Find the Latest Status about कस्बा/शहर from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कस्बा/शहर.
vish
White ख्वाबो का मेरा एक शहर था।। जिसमें मेरी ख्वहिशें जिंदा थी।। आंखें खुली तो पता चला।। वो ख्वाब दो पल का था।। ©vish # ख्वाबो का शहर
# ख्वाबो का शहर #Poetry
read moremalay_28
शहर के सब मकाँ लगते यहाँ पत्थर चलो ना गाँव में चलकर कोई घर लें ! ©malay_28 #शहर पत्थर
Arora PR
White इस नए अजनबी शहर में मै पहली बार आया हु और सोचा था सब कुछ यहां नया नया दिखेगा. अफ़सोस हुआ देख कर कुछ भी नया नहीं सब कुछ मेरे शहर जैसा ही था यहाँ तक कि जो चाँद यहाँ निकला है वैसा चाँद मेरे शहर नेभी रोज़ निकला करता था ©Arora PR अजनबी शहर i
अजनबी शहर i #कविता
read moremalay_28
मेरी ग़ज़लों में जो ढल सके वो बहर चाहिये मेरा गाँव जहाँ साँस ले सके वो शहर चाहिये. ©malay_28 #वो शहर चाहिये
वो शहर चाहिये #शायरी
read moreManju kushwaha
White वो बच्चे जो निकले थे कभी कमाने के लिए फिर लौटे ही नहीं वापिस घर आने के लिए ll मन में इक ख़लिश दबाये लौटे जो कभी उस गली.. वो आए तो बस अपनी शानो-शौकत दिखाने के लिए ll वो जाले से लिपटा मकान जो सुन्दर घर हुआ करता अब वो ही करते हैं बातें उसे बेच जाने के लिए ll विरान पड़े हैं बाग बगीचे और गुलिस्तान सारे.... कि कोई आता ही नहीं उन्हें फिर से बसाने के लिए ll अब शौकीन हुए हैं सभी ऊँची ऊँची अट्टालिकाओं के जर्जर है गाँव का वो घर कौन आए उसे सजाने के लिए ll मंजू कुशवाहा ✍️🌹💞 ©Manju kushwaha #शहर
SANJAY SAHA
White छोड़ आय थे सुबह अपना आशियाना पर शाम को अपना घर है जाना अपनों का प्यार है पाना। ©SANJAY SAHA #City शहर से दूर
Dev Rishi
गुजर गये है गांव से शहर की ओर.... तनख़ा दो से चार हुई है हां शहर की ओर... अपनी मंजिल अक्सर शहर में क्यों मिलती है गांवों की रौनक धुंधली हो चुकी है क्योंकि कि ... सब जा रहा है शहर की ओर ©Dev Rishi #शहर की ओर
#शहर की ओर
read moreVikas sharma
White रंग सब बेशूमार थे..पर कोई होली तो ना थी लम्हा था विदाई का पर सजी ,कोई डोली तो ना थी शोर मचा रहीं है खामोशियाँ चीख चीख कर उस एक नाम की मिश्री हवा में शायद ,घुली तो ना थी अक़्सर अब ठिक जाती होगी नज़र तस्वीरों में उन अनजाने रास्तों में कभी बेवजह चली तो ना थी जो गुजरोंगे तुम कभी यादों के शहर से एहसास होगा..इससे पहले ख़ुद से यूँ मिली तो ना थी कोरे कागज़ पे महफ़ूज़ रहे अल्फाज़ अब तलक क़लम से जो वो दास्तान कभी लिखी तो ना थी कुछ तो खास होगा.इस मौसम की ख़ुमारी में इस पतझड़ में यूँ बहार कभी ..खिली तो ना थी @विकास ©Vikas sharma #nightthoughts इश्क़ का शहर
#nightthoughts इश्क़ का शहर #लव
read more