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Gopal Pandit
MohiTRocK F44
White मेरे कुछ दोस्त बड़े समझदार निकले जो मुझे कर्जदार समझते थे वो खुद कर्जदार निकले ©MohiTRocK F44 #Dosti मेरे कुछ दोस्त बड़े समझदार निकले जो मुझे कर्जदार समझते थे वो खुद कर्जदार निकले😂 PRITY SINGH Parul (kiran)Yadav Aditya kumar prasad L
Dev Rishi
एक वसंत आई थी एक नदी बनाई थी बह निकले हम भी उसी में किनारा क्यों नहीं बनाई थी.. ©Dev Rishi #बह निकले हम भी....
Ganesh Joshi
धर्म की रक्षा के लिए अपने अंदर करंट पैदा करो क्योकि जिन तारो पर करंट नहीं होत उनपर लोग कपङे सुखाते हैं ©Ganesh Joshi #धर्म की रक्षा के लिए अपने अंदर करंट पैदा करो क्योकि जिन तारो पर करंट नहीं होत उनपर लोग कपङे सुखाते हैं #story #status #sanaatan
omkar432
हम अपनी जिंदगी के सुलझे हुए पन्नों को खुद ही उलाज लेते है, और हां अपनी जिंदगी के अनसुलझे हुए पन्नो को भी हम खुद ही सुलझ लेते हैं, और जनाजा कैसे ना निकले मोहब्बत करने बालों का, मोहब्बत को सब कुछ समझ लेते है। ©omkar432 #boatclub जनाजा कैसे न निकले मोहब्बत करने....
Ujjwal Kaintura
घर से निकले थे जो घर के, चिराग बनकर । आज खुद रह रहे हैं, किराए के चार कमरों के अंदर । जब हर जिम्मेदारी का बोझ, अपने कंधों पर उन्होंने उठाया था, अपने कई सपनो का गला उन्होने दबाया था। इस फरेबी दुनिया के तानों से, घर के बाहर जाना था। कहा सोचा था फिर, वापस आने का रास्ता फिर कठिन था। घर से निकले थे जो कहकर ! जिम्मेदारी पापा अब हम आपस में बांट लेंगे। भूल गए थे देखना उन नम आंखो में , जिसने पूछा था सवाल ? बेटा कही तुम जाकर वापसी का रास्ता तो ना भूल बैठोगे? ©Ujjwal Kaintura #GingerTea घर से निकले थे जो घर के, चिराग बनकर । आज खुद रह रहे हैं, किराए के चार कमरों के अंदर । जब हर जिम्मेदारी का बोझ, अपने कंधों पर उन्ह
Shashi Bhushan Mishra
उल्टी हवा बहाने निकले, किस्मत को चमकाने निकले, मैं भी कुछ कर सकता यारों, दुनिया को दिखलाने निकले, थे ख़याल दकियानूसी के, फिर से राग पुराने निकले, फलां-फलां कारण थे इसके, कितने नए बहाने निकले, चलो पाप धो लेते चलकर, गंगा आज नहाने निकले, दाना चुगने कोई न आया, पंछी सभी सयाने निकले, वादा पूरा किया न अबतक, झूठे सभी बयाने निकले, बुरा वक़्त जब आकर घेरे, सारे अश्रु बहाने निकले, 'गुंजन' मन की सुनले अपनी, हम भी पुण्य कमाने निकले, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #उल्टी हवा बहाने निकले#
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
bench आंखों से आंसू क्या निकले शब्द शब्द आग उगलने लगे कुछ शब्दो ने वाह को चुना कुछ ने कविता से आह भरी कई सत्य मौन मुखर हुए कई कई संवेदना शून्य । ©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #कविता आंखों से आंसू क्या निकले शब्द शब्द आग उगलने लगे कुछ शब्दो ने वाह को चुना कुछ ने कविता से आह भरी कई सत्य मौन मुखर हुए
Sarfaraj idrishi
हम को हर "दौर" की,, "गर्दिश" ने सलामी दी है.!! हम वोह "पत्थर" हे,, जो हर दौर में "भारी" निकले.!! ©Sarfaraj idrishi #achievement हम को हर "दौर" की,, "गर्दिश" ने सलामी दी है.!! हम वोह "पत्थर" हे,, जो हर दौर में "भारी" निकले.!!Praveen Storyteller शीतल चौधरी