Find the Latest Status about ज्योति भारती जित्तू खरे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ज्योति भारती जित्तू खरे.
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
White मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये । बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति, देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये । जल से ही जीवन है, महकता आँगन है , सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,
मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , #कविता
read moreBhanu Priya
कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं, #Poetry
read moreBhanu Priya
कभी कभी भाग जाने का मन करता है, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार, बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं, एक तुम्हारी मुस्कुराहट, बाकी इस शहर में मुझे लुभाता कुछ भी नहीं। ©Bhanu Priya कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,
कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं, #Poetry
read moreराजीव भारती
मुक्तक ज़ज़्बा कभी भी कम न होने दीजिए, जब तलक है ज़िन्दगी मौज कीजिए, गम को उनके हाल पर ही छोड़कर खुशियां उधार के भी बटोर लीजिए । ©राजीव भारती #मुक्तक #राजीव भारती
राजीव भारती
कहमुकरी छंद नहीं मिलें तब, याद सताए। मिलने पर दिल, भी घबराए।। करना चाहूं, सब कुछ अर्पण। क्या सखि साजन,ना सखि दर्पण।। ©राजीव भारती #कहमुकरी #राजीव भारती
Rajni Vijay singla
हमें अपनी मां पर बहुत गर्व है मां भारती को हमारी मां पर वह मां भारती की सेवादार है जय हिंद जय मांj ©Rajni Vijay singla मां#भारती का #गौरव मेरी मां
मांभारती का #गौरव मेरी मां #मोटिवेशनल
read morePoonam Pathak Badaun
ईश्वर की असीम कृपा व सभी के आशीर्वाद और शुभकामनाओं से मेरी प्रथम पुस्तक 'माँ की बातें 'काव्य संग्रह का कवर पेज तैयार होकर आ गया है। यह कार् #कविता
read moreArpit Mishra
हां! आज शिक्षा मार्ग भी संकीर्ण होकर क्लिष्ट है, कुलपति सहित उन गुरुकुलो का ध्यान ही अवशिष्ट है। बिकने लगी विद्या यहां अब , शक्ति हो तो क्रय करो , यदि शुल्क आदि न दे सको तो मूर्ख रहकर ही मरो । । ©Arpit Mishra भारत भारती
भारत भारती #Poetry
read more