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Shreyansh Gaurav
मेरे गांव में बहुत कब्रगाह है जितने इंसा के पास खेत नहीं है, उससे अधिक कब्र है.! घूमते रहता हूँ अक्सर मैं वहाँ अकेले इंसानों से डरता हूँ, कब्रों से कभी आज तक डरा नहीं मैं.! बहुत शांति है उधर, देखो कोई किसी को परेशा नहीं करता शायद.! देख़ो न एकदम बगल बगल है चुप चाप है, कोई किसी से बोलता भी नहीं है.! शायद उनके पास खंज़र या कोई बंदूक हो देखता हूँ मैं भी गया था एकदम पास कुछ भी दिखा नहीं, मिला भी नहीं..! आओ शोर से परेशां हो लगता है तुम भी किसी दिन मिलाउ उनसे जो एकदम से चुपचाप है.! बहुत सपनें ख़्वाव दौलत सब दफन है इसमें तुम भी लें सकते है इनमें से जरूरत हो तो बताना मुझसे इन कब्रो में जगह बहुत है.!! ©Shreyansh Gaurav #मिरे गांव की कब्रगाह
#मिरे गांव की कब्रगाह
read moreDr Manju Juneja
शायर शादाब कमाल
ग़ज़ल --- कहीं चराग़ की सूरत कहीं धुवां हूं मैं मुझे पता ही नहीं है कहां-कहां हूं मैं वो जाने क्यूं मिरे दिल के क़रीब रहता है न हम ख़याल हूं उसका न हम ज़ुबां हूं मैं मिरे सुख़न की ये लज़्ज़त है और मक़सद भी वहीं पे प्यार लुटाऊं जहां-जहां हूं मैं मिरे बदन पे सितारे हैं, चांद, सूरज भी मुझे ये लगता है जैसे कि आसमां हूं मैं मेरा वजूद है क़ायम तिरे वजूद के साथ जहां-जहां है तू दुनिया वहां-वहां हूं में ।। -------- #अपनी जिन्दगी में गुम Nitu Sharma Pooja Laxmi Kumari Pushpa Lata Bharti Subita Maity
#अपनी जिन्दगी में गुम Nitu Sharma Pooja Laxmi Kumari Pushpa Lata Bharti Subita Maity
read moreBrijendra Dubey 'Bawra,
अब अपने शहर में वो पुरानी बात कहाँ रही #Merasheher शाम ढले अदब वाली मुलाकात कहाँ रही मशगूल है अपनी ख्वाहिशों में यहाँ हर कोई कोई किसी का दर्द बाँटे ये औकात कहाँ रही नफरतों के बीज बोते आज हैं आका तुम्हारे मोहब्बत का पाठ पढ़ाते ये बिसात कहाँ रही हम फ़लाना तुम ढिमका जंग छिड़ी है जोर की हैं हम सब भाई भाई अब ये जात कहाँ रही खैर दिन तो पसीने से तर-बतर रहा लेकिन गुजरे बिना अश्क़ ढले अब वो रात कहाँ रही मिरे महबूब के वादे थे जियेंगे या मरेंगे साथ साथ वो मौत के तो साथ रही लेकिन मिरे साथ कहाँ रही ©बृजेन्द्र 'बावरा' #MeraShehar #NojotoChallange #NojotoGhazal #NojotoUrdu #bawraspoetry #Urdu
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read moreRizwan Khan
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा - बशीर बद्र यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे - जौन एलिया दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं - जिगर मुरादाबादी लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से - जाँ निसार अख़्तर बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर - अज्ञात अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो - अमीर मीनाई एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता - जावेद नसीमी अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले - सालिम सलीम इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते - फ़रहत एहसास तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे - क़ैसर-उल जाफ़री तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना - शकील बदायुनी तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने - मुनव्वर राना जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा - शहरयार यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है - शहज़ाद अहमद दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ कोई रहता है इस मकाँ में अभी - अंजुम रूमानी क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ ऐ चाँद बता किस से तिरी आँख लड़ी है - साहिर लखनवी शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी तस्वीर के पास सारी ग़ज़लें बैठी होंगी अपने अपने मीर के पास - साग़र आज़मी इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो - इफ़्तिख़ार नसीम #urdushari
Rizwan Khan
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा - बशीर बद्र यारो कुछ तो ज़िक्र करो तुम उस की क़यामत बाँहों का वो जो सिमटते होंगे उन में वो तो मर जाते होंगे - जौन एलिया दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं - जिगर मुरादाबादी लोग कहते हैं कि तू अब भी ख़फ़ा है मुझ से तेरी आँखों ने तो कुछ और कहा है मुझ से - जाँ निसार अख़्तर बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तिरा नाम चाँद पर - अज्ञात अभी आए अभी जाते हो जल्दी क्या है दम ले लो न छेड़ूँगा मैं जैसी चाहे तुम मुझ से क़सम ले लो - अमीर मीनाई एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता - जावेद नसीमी अपने जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे मिरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले - सालिम सलीम इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते - फ़रहत एहसास तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे - क़ैसर-उल जाफ़री तुम फिर उसी अदा से अंगड़ाई ले के हँस दो आ जाएगा पलट कर गुज़रा हुआ ज़माना - शकील बदायुनी तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने - मुनव्वर राना जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा तिरे लबों पे मिरे लब हों ऐसा कब होगा - शहरयार यूँ तिरी याद में दिन रात मगन रहता हूँ दिल धड़कना तिरे क़दमों की सदा लगता है - शहज़ाद अहमद दिल से उठता है सुब्ह-ओ-शाम धुआँ कोई रहता है इस मकाँ में अभी - अंजुम रूमानी क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ ऐ चाँद बता किस से तिरी आँख लड़ी है - साहिर लखनवी शाम ढले ये सोच के बैठे हम अपनी तस्वीर के पास सारी ग़ज़लें बैठी होंगी अपने अपने मीर के पास - साग़र आज़मी इस क़दर भी तो न जज़्बात पे क़ाबू रक्खो थक गए हो तो मिरे काँधे पे बाज़ू रक्खो - इफ़्तिख़ार नसीम #urdushari
Kamal Kant
इक डर है भीतर मिरे कही छिपा के तू भी तो ना छोड़ जाएगा हाथ मिरे अतीत की तरह #shayari #hindilines #poetry #dailylife #tum #pain #past #hindiwriter #hindipoet #2liners #writing #nojotohindiwriting
Kamal Kant
शिक़ायत करना मुनासिब नही लिये मिरे के ना सुनना उसे मंज़ूर नही जुबां से मिरे #shayari #hindilines #2liners #hindipoet #hindiwriter #kalakash #nojotowriting #writing #nojotohindwriting
Anuj Ray
कोना कोना ख़ज़ाने के दिल का मिरे, खोल देतीं हूँ वश सिर्फ उनके लिए. कभी भूल से मांग लेती हूँ कुछ , तो जल्दी घर आना प्रीतम मिरे..
Abhijeet Yadav
मैं गहरे राज खुद के आज उनसे कह के आया हूं दिल ए वो बात, मिरे जज़्बात उनसे कह के आया हूं हां थोड़ी सी देर , हुई सवेर, मगर मुकम्मल हो गया अफसाना मिरा, मैं अपनी जान को कुर्बान सारी रात उनपे कर के आया हूं मैं गहरे राज खुद के आज उनसे कह के आया हूं दिल ए वो बात, मिरे जज़्बात उनसे कह के आया हूं न पूछो आज मुझसे, तुम यार फिर से कि, हुआ क्या और होगा क्या ? मैं अपनी मुस्कान,सारी रात उनपे बिखेर के आया हूं #gif मैं गहरे राज खुद के आज उनसे कह के आया हूं दिल ए वो बात, मिरे जज़्बात उनसे कह के आया हूं हां थोड़ी सी देर , हुई सवेर, मगर मुकम्मल हो गया अफसाना मिरा, मैं अपनी जान को कुर्बान सारी रात उनपे कर के आया हूं मैं गहरे राज खुद के आज उनसे कह के आया हूं दिल ए वो बात, मिरे जज़्बात उनसे कह के आया हूं न पूछो आज मुझसे, तुम यार फिर से
मैं गहरे राज खुद के आज उनसे कह के आया हूं दिल ए वो बात, मिरे जज़्बात उनसे कह के आया हूं हां थोड़ी सी देर , हुई सवेर, मगर मुकम्मल हो गया अफसाना मिरा, मैं अपनी जान को कुर्बान सारी रात उनपे कर के आया हूं मैं गहरे राज खुद के आज उनसे कह के आया हूं दिल ए वो बात, मिरे जज़्बात उनसे कह के आया हूं न पूछो आज मुझसे, तुम यार फिर से
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