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Vishalkumar "Vishal"
ख़्वाब सारे तोड़ आया बज़्मे-ख़याल छोड़ आया आँख खुली बरसों बाद आह से रिश्ता जोड़ आया अब कोई शिकायत नही बस रह अपनी मोड़ आया चले जाओ पन्दगरो नासहो कच्चे कान मरोड़ आया क्या गया उस दिलनशीं का विशाल अपना सर फोड़ आया Khwaab saare tor aaya Bazme-khayaal chhor aaya Aankh khulee barson baad Aah se rishta Jor aaya Ab koi shikayat nhi Bas rah apni mor aaya Chale jaao pandgaro naasaho Kachche kaan maror aaya Kya gyaa us Dilnashee ka Vishal apna sar For aaya ✍ Vishalkumar "Vishal" sam'aat farmaaiye पन्दगरो = उपदेशक नासहो = उपदेशक बज़्मे-ख़याल = कल्पनाओं कि सभा दिलनशीं = ह्रदयाकर्षक #alone #nojotofilm #nojotohindi #no
BRIJESH KUMAR
विश्वास || इंसान महान... अपनी सोच अौर अपने कर्मों से होता है वरना... उपदेशक तो हर कोई अपने आप में है || ✍ब्रजेश कुमार || इंसान महान... अपनी सोच अौर अपने कर्मों से होता है वरना... उपदेशक तो हर कोई अपने आप में है || ✍ब्रजेश कुमार #Nojoto #nojotohindi
N S Yadav GoldMine
White (विष्णुपुराण १।१७।२०) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'हे पिताजी! हृदय में स्थित भगवान् विष्णु ही तो सम्पूर्ण जगत् के उपदेशक हैं। हे तात! उन परमात्मा को छोड़कर और कौन किसको कुछ सिखा सकता है।' भक्त प्रह्लाद जी।। ©N S Yadav GoldMine #mango_tree (विष्णुपुराण १।१७।२०) {Bolo Ji Radhey Radhey} 'हे पिताजी! हृदय में स्थित भगवान् विष्णु ही तो सम्पूर्ण जगत् के उपदेशक हैं। हे त
पत्रकार रमेश सोनी Soni
Abhishek Kumar
खो रहा सम्मान भारत खो रहा इंसान भारत खो रहा अब शान भारत जो कहलाता कभी विश्वगुरू अब विश्व से आन बचाता भारत Read in Caption अमेरिका के सबसे बड़े अखबार द हेराल्ड स्वामी विवेकानन्द जी के बारे में लिखता है '' धर्म महासभा में विवेकानन्द निश्चय ही महानतम व्यक्ति है उन
Suparas Jain
"मैं कौन हूँ?" (भाग-1) मैं पूर्ण हूँ, स्वयं में सम्पूर्ण हूँ, नहीं आवश्यकता मुझे किसी की, होता जा रहा हूँ परिपक्व, अंकुरित होने को आतुर, छटपटाता हुआ भ्रूण हूँ | #readCaption "मैं कौन हूँ?" (भाग-1) मैं पूर्ण हूँ, स्वयं में सम्पूर्ण हूँ, नहीं आवश्यकता मुझे किसी की, होता जा रहा हूँ परिपक्व, अंकुरित होने को आतुर,
Divyanshu Pathak
ब्राह्मणो न हन्तव्य: साधुर्न हन्तव्य: । ब्राह्मणों एवं अच्छे स्वभाव वालों की रक्षा करो। मनु महाराज ने राजाओं को आज्ञा दी थी।इसका कारण भी स्पष्ट किया कि--- "विषादप्यमृतं ग्राह्यम्। ( मनु० ) विष में से भी अमृत निकालना इन्हीं के वश में होता है। महाभारत युद्ध से पूर्व ही वेद विद्या का विलोपन आरम्भ हो चुका था। क्योंकि उस समय ऋषि मुनियों में भी आलस्य,प्रमाद,ईर्ष्या, द्वेष के अंकुर फूट
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
❤️विवाहित स्त्री से प्रेम ❤ जब प्रेम हो जाता है इक विवाहित स्त्री से याद रखना पड़ता है उसके पति के घर आने का वक़्त गिननी होती है उसके कुकर की सीटियाँ देखना होता है दाल बातों के दरम्यान गली या नहीं ध्यान रखना होता है उसने चूल्हा बंद किया या नहीं उसके परिवार का ख़याल करना होता है पूछना पड़ता है हर रोज़ कैसा है उसका बेटा ? लिखनी होती हैं कई मैसेज रातें जगकर बताना पड़ता है प्रेम लिख-लिखकर उसकी बुझी हुई आँखों में झाँकते हुए कई शाम रात गुज़ारनी पड़ती है उससे प्रेम निश्छल है आपका। उसकी पसंद-नापसंद देर तक सुनना होता है उसके लिए उसका गुलाब बनना पड़ता है उसके झुमकों पर ज़ुल्फ़ सा ढ़लना होता है उसके पति पर उसकी झुंझलाहट का ना चाहते हुए भी सब दर्द सुनना पड़ता है देखने पड़ते हैं उसके ज़ख़्म, उसके घाव रो-रोकर उनपर मरहम होना पड़ता है उसे तब चूमकर अपनी बाहों में भरना होता है उसकी आँखों में झाँककर बताना पड़ता है कि उसके पास हमेशा है आप। उसके दुःख पर उसको चुप समझाना होता है बताना होता है- आप हमेशा उसके साथ है उसकी सास की बेतुकी रंज़ भरी बातों से ननद-भौजाई की जालसाज़ी साज़िशों से उसका ध्यान बिलकुल हटाना होता है उसको समझाना होता है अपना प्रेम उससे उसकी नाराज़गी में उसे हँसाना होता है उसके मौन पर उससे सवाल करने पड़ते हैं उसे बड़े प्यार से बुलाना होता है अपने क़रीब यक़ीन दिलाना होता है उसको कि- प्रेम हो जाता है इक बेहद प्यारी विवाहित स्त्री से... आप इस पर अवश्य सोचें। जरूरी नहीं कि मेरी सभी बातें ठीक हों। कौन दावा कर सकता है सभी बातों के ठीक होने का। ऐसा मैं सोचता हूं, वह मैंने कहा। उस पर सोचना। हो सकता है कोई बात ठीक लगे, तो ठीक लगते ही बात सक्रिय हो जाती है। न ठीक लगे, बात समाप्त हो जाती है। अगर इसे लेकर मन संदेह है तो आप तर्क कर सकते है मैं कोई उपदेशक नहीं हूं। मुझे जो ठीक लगता है, वह कह देता हूं, निवेदन कर देता हूं। मैं शून्य हूँ ©Ankur Mishra ❤️विवाहित स्त्री से प्रेम ❤ जब प्रेम हो जाता है इक विवाहित स्त्री से याद रखना पड़ता है उसके पति के घर आने का वक़्त गिननी होती है उसके कुकर