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Shashi Bhushan Mishra
हर किसी को ज़िन्दगी में होश नहीं होता, गलतियाँ करते मगर अफसोस नहीं होता, बेवज़ह ही भागते रहते हैं रात-दिन पर, सबकुछ हो पास फिर भी संतोष नहीं होता, कुछ लोग चाहकर भी हासिल नहीं कर पाते, पाने की दिल से चाहत या जोश नहीं होता, कछुए के जीतने की सुनते हैं सब कहानी, पर हारने वाला सदा ख़रगोश नहीं होता, मैख़ाने से निकलते दिख जाते लड़खड़ाते, नज़रों से पीने वाला मदहोश नहीं होता, बंधन हो प्रेम का तो बँध जाए स्वयं तन-मन, ज़ंजीर सा जकड़ा हुआ आगोश नहीं होता, फल पाएगा करनी का हर कोई यहाँ 'गुंजन', आँसू से पिघल जाए जो दिल ठोस नहीं होता, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #अफसोस नहीं होता#
Ahamad naved
माना कि वक्त सता रहा है,मगर बहुत कुछ सिखा रहा है। वो मुझ से तो मीठी मीठी बातें करती है, मगर आंखे कोई और मिला रहा है। हमें अफसोस नहीं है उसकी बेवफाई पे हमें डर है कहीं वह उसको खिलौना तो नही बना रहा है। ©Ahamad naved हमे अफसोस नहीं उसकी बेवफाई पर
Jyoti Jaiswal
#OpenPoetry अफसोस नहीं दीन गुज़र चुका था, शाम भी ढल गई थी, रात के सन्नाटे में आज फिर, एक उमीद भरी चीख गूंज रही थी। आज जब अकेले थी वो उन सुनसान अंधेरी गलियों में, जिसपे हमेशा उसके हौसले उसका साथ दिया करते थे वहीं एक डर था उसे आज खुदको खो देने का, जिसको हकीकत बनाया खुदको मर्द कहने वाले कुछ लोगो ने । आज पल पल वो बिखर रही थी.... खुदसे दूर जाते कुछ फासले तय कर रही थी, हां बहुत नासमझ थी वो...जो आज परायों से भी गुहार लगा रही थी। इस दर्द में भी उम्मीद थी उसे कुछ.... वहां दूर खड़े कुछ अनजान चेहरों से, जो उसके बहते आंसुओ में बस... खुदकी मौजूदगी का नाम लिख रहे थे चुपकेसे। शायद जायदा वक़्त नहीं था उसके पास ..ये अब जान चुकी थी वो, इसलिए मुस्कुरा उठी वो एक पल खुशी से...जब याद किया कुछ प्यारे बीते लम्हों को। वो कमज़ोर नहीं लाचार नहीं ... शिकार हुई थी कुछ गंदी नज़रों का। अफसोस तो हुआ उन कुछ मर्दों को ये जान , की आज भी उसे अफसोस नहीं .....नज़रे मिलाकर खुदको लड़का नहीं लड़की कहने का। अफसोस नहीं 🖤#poetry#poetryforlife#ankahibaatein
Suman singh
अफसोस नहीं अब कि तू मेरा ना हो सका पर, तड़पी तो बहुत ही हूं तेरे खातिर, अब गम नहीं कुछ और छिन जाए तो पर, आज भी डरती हूं तेरे खातिर, छीन लिया जमाने ने तुझे मुझसे मगर शिकायत भी किससे करूं , अब तो हर रास्ता अंजाना सा लगता है तेरी यादें भी बेगाना सा लगता है कसूरवार तो मैं नहीं इस दिल का पर खुद की वकालत भी नहीं कर पाती अफसोस नहीं अब कि तू मेरा ना हो सका
gaTTubaba
तुझे गंवाने का अफसोस नहीं खुद को गंवाने का हैं!! ©gaTTubaba #TereHaathMein तुझे गंवाने का अफसोस नहीं खुद को गंवाने का हैं!!