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Shravan Goud
कुबेर अष्टा लक्ष्मी मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥🙏 कुबेर अष्टा लक्ष्मी मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥🙏 धनतेरस की शुभकामनाएं 🙏
Vikas Sharma Shivaaya'
शुक्र मंत्र :- हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्। सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।। माता लक्ष्मी मंत्र :- ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:। देख्यो रुप अपार मोहन सुन्दर स्याम को ! वह ब्रज राजकुमार हिय जिय नैननि में बस्यो !! महाकवि रसखान जी कहते है कि ब्रज के राजकुमार भगवान श्री कृष्ण उनके हृदय , मन , मिजाज , जी , जान और आँखों में अपना स्थान बना कर बस गए है ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' शुक्र मंत्र :- हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्। सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।। माता लक्ष्मी मंत्र :-
Vikas Sharma Shivaaya'
मां काली एकाक्षरी मंत्र( मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र):- क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं स्वाहा॥ मां वैभव लक्ष्मी मंत्र:- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: यह वैभव लक्ष्मी का मंत्र है मां सरस्वती बीज मंत्र:- ॐ ह्रीं श्रीं सरस्वत्यै नमः। ॐ ऎं सरस्वत्यै ऎं नमः।। विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 166 से 176 नाम 166 वीरहा धर्म की रक्षा के लिए असुर योद्धाओं को मारते हैं 167 माधवः विद्या के पति 168 मधुः मधु (शहद) के समान प्रसन्नता उत्पन्न करने वाले 169 अतीन्द्रियः इन्द्रियों से परे 170 महामायः मायावियों के भी स्वामी 171 महोत्साहः जगत की उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय के लिए तत्पर रहने वाले 172 महाबलः सर्वशक्तिमान 173 महाबुद्धिः सर्वबुद्धिमान 174 महावीर्यः संसार के उत्पत्ति की कारणरूप 175 महाशक्तिः अति महान शक्ति और सामर्थ्य के स्वामी 176 महाद्युतिः जिनकी बाह्य और अंतर दयुति (ज्योति) महान है 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' मां काली एकाक्षरी मंत्र( मां चिंतामणि काली का विशेष मंत्र):- क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूँ हूँ
Vikas Sharma Shivaaya'
कुबेर लक्ष्मी मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस पुत्र भृगु ऋषि का विवाह प्रजापति दक्ष की कन्या ख्याति से हुआ जिससे धाता,विधाता दो पुत्र व श्री नाम की कन्या का जन्म हुआ। भागवत पुराण के अनुसार भृगु ऋषि के कवि नाम के पुत्र भी हुए जो कालान्तर में शुक्राचार्य नाम से प्रसिद्ध हुए। शुक्र -जिसका संस्कृत भाषा में एक अर्थ है शुद्ध, स्वच्छ, भृगु ऋषि के पुत्र एवं दैत्य-गुरु शुक्राचार्य का प्रतीक शुक्र ग्रह है। भारतीय ज्योतिष में इसकी नवग्रह में भी गिनती होती है। यह सप्तवारों में शुक्रवार का स्वामी होता है। यह श्वेत वर्णी, मध्यवयः, सहमति वाली मुखाकृति के होते हैं। इनको ऊंट, घोड़े या मगरमच्छ पर सवार दिखाया जाता है। ये हाथों में दण्ड, कमल, माला और कभी-कभार धनुष-बाण भी लिये रहते हैं। उषानस एक वैदिक ऋषि हुए हैं जिनका पारिवारिक उपनाम था काव्य (कवि के वंशज, अथर्व वेद अनुसार जिन्हें बाद में उषानस शुक्र कहा गया। शुक्र एकाक्षरी बीज मंत्र- 'ॐ शुं शुक्राय नम:। ' शुक्र तांत्रिक मंत्र- 'ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:। ' सो शिंगार वा चित्र में हतो , तैसोई वस्त्र आभूषन अपने श्रीहस्त में धारण किये ! गाय ग्वाल सखा सब साथ ले के आप पधारे !! इस दोहे में रसखान जी कहते है कि चित्र में जैसा श्रृंगार था ठीक उसी प्रकार का श्रृंगार करके श्री कृष्ण पीताम्बर रूप में अपने ग्वाल बाल गोपो के साथ वे रसखान से मिलने पहुँच जाते है जहाँ रसखान बैठकर कृष्ण के प्रेम में आंसू बहा रहे थे ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' कुबेर लक्ष्मी मंत्र : ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥ पुराणों के अनुसार ब्रह्मा जी के मानस प
Manish Jaipal
लक्ष्मी जी आ रहे है । सब पर दया बनी रहेगी । लक्ष्मी जी लक्ष्मी जी
अशोक द्विवेदी "दिव्य"
अब कहीं सुकूं नहीं ©अशोक द्विवेदी "दिव्य" लक्ष्मी भारती लक्ष्मी दिव्यतम्
Mohan Sardarshahari
लक्ष्मी है चंचला लगती चलती अच्छी मूर्ति बहाने कुम्हार के पूजन बहाने घरवाली के हाथों में से तो निकलती।। ©Mohan Sardarshahari # लक्ष्मी
Tara Chandra
'लक्ष्मी' यदि सम्भाल न पाये, तो घातक बन जाती है, . . . व्यक्ति स्वयं 'उल्लू वाहन' बन, उसे दूर छोड़ आता है। ✍️... ©Tara Chandra Kandpal #लक्ष्मी