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F M POETRY
White अपनी यादों से मारते हो मुझे.. दुश्मनी है की मुहब्बत मुझसे..? यूसुफ़ आर खान..... ©F M POETRY #अपनी यादों से...
#अपनी यादों से...
read moreTridev Dev
White खफा हू इस कदर तुमसे खफा हू इस कदर तुमसे जाने तुम मुझे भूली हो कब से जाने तुम मुझे भूली हो कब से शायर देव आधी उमर गुजर गई मेरी मंजिल दूरी है तुमसे मेरी मंजिल दूरी है तुमसे ©Tridev Dev #Thinking दर्दनाक शायरी शायर देव खफा अपनी मंजिल से
#Thinking दर्दनाक शायरी शायर देव खफा अपनी मंजिल से
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White पिए हुए शरबती आंखों के जाम तो जैसे मुद्दत से एक जमाना हो गया। खोया रहता हूं तुम्हारी यादों में, अपनी ख़ुद से मुलाकात हुई तो जमाना हो गया © #पिए हुए शरबती आंखों के जाम#
#पिए हुए शरबती आंखों के जाम#
read more@Amarjeet Kumar shaksena
White मां कहती है... मुसीबत में आई हर लडकी को अपनी बहन मानकर मदद करना ताकी उसे भाई की कमी महसूस ना हो... ©@Amarjeet Kumar shaksena #Bhai_Dooj अपनी आंखों के सितारों छुपा लेंगे हम दम
#Bhai_Dooj अपनी आंखों के सितारों छुपा लेंगे हम दम
read morevksrivastav
White वो अपनी आदतों से बाज़ नही आएंगे तुम्हें ही ख़ुद को बदलना होगा वो शिकारी हैं तुम शिकार हुए हो उनके तुम्हें ख़ुद मायाजाल फाड़ निकलना होगा ©vksrivastav वो अपनी आदतों से बाज़ नही आएंगे #Shayari #Love #Life #Poetry #vksrivastav
वो अपनी आदतों से बाज़ नही आएंगे #Shayari Love Life Poetry #vksrivastav
read moreDiya
White तेरी आँखों की मदहोशियां मुझे जीने नहीं देती , मैं सरशार हूँ, ले, ले मुझे तू बाहों में, मैं मजबूर हूँ । ©Diya #love_shayari #तेरी #आंखों #की #मदहोशीया#diyakikalamse
#love_shayari #तेरी #आंखों #की #मदहोशीया#Diyakikalamse
read moreAbdhesh prajapati
White आंखों दरिया ना हो जाए, इसलिए दिल पत्थर कर लिया है...! ©Abdhesh prajapati आंखों दरिया ना हो जाए
आंखों दरिया ना हो जाए
read moreKiran Chaudhary
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset वक़्त अपनी रफ्तार से निकल रहा है, मगर मैं एक ही जगह स्तब्ध हूँ।। ©Kiran Chaudhary वक्त अपनी रफ्तार से निकल रहा है.. #SunSet
वक्त अपनी रफ्तार से निकल रहा है.. #SunSet
read moreनवनीत ठाकुर
कभी जो डर से जूझ रहा था, अब आकाश ने उसे अपनी ओर खींच लिया। कभी जो डर से जूझ रहा था, अब नभ ने उसे अपनी बाहों में समेट लिया। कभी जो डर से जूझ रहा था, अब फलक ने उसे अपनी सीमाओं से परे पहुंचा दिया। कभी जो डर से जूझ रहा था, अब आसमान ने उसे अपनी तरह चमका दिया। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर कभी जो डर से जूझ रहा था, अब आकाश ने उसे अपनी ओर खींच लिया। कभी जो डर से जूझ रहा था, अब नभ ने उसे अपनी बाहों में समेट लिया।
#नवनीतठाकुर कभी जो डर से जूझ रहा था, अब आकाश ने उसे अपनी ओर खींच लिया। कभी जो डर से जूझ रहा था, अब नभ ने उसे अपनी बाहों में समेट लिया।
read moreNeeraj
मेरी अपनी है मंज़िल मेरी अपनी दौड़ ऐ राह भटके मुसाफिर सब दुनियादारी छोड़ जा पाले अपनी मंज़िल लगा दे पूरा ज़ोर मेरी अपनी है मंज़िल मेरी अपनी दौड़ ©Neeraj #kavita #motivate 'अपनी मंज़िल अपनी दौड़'