'मतला' वो शेर जो ग़ज़ल के शुरु में है सजता,
और जिसपे ग़ज़ल ख़त्म होती है वो है 'मक़्ता'!
'क़ाफ़िया' वो जिससे शेर तमाम ताल में आये,
'रदीफ #Shayari
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Adil Ali Saharanpuri
मिसरा तरह /हरिक के हाथ में पत्थर है क्या किया जाए
काफिया/पत्थर,समंदर,रहबर,दर,सर
रदीफ/क्या किया जाए
वज़न/1212/1122/1212/22
HASAN TUKBANDI #Shayari
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Sumeer Bhati
अहले महफ़िल तुझे क्या दे।
हाल ए दिल सुना दे।
अश्क अश्क रदीफ़
अश्क अश्क हुआ है । काफ़िया
यु करें के ग़ज़ल का एक मतला सुना दे।
अरसे बाद लिखा #Love#Hindi#New#urdu#Life_experience