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Chandan Yadav
अब दिन उकेरुंगा समंदर से पानी लेकर चस्म-ए-तर है तेरी झीलों से पानी लेकर मैं बनाऊंगा तीर, भाला, बारूद और जंग तुम मारकां चली आना घड़े में पानी लेकर - चन्दन यादव #Abhivyanjana अब दिन उकेरुंगा समंदर से पानी लेकर चस्म-ए-तर है तेरी झीलों से पानी लेकर मैं बनाऊंगा तीर, भाला, बारूद और जंग तुम मारकां
Nadeem Md Budhana
Akhilesh verma
Author Munesh sharma 'Nirjhara'
मुक्तक... वहम् न पाले दिल अगर जीने का जुगाड़ कहाँ होता है जो बस्ती बसनी थी कभी उजाड़ने का गुनहगार कौन होता है! वक़्त तो बस चलता रहा राहगीर राह पकड़े रहा आ जाये रोड़े राह में बहुत राह रोकने का हिसाब कौन देता है! बूँद-बूँद पानी लेकर जो दरिया बना अपने दम पर रात्रि में भी तपिश देकर उसे सुखाने का कारण गायब होता है! 🌹 #mनिर्झरा मुक्तक... वहम् न पाले दिल अगर जीने का जुगाड़ कहाँ होता है जो बस्ती बसनी थी कभी उजाड़ने का गुनहगार कौन होता है!
Rishabh Arya
"ग़ज़ल"🥀🖤 बागीचे का फूल दुखी है कोई भौंरा पास नही है, उसके कांटो में फंस गई इक तितली की लाश पड़ी है
Shubhankar Dubey
उसे मोहब्बत हो गई है हमसे मज़ाक अच्छा है यहां ज़मीं पर एक दो-आब अच्छा है सब कह रहे मेरा सबाब अच्छा है कितनी आरज़ू है दिल में जो तुम्हे ल
Zoga Bhagsariya
मैंने तो कतरे ही डाले इक मरे से पेड़ में , मेरी खातिर पानी लेकर सारा जंगल आ गया ।। میںنے تو قطرے ہی ڈالے اک مرے سے پیڈ میں ، میری خاطر پانی لیکر سارا جنگل آ گیا ۔ जीत जाता मैं मगर उस को जिताना था मुझे , इसलिए मैं हार कर के आज दंगल आ गया ।। جیت جاتا میں مگر اس کو جتانا تھا مجھے ، اسلئے میں ہار کر کے آج دنگل آ گیا ۔ زوگہ بھاگسریہ ۔ ©Zoga Bhagsariya मैंने तो कतरे ही डाले इक मरे से पेड़ में , मेरी खातिर पानी लेकर सारा जंगल आ गया ।। میںنے تو قطرے ہی ڈالے اک مرے سے پیڈ میں ، میری خاطر پانی
Nisheeth pandey
#EarthDay2021 पर एक प्रेम कविता प्रस्तुत है ☺ 🥀🌹🌺🏵🌷🌱🌲🌳🌾🌿☘🍀🍁🍂🏵 एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा देना .. मेरे बगीचे में आना और चंचल तितली बन जाना ... मेरे बगिये के फूलों को खिलने का बहाना दे देना .... थमीं हवाँ को एक पागलपन दे देना ... खामोश पत्ते को उड़ने का बहाना दे देना ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे देना... भीनी भीनी खुशबुएँ वाली हवाँ में मदहोश हो लेना .... अपनी उंगलियों से पंखुड़ियों को शहद देना ... फूलों को एक फूल का जलन दे देना .. एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा देना .... शरारत भरी नज़रों से फूलों की बातें दे देना ... मेरे हाथों से पानी लेकर फूलों को अमृतपान दे देना ... मेरे फूलों को तुम अपने गालों पर चुम्बन दे देना ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा देना .... फूलों की खुशबुएँ ऊपर से तुम्हारी खुंशबू और मुझे मदहोश मन दे जाना... मेरे आँखों मे ख़ुशी का रंग बरसा जाना... अपने होठों से कोई बसंत बहार गुनगुना जाना ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा देना ... मेरे बगिया में एक फूल तुम्हारा एक फूल मेरा किसी एक कोने में लगाएंगे ऐसा ... हम बिछड़े तो बिछड़े पर हमारा फूल रहेंगे साथ हमेशा ... वो साथ खिलेंगे , साथ मँहकेंगे , साथ मुस्कुराएँगे , साथ बिखरेंगे हमेशा .... हमारे मिलने पर भी , बिछड़ने पर भी या अस्तित्व मिटने के बाद भी हमारे प्रेम का साक्ष्य रहेगा हमेशा ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा देना ..... 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey #EarthDay2021 पर एक प्रेम कविता प्रस्तुत है ☺ 🥀🌹🌺🏵🌷🌱🌲🌳🌾🌿☘🍀🍁🍂🏵 एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा देना .. मेरे बगीचे में आना और चंचल तितली बन जा
@nil J@in R@J
भोले की कृपा पाने के लिए शिव को प्रसन्न करने के लिए ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जप करने के साथ आप डमरू बजाएं। यदि जप के समय आपके साथ में और भी कोई है तो मंत्र के जप के साथ-साथ ‘बम बम भोले, बम बम भोले’ का भी उच्चारण करते रहे। इससे भोले की कृपा मिलेगी। #NojotoQuote - ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥[1] यह त्रयम्बक "त्रिनेत्रों वाला", रुद्र का वि
Nisheeth pandey
एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे दो .. मेरे बगीचे में आओ और चंचल तितली बन जाना ... मेरे बगिये के फूलों को खिलने का बहाना दे देना .... थमीं हवाँ को एक पागलपन दे देना ... खामोश पत्ते को उड़ने का बहाना दे देना ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे दो ... भीनी भीनी खुशबुएँ वाली हवाँ में मदहोश हो लेना .... अपनी उंगलियों से पंखुड़ियों को शहद देना ... फूलों को एक फूल का जलन दे देना .. एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे दो .... शरारत भरी नज़रों से फूलों की बातें दे देना ... मेरे हाथों से पानी लेकर फूलों को अमृतपान दे देना ... मेरे फूलों को तुम अपने गालों पर चुम्बन दे देना ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे दो .... फूलों की खुशबुएँ ऊपर से तुम्हारी खुंशबू और मुझे मदहोश मन दे जाना... मेरे आँखों मे ख़ुशी का रंग बरसा जाना... अपने होठों से कोई बसंत बहार गुनगुना जाना ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे दो ... मेरे बगिया में एक फूल तुम्हारा एक फूल मेरा किसी एक कोने में लगाएंगे ऐसा ... हम बिछड़े तो बिछड़े पर हमारा फूल रहेंगे साथ हमेशा ... वो साथ खिलेंगे , साथ मँहकेंगे , साथ मुस्कुराएँगे , साथ बिखरेंगे हमेशा .... हमारे मिलने पर भी , बिछड़ने पर भी या अस्तित्व मिटने के बाद भी हमारे प्रेम का साक्ष्य रहेगा हमेशा ... एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे दो ..... 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey एक शाम कोई मुझे स्नेह का ऐसा दे दो .. मेरे बगीचे में आओ और चंचल तितली बन जाना ... मेरे बगिये के फूलों को खिलने का बहाना दे देना .... थमीं ह