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Narendra kumar
काल विकराल, महा रोद्र रूप काली। गले दैत्य मुंड माला , जिव्हा शोभें रक्त लाली। पग चाप चाप पर कांपे असूर शूरवीर थर-थर कांपे। खच खच कर कटार कांटे, खप्पर लें काली नाचें। ©Narendra kumar #lotus
Parul Sharma
तेरा नाम खामोशी है इसकी धुन मेँ दिल रह गया मौन जे़र-ए-आब हुई जो आँखेँ तेरे नाम के खिल उठे कमल ©Parul Sharma #lotus
The Kane
White मोबाइल पर पढ़ते बच्चे ऐसे आगे बढ़ते बच्चे बिना परीक्षा अगली कक्षा घर बैठे ही चढ़ते बच्चे बिना संग मित्रों में खेले नई जिंदगी गढ़ते बच्चे खोया बचपन, दोष समूचा कोरोना पर मढ़ते बच्चे ©The Kane #poem
Narendra kumar
वन बिन बारिश, कर्म बिन ज्ञान। होता न धरा पर धर्म बिन ज्ञान। जल बिन मछली। वायु बिन प्राण। बचत न धरा पर। धर्म बिन ज्ञान। ©Narendra kumar #lotus
शुभम जैन सिद्ध
कमल इसलिए मशहूर नहीं है कि वह कीचड़ में उत्पन्न होता है । वह इसलिए मशहूर है कि कीचड़ में उत्पन्न होने पर भी वह कीचड़ से भिन्न रहता है । ©शुभम जैन सिद्ध #lotus
ishant Thakur
White ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात . अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात . दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस आजाओ तुम इस बे रूखे मोसम में बन के बरसात . चांदनी चादर बन ढक लेती हैं जब गलतफेहमियां हर रात तब सुबह नई किरणों से फिर होती हें खुसिओं की बरसात . सुबह की पहली किरण जब छू लेती हें तेरी बंद पलकें चारों तरफ कलिओं से तेरी खुशबू की हो जाती बरसात . नहा धो कर चमक जाती हर चोटी धोलाधार की जब पश्चिम से बादल गरजते चमकते बनते बरसात ©ishant Thakur prakrti poem #Lake #poem #tranding
शर्मा निखिल
#चुनाव विधानसभा में लाए हैं, लोकसभा में भी लाएंगे, फिर से फिर से फिर से, हम कमल ही खिलाएंगे| ©शर्मा निखिल #lotus
शर्मा निखिल
#चुनाव विधानसभा में लाए हैं, लोकसभा में भी लाएंगे, निखिल एक बार फिर से, हम कमल ही खिलाएंगे| ©शर्मा निखिल #lotus
Radhe Krishna
प्रतिएक समस्या के तीन ही समाधान हैं !! स्वीकार कर लो ! उसे बदल दो ! या छोड़ दो ! !! राधे राधे जी!! 🌞 good morning 🌞 ©Radhe Krishna #lotus