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अंशिवा
#SpeakOutLoud #शौर्य गाथा छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर सप्रेम भेंट...*अंशिवा* द्वितीय कड़ी/कुल तीन कड़ी
read morebrar saab
भारत में कुल कितने राज्य है ? (A) 28(B) 29(C) 36(D) 15 brar class ©brar saab #भारत में कुल #कितने After है ? (A) 28 (B) 29 (C) 36
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White अमूमन कुछ लड़कियों के हिस्से में नहीं आई मनचाही मुराद,बस आई तो वो है तपाक से जबरन बालविवाह...?? उनके साथ बचपन में सब कुछ झटपट किया गया,चाचा_ताया तय कर आते रिश्ते के लिए लड़का...😏 उन्होंने जब इस बात पर न नुकुर की तो वालिदेन ने जबरन थोप दी उनपे"हाँ की इज़्न..🥺 अगले दिन वालिद माजीद आकर ले जाते दस्तूर में बेटी वालों से रुपया नारियल....😛 मानो हमारा एहसान के लड़के ने हां भरली... और 'बाबुल की दुआए लेती जा'... छज्जे पे बन्नी बैठी रे बन्ने ने ले ली मोल..😜 जैसे कुल मिलाकर दो तीन गाने बजते और बजाते,फिर जेठ की दोपहरी में बु्क्काफाड़ रुलाईयाँ से उनकी बिदाई करा दी गई...😭 और फिर न जाने कब वे मासूम सी अल्हड़ लड़कियां गजभर घूंघट में चूल्हे पर खाना बनाती,बेगानो में अपनापन तलाशती उनकी जी हुजूरी में अपनी तमाम हस्ती को मिटाती चली गई...😏 इन सब बेचारियों का गुड्डे_गुड़िया' से मां होने तक का सफर कमसिनी में ही मुकम्मल तौर पे अम्मा बनाकर तबाह कर दिया गया,और उन्हें जवानी में ही बुढ़ापे का अहसास करा दिया गया..😱 वे सब के सब जबरन"हाँ' के इज़्न से हुए अपने बाल विवाह को भुला बिसराकर जबरन गृहस्थी की गाड़ी रूपी जिम्मेदारी के खूंटे से बांध दी गई...😭 काश इस हां रूपी इज़्न को जबरन नहीं,बल्कि मन चाहा वर देकर उन्हें हिस्से में दिया गया होता..🤔 #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #एहसास©अमूमन कुछ लड़कियों के हिस्से में नहीं आई मनचाही मुराद,बस आई तो वो है तपाक से जबरन बालविवाह...?? उनके साथ बचपन में सब कुछ झटपट किया गय
एहसास©अमूमन कुछ लड़कियों के हिस्से में नहीं आई मनचाही मुराद,बस आई तो वो है तपाक से जबरन बालविवाह...?? उनके साथ बचपन में सब कुछ झटपट किया गय
read moreRV Chittrangad Mishra
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता ©RV Chittrangad Mishra #SunSet श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता -
#SunSet श्रेष्ठ मनुष्य का लगाव श्रेष्ठ व्यक्तित्व और श्रेष्ठ कर्म वाले मनुष्य से होता है , वह किस कुल या समाज से आता है मायने नहीं रखता -
read moreSatish Kumar Meena
कंटक कुल में क्यूं खिली है कलियां, विपदा जन्म से पाई है। सहनशील है इस मतलब से क्या,, पूरी जिंदगी गंवाई है।। शूल बने अपने ही घर के, मातम पसरा है उस दर पे, जिस घर में नारी लक्ष्मी हो, उस पर ही दोषारोपण हो, फिर सब संपन्न संपदा की चाबियां, अपने कमर लटकाई है। सहनशील है इस मतलब से क्या,, पूरी जिंदगी गंवाई है।। जब प्रारंभ ही शुभ जानो, सारा लाभ बेटी को मानो, अंतर क्यों इनमें जानों, अपने को गर्व से तानो, ये बेटियां प्रारंभ है कोई अंत नहीं है, इसने घर की शान बनाई है। सहनशील है इस मतलब से क्या,, पूरी जिंदगी गंवाई है।। ©Satish Kumar Meena कंटक कुल में क्यूं खिली है कलियां
कंटक कुल में क्यूं खिली है कलियां
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} माँ-बाप और माता-पिता जब गरीब व अनपढ़ थे, तो बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, भक्त, साहित्य कार, कुल की इज्ज़त बचाना कमाना और बचाकर आगे और आगे की ओर ले जाते थे, माँ- बाप ग्रैजुएट हुए तो बच्चे और महान बने टिक-टाक, गंदे व नंगे भांड व डांसर बने, बड़े-बड़े अपराध कर रहे, ऐ भारत, सुनो घर के बड़े व बुजुर्गों घर के एक कोने में पड़े रहने या रोने के लिए जिंदा तो रहना ही है। जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine #leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} माँ-बाप और माता-पिता जब गरीब व अनपढ़ थे, तो बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, भक्त, साहित्य कार, कुल की इज्ज़त बचाना
#leafbook {Bolo Ji Radhey Radhey} माँ-बाप और माता-पिता जब गरीब व अनपढ़ थे, तो बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर, भक्त, साहित्य कार, कुल की इज्ज़त बचाना
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