Find the Latest Status about डायरी बनाओ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, डायरी बनाओ.
Shailendra singh
White यह आईने है जो तुम्हें कामपसंद करते हैं वह जानते हैं तुमे हम पसंद करते हैं ©Shailendra singh #sad_shayari शायरी की डायरी
#sad_shayari शायरी की डायरी
read moreRAVI PRAKASH
White ज़िंदगी में हज़ारों दोस्त बनाओ पर उन हज़ारों दोस्तों में एक दोस्त ऐसा बनाओ कि जब हज़ारो लोग आपके खिलाफ हो तो वो आपके साथ हज़ारों के खिलाफ हो ©RAVI PRAKASH #sad_quotes एक दोस्त ऐसा बनाओ कि
#sad_quotes एक दोस्त ऐसा बनाओ कि #शायरी
read moreAnuj Ray
White पुरानी डायरी" पुरानी डायरी में मिला है आज एक ख़त, जिसने मेरी यादों के घरोंदे को कर दिया ख़तबिखत । मोहब्बत में किये प्यार के वादों को निभाने के लिए हमने, बगावत काकर लिया था फैसला। मेरी जान बचाने के लिए उसने ख़ुद की बलि दे दी, मोहब्बत की जल के चिता, ख़ुद की लाश को पहना दी सुहाग की साड़ी। ©Anuj Ray # पुरानी डायरी "
# पुरानी डायरी " #कविता
read moreSanjeev kumar
White न दिल होता न दिल रोता न दिल आप से जुड़ा होता न आप इतने हसीन होते न दिल आप पर फिदा होता ©Sanjeev kumar #Dosti शायरी की डायरी with Sanjeev Kumar
#Dosti शायरी की डायरी with Sanjeev Kumar
read moreSandeep Sagar
मैं थी एक नदी,तुम धार हो मैं पायल तुम झंकार हो मैं खुली आसमाँ के रातों सा तुम ठंडी पवन बयार हो मैं एक उपवन में लगी हुई तुम मुझ में खिली सिंगार हो मैं गानों से भरी हुई तुम राग छेड़ वो सितार हो मैंने तुमको प्यार किया जैसे रुत सावन की बहार हो। मैं अब तेरे पास नहीं पर मेरे अक्स का हिस्सा है तू एक कहानी बुनी थी मैंने उस प्यार का किस्सा है तू। मैंने बस जग़ छोडा है तेरी याद बसा के सीने में तू खिलती रहे तू हस्ती रहे तेरी खुशी का मोल नगीने में। जब भी आए याद मेरी तुम रोना ना इतना करना कि आसमान को देख जरा बस थोड़ा सा मुस्का लेना। मैं साथ हमेशा हूँ तेरे मैं पास हमेशा हूँ तेरे तुम ना सोचो मैं चली गई मैं हर एक आस में हूँ तेरे। ©Sandeep Sagar #maa सागर की डायरी से 📖🖋😊❤️
Sandeep Sagar
White आधा चांद आधा सूरज आधा मैं बंजारों सा आधी आधी दुनिया फिर भी पूरी तुम इन तारों सा।। ©Sandeep Sagar #Moon सागर की डायरी से
Sandeep Sagar
White गिरे आँखों से आँसू तो लगे बहने लगी नदियाँ कि जैसे बिन तुम्हारे कट गयी मेरी पूरी सदियाँ वो मेरी भूल थी जो तुमको मैंने प्यार था समझा नहीं तो यूँ गुजर जाती थी एक तूफ़ाँ भरी रतियाँ। मुझे अब ख़्वाब भी वो लगने लगे है यूँ परायों से की जैसे तितलियाँ उड़ने लगी है इन सरायों से तुम्हे मैं दूँ बना एक आदमी वो भी मुन्तशिर सा मगर ना दूँ तुम्हें वो दिल जो तुम भरते थे किरायों से। मुझे अब एक नदी सी घाट घाट दरिया में जानी है पहाड़ों,पेड़ पर जाना खुद ही पंछी सी ठानी है वो एक पर्वत के पीछे एक बड़ी सी शांत घाटी है वही जीना वही मरना यही बस जिंदगानी है।। ©Sandeep Sagar #Road सागर की डायरी से