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dilkibaatwithamit
saddest moment of 2018 न लोरी सुनाता है कोई न प्यार से खाना खिलाता है, तेरे जाने के बाद ओ माँ हर लम्हा मुझे रुलाता है। ©dilkibaatwithamit न लोरी सुनाता है कोई न प्यार से खाना खिलाता है, तेरे जाने के बाद ओ माँ हर लम्हा मुझे रुलाता है।#maa Noor Hindustani
न लोरी सुनाता है कोई न प्यार से खाना खिलाता है, तेरे जाने के बाद ओ माँ हर लम्हा मुझे रुलाता है।#maa Noor Hindustani
read moreMahesh Vaghela
White एक रिस्ता है जो निभाए जा सकता है और एक फरिस्ता है जो प्यार जैसा एहसास या अफ़सोस मन और आत्मा से किया जा सकता है जो आप अंदरों अंदर महसूस किया करते होंगे, ©Mahesh Vaghela #प्यार
हिमांशु Kulshreshtha
White कुछ खोने को प्यार कहते हैं कुछ पाने को प्यार कहते हैं जो निभाया जा सके हम तो उसी को प्यार कहते हैं ©हिमांशु Kulshreshtha प्यार...
प्यार...
read moreMaari Karnan
White इश्क की धुन में दिल डूबा है...,................. मोहब्बत में फना हो जाए दिल ने यहीं सोचा है .............ख्यालों में khoya दिल का दरिया है ................. unki यादों से दिल का जहां भरा है....... उनकी अदाओं में ये दिल पल पल तड़पा है... ©Maari Karnan #love_shayari #इश्क की धुन# zindagi Lalit Saxena
#love_shayari #इश्क की धुन# zindagi Lalit Saxena
read moreDr Supreet Singh
कभी वो भी जवां थे हरे पत्ते थे बाग-ए-गुलिस्तां में हवा के संग जज़्बे रखाँ थे ढलती उम्र बता गई जब तक जोश था छायां पाने को लोग जमा थे सूखे हुए जो ही झटक कर तोड़ गए सब साथ भी छोड़ गए सब ©Dr Supreet Singh #प्यार
संजय जालिम " आज़मगढी"
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset नज़रना जिंदगी का हमारे लिए निभाना साथ सनम सातों जन्म सांस थम जाए कभी " जालिम " हमेशा सागर की लहरों सा प्यार करना सदा के लिए ©Sanjay Kumar ## प्यार##
## प्यार##
read moreअनिल कसेर "उजाला"
Unsplash नदियों की तुम धार न छीनो, धड़कन की रफ़्तार न छीनो। बात हृदय की कहे उजाला, दिल से दिल का प्यार न छीनो। ©अनिल कसेर "उजाला" प्यार
प्यार
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं, जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं। हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की, आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं। धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।। कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से , आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं। कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार। आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं
डरता हूं
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