Find the Latest Status about तरंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तरंग.
Parasram Arora
आज भी..... चाय की चुस्कियों मे जीवन रोज चार बार डुबकिया लगा लेता हैँ फिर भी मन तरंगित कहाँ हो पाता हैँ काश मैं समझ पाता सुकरात की मनस्तिथि को जिसने पूरे जीवन काल मे एकबार ही विष के प्याले मे डुबकी लगाई थी औऱ उसकें मन की वैभवशाली तरंगे पूरे विश्व मे तरंगित हो गई थी........ तरंगें.......
Aaradhana Anand
"कीमती है सिक्के, ईमान सस्ता है.. यहां रिश्तों का मतलब ही मतलब का रिश्ता है...!!! चित् तरंगिणी पत्रिका
Parasram Arora
यध्यपि मिट चुके होंगे हमारे वज़ूद मगर हवा में घुली रहेंगी संगीत की तरंगे ज़ो हमेँ हुल्साती रहेंगी हमारे वजूद को सहला सहला कर सराहती रहेंगी ©Parasram Arora तरंगे.......
Aaradhana Anand
“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” यानी भारत की दो प्रतिष्ठायें हैं पहली संस्कृत व दूसरी संस्कृति..... “संस्कृताश्रिता संस्कृति:” यानि भारत की संस्कृति संस्कृतभाषा पर ही आश्रित है। चित् तरंगिणी पत्रिका
Aaradhana Anand
करके साधु की हत्या , मिला कौन सा मान । कुकर्मो से मानव न सुधरे , कैसे बसा ये अभिमान ।। नमन करो तो ज्ञान मिले , मिले धर्म का ध्यान । साधु की हत्या करे जो, न हो कभी कल्याण ।। मानव की बुद्धि भ्रष्ट हुई , यहां पापी बने महान । दुनिया मे हाहाकार मचा , ये ही कर्मो का परिणाम ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
Aaradhana Anand
हे मेरे हृदय इतना भी न दोष दो। दे सको तो दिल का अपने आगोश दो।। #love_at_first_sight चित् तरंगिणी
Aaradhana Anand
चित् तरंगिणी पत्रिका दिव्य शब्द संग्रह खाली है सडक लेकिन ,मोड बहुत है । दिखती है साफ सुथरी लेकिन , जोड बहुत है ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
Satendra Sharma
🌹🌹"राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी" की जयन्ती (23 सितम्बर) पर शत-शत नमन करते हुए उनकी प्रतिष्ठा में पंक्तियाँ समर्पित कर रहा हूँ..... 🙏🙏 धरा भारती गौरवान्वित हुई थी जिनको अपने पुत्र रूप में पाकर, माँ सरस्वती ने हृदय से आशीर्वाद दिए थे जिनको चुन-चुनकर। हिमालय बौना हुआ उनके समक्ष, गगन ने रखा जिनको अपने समकक्ष, राष्ट्रकवि, जनकवि से सुशोभित हुए नाम है उनका 'दिनकर'।। कभी 'रेणुका' काव्यसंग्रह से निकली भावनायें क्रान्ति की चिन्गारी बन जाती, कभी 'समर शेष है' से लेखनी सत्तालोलुप चरित्रों पर प्रहार कर जाती। कभी 'हमारे कृषक' से दशा किसान की हृदय को व्याकुल जाती कर, याद रहेंगे सदा 'रश्मिरथी' 'उर्वशी' जैसे महाकाव्यों के निगार 'दिनकर'।। ....... सत्येन्द्र शर्मा 'तरंग' 'तरंग'
Sunita Chhattani
ढलते सूरज की तरह उम्र ढल रही हैं सुख की आस लिए बैठे थे डूबते सूरज ने फिर वादा किया कल फिर मिलेंगे नई तरंग के साथ सवेरे ©Sunita Chhattani नई तरंग