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Poet Rahul
White शांतनु राजा की प्रेम और मोह ने पूरा महाभारत कि रचना कि द्रोपदी दो एक हिस्सा मात्र हैं और भीस्म पितामह एक साक्षी ©Poet Rahul #good_evening_images महाभारत का कारण कौन #Mahabharat #Google #vichar
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read moreShalini Nigam
अगर करा सकता है, तो उसे रोक भी सकता है, तय आपको करना है कि "कहां बोलना है कहां चुप रहना" ©Shalini Nigam #मौन #महाभारत #Nojoto #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine #thought #Shayari
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read moreपूर्वार्थ
White उनके लिए मैं बुरा हूं क्योंकि मैं उनके जैसा नही हूं नही आता हुनर मुझे जीहुजूरी का क्योंकि मैं उनके जैसा नही हूं कड़वा बोल देता हूं झूठ से हाथ जोड़ लेता हूं सही को दिल मैं तो गलत को बाहर फेंक देता हूं क्योंकि मैं उनके जैसा नही हूं अपनी बात पर टिकी रहता हूं गोल मोल बातो से दूर रहता हूं सच को सच ही कह देता हूं क्योंकि मैं उनके जैसा नही हूं थोड़ी सख्त हूं पर दिल की नेक हूं हर मैल दिल का साफ रखता हूं मैं लहजे में नरमी की बात रखता हूं क्योंकि मैं उनके जैसा नही हूं ©पूर्वार्थ #में
Arora PR
White एक बार फिर सुनाई पढ़ने लगी है आतत्ताई कोरवो की दहाड़े...... लगता है एक नया महाभरत फिर जन्म लें रहा है लेकिन हथियार दोनों पक्षों के ( तल वार भाले बंदूके और तिर्कमान ) आदि क़ो तो जंग लग चुका है लगता है अब तो केवल रसायनिक हथियारों से ही युद्ध लड़ना पड़ेगा जो सक्षम है आदमी और उसकी आने वाली नस्लों का संहार करने में और ये भी संभावना नही रही कि इस युद्ध में कृष्ण भी आकर भाग लेंगे क्योंकि उनका सुदर्शन चकर भी जंग खाकर तिथि बाहय हो चुका है ©Arora PR महाभारत द्वितीय
महाभारत द्वितीय #कविता
read morerahul_the_adrito_
वसुधा का नेता कौन हुआ? भूखण्ड-विजेता कौन हुआ? अतुलित यश क्रेता कौन हुआ? नव-धर्म प्रणेता कौन हुआ? जिसने न कभी आराम किया, विघ्नों में रहकर नाम किया। जब विघ्न सामने आते हैं, सोते से हमें जगाते हैं, मन को मरोड़ते हैं पल-पल, तन को झँझोरते हैं पल-पल। सत्पथ की ओर लगाकर ही, जाते हैं हमें जगाकर ही। वाटिका और वन एक नहीं, आराम और रण एक नहीं। वर्षा, अंधड़, आतप अखंड, पौरुष के हैं साधन प्रचण्ड। वन में प्रसून तो खिलते हैं, बागों में शाल न मिलते हैं। कङ्करियाँ जिनकी सेज सुघर, छाया देता केवल अम्बर, विपदाएँ दूध पिलाती है लोरी आँधियाँ सुनाती हैं। जो लाक्षा-गृह में जलते हैं, वे ही शूरमा निकलते हैं। बढ़कर विपत्तियों पर छा जा, मेरे किशोर! मेरे ताजा! जीवन का रस छन जाने दे, तन को पत्थर बन जाने दे। तू स्वयं तेज भयकारी है, क्या कर सकती चिनगारी है? ~ रामधारी सिंह दिनकर ©rahul_the_adrito_ #रामधारी_सिंह_दिनकर #महाभारत
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read moremalay_28
White रिश्तों संबंधों धर्मो का बेख़ौफ़ तिज़ारत होता है कृष्ण, अब बिना तुम्हारे ही महाभारत होता है. ©malay_28 #कृष्ण बिना महाभारत
||स्वयं लेखन||
तुम्हें अपने अंदर चल रहे विचारों की महाभारत का सारथी स्वयं बनना होगा। ©||स्वयं लेखन|| तुम्हें अपने अंदर चल रहे विचारों की महाभारत का सारथी स्वयं बनना होगा। #achievement #Life #Life_experience #thought #Poetry
तुम्हें अपने अंदर चल रहे विचारों की महाभारत का सारथी स्वयं बनना होगा। #achievement Life #Life_experience #thought Poetry
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