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Stories related to फिर कोई है भूतों का नाटक

sk chodhry

वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.

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White वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. 








चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.

©sk chodhry वफादारी का सबूत तो पीठ के पीछे होता है. चेहरे पर हर कोई सच्चा हो जाता है.

Rohan Roy

ना नास्तिक का कोई अपना धर्म है, ना आस्तिक का कोई अपना धर्म है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation

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White ना नास्तिक का कोई अपना धर्म है, 
ना आस्तिक का कोई अपना धर्म है। 
फिर भी ये एक दूसरे के धर्मों के खिलाफ लड़ रहे हैं। जबकि यह दोनों ही सामान्य इंसान है।
और इंसानियत ही, इनका सबसे पहला धर्म है। नास्तिक ना देव की पूजा करता है, 
ना पत्थरों को देव मानता है, 
फिर भी चारों तरफ ईश्वर को पाता है। 
और आस्तिक देव की पूजा करता है, 
पत्थरों को अपना देव मानता है,  किंतु गंगा जैसी पवित्र नदियों में पाप धुलने की भूल क्यो करता है।

©Rohan Roy ना नास्तिक का कोई अपना धर्म है, 
ना आस्तिक का कोई अपना धर्म है। 
| #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation

Parasram Arora

है कोई ऐसा कोना ?

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White इस जहा मे क्या   है 
कोई ऐसा कोना जहा 
जिंदगी सांस न लें रहीं हो?

ये तो थार के तपे हुए 
रेगिस्तान मे भी है 
और अमेज़न के 
घने  जंगलो क़ी बहारो  मे भी है

©Parasram Arora है कोई ऐसा कोना ?

Internet Jockey

#good_night कोई चुप रहके निभा रहा है कोई ज़ोर से चिल्ला के बता रहा है प्रेम प्रदर्शन का नहीं, दर्शन का विषय है जनाब जो है सबसे मधुर एहसास उस

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White 
कोई चुप रहके निभा रहा है
कोई ज़ोर से चिल्ला के बता रहा है
प्रेम प्रदर्शन का नहीं, दर्शन का विषय है जनाब
जो है सबसे मधुर एहसास
उसी को व्यवसाय बनाया जा रहा है

©Internet Jockey #good_night 
कोई चुप रहके निभा रहा है
कोई ज़ोर से चिल्ला के बता रहा है
प्रेम प्रदर्शन का नहीं, दर्शन का विषय है जनाब
जो है सबसे मधुर एहसास
उस

आचार्य योगेश शर्मा

जीवन में पहली बार भूतों से सामना

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मेरे जीवन की पहली भागवत कथा में भूतौ का  सामना 
उस समय मैं 21 बर्ष का था मै गया तो था गुरु जी से मिलने 
उसी समय पर वहां अशोक कुमार जी बरेली से आये हुये थे गुरूजी से आशीर्वाद लेकर मे गुरुजी के चरणों की सेवा कर  रहा था ।
उसी समय गुरूजी हमसे बोले तुम कथा कर लोगे हमने कहा गुरु जी कभी किये तो नही पर अध्ययन तो पूरा है पर कभी किया नहीं है 
फिर करो जी ने हमसे कहा अशोक कुमार जी की कथा आपको करनी है 
बड़ा आयोजन है कथा पंडाल में हो गई और और हमारा आशीर्वाद है तुम्हें 
जब गुरु जी ने हमें ऐसा कहा तो हमने सोचा कि गुरु जी का आशीर्वाद साथ है तो घबराने की काहे बात है हमने कोई तैयारी भी नहीं की थी उसे दिन के चार दिन बाद ही कथा प्रारंभ थी कथा स्थल पर हम पहुंचे दो ब्राह्मण भी हमारे साथ थे माला संध्या उपासना करने वाले जैसे ही हम बरेली पहुंचे अशोक कुमार जी हमें स्टेशन पर लेने आए अपनी निजी गाड़ी से हमें अपनी हवेली पर लेकर गए अशोक कुमार जी ने हमें हवेली की तीसरी मंजिल पर ठहराया अशोक कुमार जी के पिताजी वहां पर थे उनका नाम था लक्ष्मण प्रसाद लक्ष्मण प्रसाद जी ने हमसे पूछा कि आप कथा कर पाओगे यहां पर हमने कहा कथा करने ही तो आए हैं उन्होंने बताया यह कथा प्रेत बाधा के लिए कराई जा रही है इस हवेली में अनेक प्रकार की आत्माएं हमें परेशान करती है किसी ने बताया है श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से उनकी मुक्ति होगी लेकिन इस हवेली में एक रात से ज्यादा यहां पर कोई टिक नहीं पता तो आप कर सकोगे हमने कहा गुरु जी का आशीर्वाद है सब हो जाएगा तो शाम का 4:00 गया था हम अपनी संध्या उपासना करने के लिए बैठे कुछ समय तो बढ़िया बैठे रहे अपनी उपासना करते रहे थोड़ी देर बाद उसे कमरे में जिसमें हम बैठे थे ट्यूब लाइट जल रही थी एक ट्यूबलाइट चौक में जल रही थी फिर भी वहां पर कम से कम 11 है आत्माएं उपस्थित हुई और हमें परेशान करने लगी फिर हम डरने लगे लेकिन गुरुजी ने आशीर्वाद दिया था और अपने ध्यान में लग रहे कुछ देर बाद वह आत्माएं मिलकर के आक्रमण करना चाहती थी फिर हमारे पास जो जल रखा था उसे जल से हमने उनके ऊपर छींटे मारें फिर उनमें से एक आत्मा ने बात किया आवाज आई हम आपसे कुछ नहीं कहेंगे बस हम मुक्ति चाहते हैं फिर हमने कहा श्रीमद् भागवत की शरण में आओ और सप्ताह प्राण आप सुनो आपकी सद्गति होगी उसके बाद संध्या उपासना करके जब हम उठे तो हम पहुंचे जहां हमारे दो ब्राह्मण ठहरे  हुए थे उन्होंने कहा महाराज जी बड़े जल्दी आ गए तो हमने कहा जल्दी ही काम हो गया तो आ गए उन ब्राह्मणों को भी उन आत्माओं ने हमसे पहले डराया था वह तो वहां से भागने लगे फिर हमने उनको समझाया और कहा आप हमारे साथ रहो कुछ नहीं बिगड़ेगा फिर दूसरे दिन जब हम संध्या के लिए बैठे तो उन आत्माओं ने कहा कि हमारे मुक्ति के लिए इस हवेली के नीचे नीचे खाना है उसे तहखाना में हमको हमको युद्ध के समय बंधक बनाकर बंद कर दिया गया था तब से हम इसी हवेली में रहते हैं फिर अशोक कुमार जी हमारे लिए भोजन लेकर आए तो हमने उनको यह सब बताया उन्होंने कहा महाराज जी यह हवेली राजा महाराजाओं के समय की है और हमारे दादा ने इसे खरीदा था एक दिन हमारे पिताजी ने इस तहखाना को खुलवा दिया था तब से ही घर में हलचल मची हुई है फिर हमने अशोक कुमार जी को आश्वासन दिया और कहा कि आप कथा स्थल पर मंडप की व्यवस्था करो और कल से प्रोग्राम चालू करें सब ठीक होगा उसके बाद साथ दिवस कथा हुई गुरु जी की कृपा से आशीर्वाद से कथा मैं कोई रुकावट नहीं आई और जो प्रेत आत्माएं थी वह भी मुक्ति को प्राप्त हो गई जय श्री राधे

©आचार्य योगेश शर्मा जीवन में पहली बार भूतों से सामना

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है, हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है। ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है, जिंदगी का ये

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हर चेहरा नया है, मगर दर्द वही है,
दिल के किसी कोने में, दबी आवाज़ वही है।
किरदार बदलते गए, पर कहानी वही है,
साँसें बदल रहीं हैं, पर धड़कन की राग वही है।

हर रास्ता अलग है, फिर भी सफर वही है,
जो खुशी थी कभी, आज उसकी कसक वही है।
आसमान बदलता है, मगर रंग वही हैं,
सितारे टूटते हैं, पर अरमान वही हैं।

रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है,
हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है।
ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है,
जिंदगी का ये नाटक, बस परछाईं वही है।

दिल की ज़ुबां पर सवालों का शोर वही है,
ज़िंदगी के हर मोड़ पर, सन्नाटा घना वही है।
वक्त ने हर चीज़ को बदला, पर जख्म पुराने वही हैं,
वो बातें जो छूट गईं थीं, अफसाने वही हैं।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
रिश्ते नए बनते हैं, पर एहसास वही है,
हर चेहरे पर मुस्कान, पर दिल उदास वही है।
ख्वाब जितने भी बदलें, हकीकत वही है,
जिंदगी का ये

F M POETRY

#फिर लगातार देखना है उसे...

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Unsplash आख़री बार देखना है उसे..
फिर लगातार देखना है उसे..

वो दवाएं बहुत बताता है..
होके बीमाऱ देखना है उसे..


🙏🙏🙏

©F M POETRY #फिर लगातार देखना है उसे...

Vs Nagerkoti

#Sands यहां लोगों को समझना आपका एक वरदान है । जिससे आपको महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक कर रहे

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Red sands and spectacular sandstone rock formations किस तरह आपको मिला हुआ वरदान
 भी आपके लिए श्राप साबित हो जाता 
 है । जब आपका लोगों को आसानी
 से पढ़ लेना ही आपको बेहद तकलीफ 
 देता है । जब आपको महशुश होता है 
की जिन्हे आप सबसे ज्यादा पसंद करते 
है वही आपसे सबसे ज्यादा नफरत
 करते है ।सोचो कैसा लगता होगा उस 
वक्त । मन की क्या दशा होती होगी ।
वो इंसान रोज आपके सामने एक ही 
 नाटक करता है।और आपको पता भी
 होता है। फिर भी आप कुछ नहीं कहते ।

©Vs Nagerkoti #Sands यहां लोगों को समझना 
आपका एक वरदान है । जिससे आपको 
महसूस होता है कि यहां कोई अपना नहीं है । बल्कि अपने होने का जर्बदस्त नाटक 
कर रहे

Mayuri Bhosale

नाटक

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नाटक....
जीवन आहे एक न संपणार नाटक, 
सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. 
नाटक असते एक रंगभूमी, 
पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. 
इथे सादर करतात अनेक कला,
प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. 
कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा,
सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा.
पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, 
पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. 
नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत,
शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत.
असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, 
सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा.

©Mayuri Bhosale नाटक

Mayuri Bhosale

नाटक

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नाटक....
जीवन आहे एक न संपणार नाटक, 
सगळे लोक असतात याचे पात्र आणि घटक. 
नाटक असते एक रंगभूमी, 
पण कलाकारांची असते ती कर्मभूमी. 
इथे सादर करतात अनेक कला,
प्रश्न व उत्तर यांची मोजली जाते मग तुला. 
कलाकार मंडळी करतात अनेक वेशभूषा,
सादरीकरण असे जणू की न संपणाऱ्या वेड्या आशा.
पडद्यामागच्या लोकांची इथे गोष्ट असते वेगळी, 
पडदा उघडताच समोर येतात रोज नव्या खेळी. 
नाटक आहे सुंदर आयुष्याचे गीत,
शेवटी लोक पाहतात यामध्ये सत्याचीच जीत.
असे हे नाटक कधीही न उलगडणारी कथा, 
सगळ्यांच्याच आयुष्याची असते ही व्यथा.

©Mayuri Bhosale नाटक
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