात्मक,गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार अभिव्यक्ति विश्वास धर्म की उपासना की स्वतंत्रता प्रतिष्ठा और अवसर की क्षमता प्राप्त कराने के लिए, तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता और अखंडता सुनिश्चित कराने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्प होकर आज अपनी संविधान सभा में तारीख 26 नवंबर 1949 को इतना तो द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियम एवं आत्मा समर्पित करते हैं भारतीय संविधान उद्देशिका
Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
उनसे दूर उनसे दूर होकर भी "हृदय" सदा पास हो, भले हार से निराश हो फ़िर भी जीत की एक आस हो... किसी क्षण तो मिलाप हो उषा से निशा का, दिनकर में भी उस प्रभात लक्ष्य का मंजुल प्रभास हो... -रेखा "मंजुलाहृदय" ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" का पता किनसे दूर 😂😂😂 फ़िर भी कुछ तो भी लिख दिया🙈🙈🙈 #PoetInYou #लक्ष्य #उद्देशिका #मंज़िल #motivation #motivational #प्रोत्साहक #मंजुलाहृदय #R
मेरे अल्फ़ाज़
*यही मेरा संविधान है* ये शान है, ये मान है, वतन का ये सम्मान है, चले वतन इसी से है, यही मेरा अभिमान है, ये मेरा संविधान है। उद्देशिका का म
vikrant shelke, zankar
संविधानाचा मर्डर करून आम्ही म्हणतोय लोकशाही वाचवायचीय.......... विक्रांत शेळके,मावळ ७३५०८८५७३४ लोकशाही वाचवायचीय ........ बांडगुळांच्या बलात्काराने देशाची व्यवस्था गर्भार राहिलीये अन संविधानाचा मर्डर करून आम्ही म्हणतोय लोकशाही वाचवायच
नेहा उदय भान गुप्ता
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था। चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था। कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर। तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर। 58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन। करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन। 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान। 299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद। 26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान। तबसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता संविधान दिवस। सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमें विधान। बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान। है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद। 12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।। 5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन। धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन। एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश। सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष। नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी। बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी। 26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान। इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। कविता - जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था। चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था। कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर। तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर। 58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन। करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन। 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान। 299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद। 26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान। तबसे हर वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता संविधान दिवस। सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमें विधान। बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान। है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद। 12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।। 5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन। धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन। एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश। सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष। नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी। बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी। 26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान। इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। कविता - जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा। बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल