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Anamika Raj
White करीब उसके रहो, जो तुमसे दूर ना रह सके..! 💯 ©Anamika Raj करीब उसके रहो, जो तुमसे दूर ना रह सके..
करीब उसके रहो, जो तुमसे दूर ना रह सके..
read moreStƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ
Unsplash चलो हम गलत थे ये मान लेते है... ऐ जिंदगी... पर एक बात बता... क्या वो शख्स सही था जो बदल गया इतना... करीब आने के बाद... ©Stƴɭɩsʜ Tɩŋkʋ चलो हम गलत थे ये मान लेते है... ऐ जिंदगी... पर एक बात बता... क्या वो शख्स सही था जो बदल गया इतना... करीब आने के बाद... #camping #Shayari #L
चलो हम गलत थे ये मान लेते है... ऐ जिंदगी... पर एक बात बता... क्या वो शख्स सही था जो बदल गया इतना... करीब आने के बाद... #camping Shayari L
read moreMahesh Patel
Unsplash सहेली.... में किसी के बारे में क्यों लिखूं.. जब कि तुम मेरे इतने करीब हो.. इतनी दीवानगी इतनी बेताबी.. भी कहीं देखी नहीं.. जबकि खुदा की रहम दिल्ली.. मेरे इतनी करीब है.. लाला..... ©Mahesh Patel सहेली... करीब... लाला...
सहेली... करीब... लाला...
read moreAnuradha T Gautam 6280
#जुनून जुनून इश्क की रस्में अजीब क्या कहना मैं उससे दूर वो उनके करीब और अब क्या कहना..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ ०४/१२/२४
read moreनवनीत ठाकुर
कभी करीब आ, तुझे परखू तो सही, ये दाग गहरे हैं, मगर मिटे तो नहीं। ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे यकीनन, बस एक बार तू मरहम कर तो सही। ©नवनीत ठाकुर कभी करीब आ, तुझे परखू तो सही, ये दाग गहरे हैं, मगर मिटे तो नहीं। ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे यकीनन, बस एक बार तू मरहम कर तो सही।
कभी करीब आ, तुझे परखू तो सही, ये दाग गहरे हैं, मगर मिटे तो नहीं। ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे यकीनन, बस एक बार तू मरहम कर तो सही।
read moreDr.Priyanka Chandra
ये कम्बख्त इश्क़ न जाने इस मासूम दिल से क्या ही चाहता है कभी तेरे बहुत करीब कभी तेरे ख़्वाबों से भी बहुत दूर ले जाता है।। ©Dr.Priyanka Chandra #thought poetry ये कम्बख्त इश्क़ न जाने इस मासूम दिल से क्या ही चाहता है कभी तेरे बहुत करीब कभी तेरे ख़्वाबों से भी बहुत दूर ले जाता है।।
#thought poetry ये कम्बख्त इश्क़ न जाने इस मासूम दिल से क्या ही चाहता है कभी तेरे बहुत करीब कभी तेरे ख़्वाबों से भी बहुत दूर ले जाता है।।
read moreनवनीत ठाकुर
White कभी करीब आ, परख तो सही, जो दिखे बुरा, वो हर बार नहीं। हमारे फन में है खुदा का नूर, बस देखने का तेरा अंदाज़ सही नहीं। ©नवनीत ठाकुर कभी करीब आ, परख तो सही, जो दिखे बुरा, वो हर बार नहीं। हमारे फन में है खुदा का नूर, बस देखने का तेरा अंदाज़ सही नहीं।
कभी करीब आ, परख तो सही, जो दिखे बुरा, वो हर बार नहीं। हमारे फन में है खुदा का नूर, बस देखने का तेरा अंदाज़ सही नहीं।
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