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somnath gawade
आज प्रत्येकाला स्वतःच्या 'स्पेस' बरोबर स्वतः ची 'स्क्रीन'सुद्धा हवी असते.😎🤣😅 #स्पेस&स्क्रीन
Author Harsh Ranjan
वो स्क्रीन/बाजार में मनोरंजन है जिसके पीछे किसी का काला या सफेद पैसा और काला या सफेद दिमाग है। वो कुछ लोगों के लिए प्यारा रोजगार है, कुछ लोगों के लिए सस्ता, महंगा प्रचार है। वो कुछ लोगों का एजेंडा और कुछ लोगों का प्रोपोगेंडा हो सकता है। उसे देख किसी के मन में क्रोध, गर्व, तो किसी को लज्जा, घृणा या कि सिरे से विरोध होता है। कोई महंगा तो कोई सस्ता होता है पर गौर करोगे तो जानोगे प्लेटो के अलावा हर कोई मानता है कला का प्रोडक्ट अनुकरणीय और बड़े फीसद तक सच्चा होता है। स्क्रीन सहित्य और गलतफहमी
Sikandar Chauhan
दूनिया इतनी बदल गई है कि , अब इन्शान पे उतना भरोसा नहीं, जितना कि स्क्रीनशुट पर असानी से कर लेते हैं भरोसा स्क्रीन शूट पर
Author Harsh Ranjan
वो स्क्रीन/बाजार में मनोरंजन है जिसके पीछे किसी का काला या सफेद पैसा और काला या सफेद दिमाग है। वो कुछ लोगों के लिए प्यारा रोजगार है, कुछ लोगों के लिए सस्ता, महंगा प्रचार है। वो कुछ लोगों का एजेंडा और कुछ लोगों का प्रोपोगेंडा हो सकता है। उसे देख किसी के मन में क्रोध, गर्व, तो किसी को लज्जा, घृणा या कि सिरे से विरोध होता है। कोई महंगा तो कोई सस्ता होता है पर गौर करोगे तो जानोगे प्लेटो के अलावा हर कोई मानता है कला का प्रोडक्ट अनुकरणीय और बड़े फीसद तक सच्चा होता है। स्क्रीन सहित्य और गलतफहमी
Mohan Sardarshahari
ये तो ठीक है कि कुछ लोग कवि हैं इसलिए अभी भी लोगों के दिमाग में कागज,पंख और दवात की छवि है वरना अब अंगुलियां की-बोर्ड व माउस पर अटक गयी हैं और आंखें कम्प्यूटर स्क्रीन पर चिपक कर रह गई हैं।। ©Mohan Sardarshahari आंखें कम्प्यूटर स्क्रीन पर चिपक गई हैं
Ram Pujari
कितने लोगों की मोबाइल स्क्रीन पर अपना Nojoto विराजमान है। मेरे मोबाइल स्क्रीन पर तो है।
Anjali Raj
देख रही मैं तारों पर बूंदों का चलना। टप से नीचे गिर कर और फिर से उछलना। याद आ गया बचपन छप छप छैया वाला। कूद के चलना पानी में धप्प पांव मचलना। ना जूतों की फिक्र ना धब्बों की थी चिंता। कितनी दूर गयी छींटें बस यही परखना। अब भी सब कुछ वही है, बारिश, पानी, बूंदें। लेकिन भूला बचपन बारिश में ठुमकना। बंधे हैं नन्हे पांव कार, बस और रिक्शों से। सीखा है बस बारिश से बचना और डरना। बस बूँदें ही दिखती हैं बारिश में उछलती। बंद हुआ बचपन कमरों में सुस्त अनमना। आंखें टिकी हुई इक स्क्रीन पे उंगलियाँ खेलें बारिश वाले 'गेम' में भीगना और फ़िसलना। #cinemagraph #अंजलिउवाच #YQdidi #बारिश #बचपन #स्क्रीन #यादें #बूँदें
Ram Pujari
कितने भाइयों और बहनों की मोबाइल स्क्रीन पर nojoto है। मेरी पर तो है।