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विवेक कुमार सिंह
चारों तरफ से पानी से घिरे, कुछ सुगम, कुछ कठिन दुरूह। दोनों समुद्रों की उपमा बढ़ाते, भारत के अनुपम द्वीप समूह॥ वहीं किसी सुन्दर से द्वीप पर, बोल कहीं तेरा घर है? बोल कहाँ तेरा घर है ? बोल कहाँ तेरा घर है? VI and Last Part - The islands (द्वीप समूह) 🏝️ #VKS
Motivational indar jeet group
जीवन दर्शन 🌹 " देवलोक " में अवस्थित उस " कल्पवृक्ष " की मान्यता सही नहीं है , जिसके नीचे बैठकर मनुष्य अपनी आवशकता पूर्ण करता है !.i. j ©motivationl indar jeet guru #जीवन दर्शन 🌹 " देवलोक " में अवस्थित उस " कल्पवृक्ष " की मान्यता सही नहीं है , जिसके नीचे बैठकर मनुष्य अपनी आवशकता पूर्ण करता है !.i. j
Rakesh Kumar Dogra
मैं शीशे में उतर जाऊं तो जिन्न हो जाऊं, फिर कुछ भी मांग के देख ले मुझसे। पर "जीनी"* तुझे तो जीनी ही पड़ेगी ज़िन्दगी कोई चिराग रगड़ कर गज़ल ले मुझसे। *बोतल में बन्द जीनी *कप्तान, विक्की को एक द्वीप पर एक बोतल मिलती है जिसमें एक जीनी फंसी हुई है। जिनी को विक्की से प्यार होता है और अपनी जादुई शक्तियों के साथ उस
Ramkishor Azad
वो मुकाम भी हासिल कर लेंगे जिस दिन मैदान में उतरेंगे हम, देखते रह जायेंगे वो लोग जो कहते थे कुछ नहीं कर पाओगे तुम! वक्त भले ही लग जाएगा मेहनत करते करते ना रुकेंगे हमारे कदम,, वो दिन दूर नहीं होंगे जब चांद की धरती पर लहरा देंगे तिरंगा हम!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #chandrayaan3 #NASA #श्रीहरिकोटा #सफलता_की_राह #मेहनत #कोशिश #शायरी #L♥️ve #treanding #viral Diksha Singh Eesha Sethi Ji Parul Rawat Rama G
बागीश तिवारी पत्रकार
Poet Shivam Singh Sisodiya
नमो वृंदावनैकाय तुभ्यं गोलोकमौलिने | पूर्णब्रह्मस्य छत्राय नमः गोवर्धनाय च || (गर्ग संहिता, गिरिराजखण्ड) अर्थात् अर्थात् जो वृंदावन के अंक में अवस्थित तथा श्रीकृष्ण के परमधाम गोलोक के मुकुट हैं, जो पूर्णब्रह्म परमात्मा श्रीकृष्ण के छत्ररूप हैं, उन गिरिराज गोवर्धन को नमस्कार है | नमो वृंदावनैकाय तुभ्यं गोलोकमौलिने | पूर्णब्रह्मतपत्त्राय नमः गोवर्धनाय च || (गर्ग संहिता, गिरिराजखण्ड) अर्थात् अर्थात् जो वृंदावन के अंक
एक इबादत
aAKROSH डार्विन आइलैंड पर कोई रहता नहीं है. यह 2.33 वर्ग किलोमीटर में फैला द्वीप है. समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 551 फीट है. डार्विन आर्क एक ब्रिज जैसा
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
Maa MY FIRST poetry on MOM HOPE YOU LIKE माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ दूर है,पास है,एहसास है। माँ अस्ल है,नस्ल है,वस्ल है। माँ प्यार है,व्यवहार है,संसार है। माँ सागर है,साहिल है,सैलाब है। माँ मंजिल है,रास्ता है,वास्ता है। माँ दौलत है,हसरत है,इनायत है। माँ चाहत है,आदत है,मोहब्बत है। माँ इबादत है,इज्ज़त है,इजाजत है। माँ सजदा है,मेहताब है,आफताब है। माँ अभेद्य है,अखंड है,प्रचंड है। माँ शब्द का अंत नही, माँ तो अनंत है। ~अंकुर (Dear Comrade) माँ क्या है? माँ नूर है,हूर है माँ बेटे का गुरूर है। माँ दीप है,रूप है,धूप है। माँ नदी है,रती है सती है। माँ मन है,धून है, जूनून है। माँ द