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Ravishankar Nishad
Ravendra
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KP TECHNOLOGY HD video editing apps for Android ©KP STUDY HD पर जिस अनुपात में नौकरियां जाएंगी उसी अनुपात में डिजिटल मार्केटिंग जैसे क्षेत्र में नई नौकरियों का सृजन भी होगा। याद रहे एआई इंजीनियरिंग लाइ
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KP TECHNOLOGY HD video editing apps for Android ©KP STUDY HD #स्कॉलरशिप खास तौर पर मेधावी छात्रों को लिए होती है, ताकि किसी भी आर्थिक कारण की वजह से पिछ ना रह जाएं।# #फिलहाल की संस्थान/संगठन है जो विज
Yashpal singh gusain badal'
"जैसे आपके विचार वही आप बनते हैं " हर व्यक्ति जानता है यह ब्रह्मांड और इसमें निहित हर कार्य ,हर घटना,ऊर्जा से सम्पन्न होती है ।इंसान के शरीर और दिमाग को चलाने के लिए भी इसी ऊर्जा की भूमिका होती है। ऊर्जा स्वयं स्फूर्त होता है ।जहाँ ऊर्जा है वहां कंपन है। कंपन ही फ्रीक्वेंसी में परिवर्तित होती हैं। कंपन ही फ्रीक्वेंसी का आधार हैं। फ्रीक्वेंसी ही संचार का माध्यम हैं।मोबाइल, रेडियो,टेलीविजन, सब अलग-अलग फ्रीक्वेंसी के माध्यम से अलग-अलग व्यक्ति से संपर्क तथा अलग-अलग चैनल का संचालन होता है ।वे सब अलग -अलग फ्रीक्वेंसी पर चलते हैं ।जिस फ्रीक्वेंसी का चैनल आप चलाते हैं वही चैनल चलने लगता है ।इस तरह आप अलग-अलग प्रोग्राम देख और सुन पाते हो। इसी प्रकार हमारा मन भी अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर काम करता है ।मन की जैसी फ्रीक्वेंसी होती है उसी तरह की फ्रीक्वेंसी से कार्य करने वाली शक्तियों ,घटनाओं, विचारों,को हमारा मन अपनी ओर खींचता है।हमारे विचार भी विद्युतीय प्रवाह से भरे होते हैं ।वे ऊर्जावान होते हैं और हमारी भावनाएं और फीलिंग्स चुम्बकीय होती हैं । हर विचार से उसकी फीलिंग्स भी जुड़ी होती है और जब भी कोई विचार प्रकट होता है तब विद्युतीय आवेश पैदा होता है। और उन विचारों की वजह से जो भावनायें पैदा हुई वहां चुम्बकीय आवेश जन्म लेता है और जब हमारे विचार और भावनाओं में कंपन होता है तो एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड बनता है और इससे आपकी फ्रीक्वेंसी का पता चलता है । जब हम नकारात्मक विचारों के गिरफ्त में होते हैं तब सभी नकारात्मक फ्रीक्वेंसी हमारे नकारात्मक तरंगों के साथ खुद ही जुड़ जाती हैं और अधिक नकारात्मकता को हमारी ओर भेजने लगती हैं। परोपकार, दया,क्षमा, प्रेम की फ्रीक्वेंसी में रहने वाले लोग उन्हीं से मिलती जुलती फ्रीक्वेंसी को आकर्षित करते हैं ।इसलिए हम जिंदगी में जैसे लोग और घटनाओं चाहते हैं तो हमको उसी फ्रीक्वेंसी में खुद को बनाये रखना चाहिए। अथार्थ हमारे विचार और भावनायें भी उसी के अनुरूप होने चाहिए। ©Yashpal singh gusain badal' #yogaday हर व्यक्ति जानता है यह ब्रह्मांड और इसमें निहित हर कार्य ,हर घटना,ऊर्जा से सम्पन्न होती है ।इंसान के शरीर और दिमाग को चलाने के लिए
Shivam Singh