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VIKHYAT REKWAR
White ईमान का पाठ पढ़ा गया हमें वो बापू लाठी वाला। गांधी जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं! ©VIKHYAT REKWAR #ईमान का पाठ पढ़ा
#ईमान का पाठ पढ़ा
read moretheABHAYSINGH_BIPIN
Red sands and spectacular sandstone rock formations ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है, हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है। साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को, नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है। इश्क़ करो और दिल महफ़ूज़ रहे, ये इश्क़ है, कोई चमत्कार नहीं है। जो जले बिन बुझा, वो चिराग़ कहाँ, दिल का दर्द अब दरकार नहीं है। फिर भी दिल में ये उलझन क्यूँ है, हर साँस में कोई तड़प क्यूँ है। शायद मोहब्बत अधूरी रह जाए, मुकम्मल इश्क़ इख़्तियार नहीं है। ये सफ़र इश्क़ का आसान नहीं, हर कदम पर एक इम्तिहान सही। पर दिल को संभालो, आगे बढ़ो, इश्क़ में मुक़ाम हर बार नहीं है। वो वक्त बीत गया 'हीर-रांझा' का, हर शख़्स अब मिलनसार नहीं है। सुबह का भूला शाम को न आता, अब मोहब्बत पर एतबार नहीं है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #Sands ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है, हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है। साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को, नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है। इश
#Sands ज़िंदगी का कोई हक़दार नहीं है, हर अब आशिक़ वफ़ादार नहीं है। साहिल से ताकता हूँ दूसरी छोर को, नाव-ए-ज़िंदगी का कोई पतवार नहीं है। इश
read moreN S Yadav GoldMine
Unsplash {Bolo Ji Radhey Radhey} मन भवरा बन दौड़ा जाए, श्री हरि, श्री कृष्ण, श्री राम। संभालो मुझ अधम को, में तो श्री हरि, तुमरी शरण।। जय श्री राधेकृष्ण जी!! N S Yadav GoldMine. ©N S Yadav GoldMine #snow {Bolo Ji Radhey Radhey} मन भवरा बन दौड़ा जाए, श्री हरि, श्री कृष्ण, श्री राम। संभालो मुझ अधम को, में तो श्री हरि, तुमरी शरण।। जय श्री र
#snow {Bolo Ji Radhey Radhey} मन भवरा बन दौड़ा जाए, श्री हरि, श्री कृष्ण, श्री राम। संभालो मुझ अधम को, में तो श्री हरि, तुमरी शरण।। जय श्री र
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Village Life अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है। चल पड़ा हूँ वापस पगडंडी पर, बस्ती से दूर, एक छोटा सा गांव है। जहाँ सुकून की मिट्टी से गंध उठती है, और सपनों का आकाश साफ़ है। ढूंढ रहा है हर कोई शहर में बसेरा, पर वहाँ भी ज़िंदगी कहाँ आज़ाद है। शोर में खो जाती है पहचान अपनी, बस भीड़ में रह जाता एक फरियाद है। लौट आओ अपनों के बीच, अभी वक्त है, ज़िंदगी छोटी है, किसे सरोकार है। रिश्तों की गरमाहट को महसूस कर लो, फिर न कह सकेगा दिल, ये जो अंगार है। शहर के शोर में सब कुछ खो जाता है, पर दिल सुकून तो अपनों में ही पाता है। थोड़ा ठहरो, जरा संभालो इन पलकों को, क्योंकि यादें ही अंत में हमारा संसार हैंl ©theABHAYSINGH_BIPIN #villagelife अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।
#villagelife अकेले बसर करनी है ये लंबी ज़िंदगी, यहाँ अब किसका इंतज़ार है। रिश्तों की गरमाहट बराबर नहीं होती, कहीं धूप है, तो कहीं छांव है।
read moreAnuradha T Gautam 6280
#दयावान मुझे नहीं चाहिए धन और दौलत,महल अटारी मेरे कोई काम नहीं मुझे इंसान चाहिए किसी का अहसान नहीं ईमान निभा सको पर सच्चा मेहरबान वही
read moreAdv AK Valmiki
#वह_मिला_किसी_और_को, शायद_वो_मेरे_नसीब_में_नहीं_था। उसका नाम लेकर, उसे बदनाम करूं। यार वह इतना, बुरा भी नहीं था।। _______________________
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