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Noor Hindustani
village ki life aap ko keysi lagti hai ©Noor Hindustani village ki.life #Nojoto #villagelife गांव की जिंदगी
village ki.life #villagelife गांव की जिंदगी
read moreShashi Bhushan Kumar
White परखोगे तो बहुत बुरा हूं मैं ! समझोगे तो मेरा जैसा नहीं मिलेगा !! आदर्श , ©Shashi Bhushan Kumar #love_shayari आदर्श
#love_shayari आदर्श
read moreShreyansh Gaurav
मेरे गांव में बहुत कब्रगाह है जितने इंसा के पास खेत नहीं है, उससे अधिक कब्र है.! घूमते रहता हूँ अक्सर मैं वहाँ अकेले इंसानों से डरता हूँ, कब्रों से कभी आज तक डरा नहीं मैं.! बहुत शांति है उधर, देखो कोई किसी को परेशा नहीं करता शायद.! देख़ो न एकदम बगल बगल है चुप चाप है, कोई किसी से बोलता भी नहीं है.! शायद उनके पास खंज़र या कोई बंदूक हो देखता हूँ मैं भी गया था एकदम पास कुछ भी दिखा नहीं, मिला भी नहीं..! आओ शोर से परेशां हो लगता है तुम भी किसी दिन मिलाउ उनसे जो एकदम से चुपचाप है.! बहुत सपनें ख़्वाव दौलत सब दफन है इसमें तुम भी लें सकते है इनमें से जरूरत हो तो बताना मुझसे इन कब्रो में जगह बहुत है.!! ©Shreyansh Gaurav #मिरे गांव की कब्रगाह
#मिरे गांव की कब्रगाह
read moreMohan Sardarshahari
White शहर में होकर शहर के नजारे हों तो कोई नई बात नहीं देखे जब शहर में गांव के नजारे तो खुद से मुलाकात हुई । पीछे फार्म हाउस के नजारे, सामने पार्क में जोड़ों ने नीम की छड़ियों से एक-दूसरे पर बरसात की बरबस ही दिन की गांव जैसी ही शुरूआत हुई।। ©Mohan Sardarshahari गांव के नजारे
गांव के नजारे
read morePRITI Choudhary
White मेरे भाई तुम अगर किसी एक सिद्धांत पर टीके रहोगे और लगातार उसका पालन करते रहोगे तो तुम भी एक दिन आदर्श बन जाओगे ©Biraj Choudhary #gandhi_jayanti आदर्श बनाना
#gandhi_jayanti आदर्श बनाना
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
White मातामही मातामहः ग्राम: अहं तत् क्षणं बहु मधुरं मन्ये यः ग्रामे निवसति स्म पन्थाने कृषिक्षेत्राणि,कोष्ठानि च गृहीतः, मया सः क्षणः वास्तवमेव अतीव मधुरः इति ज्ञातम्। पूर्वं यदा मम मातामही मातामहः ग्रामः अहं बाल्यकाले गच्छामि स्म, हिन्दी अनुवाद नाना नानी के गांव वो क्षण ही बड़ा प्यारा लगा करता था जो गांव में बिता करता था पगडंडी पर खेत खलिहानों का जायजा लिया जाता था, सच वो क्षण बड़ा ही प्यारा लगा करता था जब नाना नानी के गांव बचपन में जाना हुआ करता था, ©संस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru #Po
स्वलिखित संस्कृत रचना हिन्दी अनुवाद सहित शीर्षक नाना नानी के गांव मातामही मातामहः विधा विचार भाव वास्तविक #Trending #wellwisher_taru Po
read moreSatish Kumar Meena
White मेरे गांव की हवा कुछ ऐसी है अगर वहां चले जाओ तो वापस आने नहीं देती, इसका मतलब बड़ी ही मिलनसार आबोहवा है। ©Satish Kumar Meena मेरे गांव की हवा
मेरे गांव की हवा
read moreParasram Arora
White हमारे आदर्शी को पस्तझनी देने मे समर्थ है हमानी विचलित चेतनाये तभी तों रेत मे मुंह छुपा कर रहती है हमारी अनसुलझी समस्याएं जबकि अंतकाल तक हम फेरते रहते है मुर्ख सपनो की मालाये शायद इसीलीये डूब चुके है हमारे भाव और ख़ो चुकी है संवेदनाये ©Parasram Arora आदर्श और संवेदनाये
आदर्श और संवेदनाये
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White भले किरदार कुछ भी हो ,सदा हल्का दिखूंगा मैं। बड़ी औकात मत लाना,नहीं उसमें बिकूंगा मैं। बहुत दुनिया में घूमूंगा , रहूंगा मैं कहीं पर भी पसंद पूछोगे मेरी तो,सदा तिलका लिखूंगा मैं। ©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night गांव
#good_night गांव
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