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Mamta Singh
आप सभी को विश्व कविता दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं 🌹🌹 अनुशीर्षक में पढ़े 🙏 ©Mamta Singh #WritersSpecial कविता ये हैं क्या!! चंद शब्दों,या कुछ पंक्तियों का समूह। या किसी विरहनी के अंतर्मन से निकली व्यथा। किसी भक्त के वाणी से निकल
Prerna Singh
जिंदगी को समझने की कोशिश करोगे तो उलझ के रह जाओगे। बस इतना जान लो कि तुम्हें यहाँ टाइम पास करना हैं। फिर अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करना हैं। तब तक कुछ ऐसा कोई काम करना, जिस से किसी को तकलीफ न हो और न तुम्हें हो.... ©Prerna Singh जिंदगी को समझने की कोशिश करोगे तो उलझ के रह जाओगे। बस इतना जान लो कि तुम्हें यहाँ टाइम पास करना हैं। फिर अपने गंतव्य की ओर #प्रस्थान करना है
||स्वयं लेखन||
गंतव्य के रास्ते खुल जाते हैं उनके, इरादे बुलंद होते हैं जिनके। ©Gunjan Rajput गंतव्य के रास्ते खुल जाते हैं उनके, इरादे बुलंद होते हैं जिनके। #Exploration #Life #Life_experience #thought #Poetry #Dream
Srinivas
जब तक आप गंतव्य तक नहीं पहुंच जाते तब तक यात्रा खत्म नहीं होती है। अपने संघर्ष को व्यर्थ न जाने दें। वे चुनौतियां हैं जो गंतव्य को और अधिक फायदेमंद बनाती हैं। ©Srinivas #safar #Destination #Journey जब तक आप गंतव्य तक नहीं पहुंच जाते तब तक यात्रा खत्म नहीं होती है। अपने संघर्ष को व्यर्थ न जाने दें। वे चुनौति
N S Yadav GoldMine
एक अरबी मुस्लिम लन्दन के बस में चढ़ा और उसने बस चालक से अनुरोध किया कि "बस में बज रहे संगीत को तत्काल बन्द कर दें. {Bolo Ji Radhey Radhey} बस चालक ने इसका कारण पूछा तो अरबी मुस्लिम ने कहा कि "इस्लाम की शिक्षा के अनुसार संगीत सुनना हराम है क्योंकि हमारे प्यारे नबी के समय संगीत नहीं था और विशेष रूप से पाश्चात्य संगीत. बस चालक ने विनम्रतापूर्वक रेडियो बन्द कर दिया, बस का दरवाज़ा खोला और अरब मुस्लिम को बस से नीचे उतर जाने का निवेदन किया! अरब मुस्लिम ने इसका कारण पूछा बस चालक ने विनम्रता से उत्तर दिया - हे अरबी भाई! प्यारे नबी के समय कोई टैक्सी नहीं थी, कोई बस नहीं थी, कोई बम नहीं थे, हवाई जहाजों का अपहरण करने वाले नहीं थे, मस्जिद में शोरगुल मचाने वाले लाउडस्पीकर नहीं थे, कोई आत्मघाती हमले नहीं होते थे, RDX नहीं था, AK 47 नहीं थी, सर्वत्र केवल शान्ति थी. इस्लामियत के नाम पर दोहरी चाल कहीं और जाकर चलाओ, चुपचाप नीचे उतरो और गंतव्य तक पहुँचने के लिए ऊँट का इन्तजार करोl 😂 ©N S Yadav GoldMine #sadak एक अरबी मुस्लिम लन्दन के बस में चढ़ा और उसने बस चालक से अनुरोध किया कि "बस में बज रहे संगीत को तत्काल बन्द कर दें. {Bolo Ji Radhey Ra
खामोशी और दस्तक
यादें तेरी मेरी भाग दो नशा ही नशा है ©खामोशी और दस्तक #merikHushi तीन मित्र थे राहुल ,राज और प्रेम , स्कूल से कॉलेज तक की पढ़ाई तीनों ने साथ में साथ में की , तीनों मेधावी छात्र थे ,जल्द ही उनक
Shipra Pandey ''Jagriti'
ऐसा तो कोई दिन नहीं जब सब थम जाए रात ऐसी आई है क्या जिसकी सुबह नहीं सब नये सिरे से शुरू हो सकता है मेरे दोस्त तेरे बाद कोई और हो मेरे जीवन का हिस्सा ना वो दौर आये ना हो कभी ऐसा कोई हादसा तुम थी तुम ही हो और रहोगी तुम ही हिस्सा हम रहे या कि ना रहे आकर तलाशी ले लेना रूह के दरो दीवार पर लिखा मिलेगा तेरा किस्सा। ©Shipra Pandey ''Jagriti' #FriendshipDay मेरी दोस्त...! कई राते आई और चली गई हजारो लोग मिले और रम गए ख़ुद में तुझसे बिछड़ने के बाद कोई दोस्त नहीं बनाया मैंने
Rakesh frnds4ever
दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी कन्द्राओ से कभी रेगिस्तानों से,, पर्वत पठारों से, घाटी मैदानों से शहर ओर गावों से , सभी जगहों से गुजरती हुई जब सरपट दौड़ती है तो ,, एक मधुर संगीत में कानों को घर के एहसास का सुकून देती जाति है,,..... ©Rakesh frnds4ever #Train #दूर दूर तक ले जाते हुए भी कितनी पास रहती है #गंतव्य पर पहुंचा ही देने की आस रहती है,, कभी #कन्द्राओ से कभी #रेगिस्तानों से,, #पर्
N S Yadav GoldMine
कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, अपना काम स्वयं करना चाहिए जानिए इनकी संक्षिप्त कहानी !! 🍂🍂 {Bolo Ji Radhey Radhey} काम छोटा या बड़ा नहीं होता है :- 🗻 प्राचीन समय की बात है जब एक गुरु अपने शिष्यों के साथ कहीं दूर जा रहे थे। रास्ता काफी लंबा था और चलते – चलते सभी लोग थक से गए थे। सभी विश्राम करना चाहते हुए भी विश्राम नहीं कर पा रहे थे। अगर विश्राम करते तो गंतव्य स्थल पर पहुंचने में अधिक रात हो जाती। इसलिए वह लोग निरंतर चल रहे थे। रास्ते में एक छोटा नाला आया जिस को पार करने के लिए सभी को लंबी छलांग लगानी थी। 🗻 सभी लोगों ने लंबी छलांग लगाकर नाले को पार कर लिया। लेकिन छलांग लगाते वक़्त गुरुजी का कमंडल उस नाले में गिर गया। सभी शिष्य परेशान हुए एक रणधीर नाम का शिष्य शिष्य कमंडल निकालने के लिए सफाई कर्मचारी को ढूंढने चला गया। अन्य शिष्य बैठकर चिंता करने लगे, योजना बनाए लगे आखिर यह कमंडल कैसे निकाला जाए? 🗻 गुरु जी परेशान से दिखने लगे क्यूंकि उनको अपने शिष्यों की शिक्षा पर संकोच होने लगा। गुरुजी ने सभी को स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया था। उनकी सिख पर कोई भी शिष्य वास्तविक जीवन में अमल नहीं कर रहा था। अंत तक वास्तव में कोई भी उस कार्य को करने के लिए अग्रसर नहीं हुआ, ऐसा देखकर गुरु जी काफी विचलित हुए। 🗻 एक शिष्य राहुल उठा और उसने नाले में हाथ लगा कर देखा, किंतु कमंडल दिखाई नहीं दिया क्योंकि वह नाले के तह में जा पहुंचा था। तभी मदन ने अपने कपड़े संभालते हुए नाले में उतरा और तुरंत कमंडल लेकर ऊपर आ गया। 🗻 गुरु जी ने अपने शिष्य मदन की खूब प्रशंसा की और भरपूर सराहना की उसने तुरंत कार्य को अंजाम दिया और गुरु द्वारा पढ़ाए गए पाठ पर कार्य किया। तभी शिष्य गोपाल जो सफाई कर्मचारी को ढूंढने गया था वह भी आ पहुंचा, उसे अपनी गलती का आभास हो गया था। कहानी की शिक्षा :- 🗻 कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, अपना काम स्वयं करना चाहिए। किसी भी संकट में होने के बावजूद भी दूसरे व्यक्तियों से मदद कम से कम लेना चाहिए। ©N S Yadav GoldMine #rush कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, अपना काम स्वयं करना चाहिए जानिए इनकी संक्षिप्त कहानी !! 🍂🍂 {Bolo Ji Radhey Radhey} काम छोटा या
Raghu Shivaswamy
ನಿರ್ಧಿಷ್ಟ ಸ್ಥಳವನ್ನು ತಲುಪಬೇಕಾದರೆ ನಮಗೆ ಒಂದು ನಿರ್ಧಿಷ್ಟವಾದ ಗುರಿ ಇರ್ಬೇಕು. ನಾವ್ ಹೋಗ್ಬೇಕಾದಂತ ಸ್ಥಳ ಇದೆ ಅಂತ ಫಿಕ್ಸ್ ಆದ್ಮೇಲ್ ಮುಗಿತು ಎಷ್ಟೇ ಕಷ್ಟ ಆದ್ರು ಸರಿನೆ ಆ ಸ್ಥಳವನ್ನ ನಾವು ತಲುಪಲೇಬೇಕು. ಗುರಿ ಇಲ್ಲದ ಜೀವನ ತರಗೆಲೆಯಂತೆ, ಗಾಳಿ ಬಂದ್ ಕಡೆ ತೂರ್ಕೊಂಡ್ ಹೋಗ್ತಾ ಇರುತ್ತೆ. ಜೀವನ್ದಲ್ಲಿ ಗುರಿ ಇರ್ಬೇಕು, ಆ ಗುರಿನ ನಾವ್ ಮುಟ್ಟೊ ತನ್ಕ ಹೋಗ್ತಾನೆ ಇರ್ಬೇಕು. नमस्कार लेखकों! 🌺 आज का WOTD (Word Of The Day)— मंज़िल or Destination. Meaning: गंतव्य, स्थान, लक्ष्य/ the place to which someone or somet