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Shaarang Deepak

ShrimadBhagwadGeeta Chapter (01) Shlok (18) || श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञानार्जन श्रृंखला अध्याय (01) श्लोक (18) Namaskar. This verse/ shlok is #Krishna #Bhagwan #समाज #geeta #lordkrishna #geetagyan #GeetaSaar #BhagwadGeetaChapterwise

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rajkumar

1. धर्मज्ञो धर्मकर्ता च , सदा धर्मपरायणः !! *तत्त्वेभ्यः सर्वशास्त्रार्थादेशको गुरुरुच्यते !! 2. गुकारस्त्वन्धकारस्तु , रुकार स #समाज

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Divyanshu Pathak

💕👨🍧🍨🍧🍨💕🍫🍫🍫💕💕☕☕☕👨 :🍧🍨🍫☕👨💕 माता-पिता, मित्र-परिजन और समाज के बीच रहकर व्यक्ति का एक नया व्यक्तित्व तैयार हो जाता है। वह सदा इस बोझ से दबा रहता

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व्यक्ति के शरीर में पिछली
सात पीढियों तक का अंश होता है
जो उसके व्यक्तित्व में परिलक्षित होता है।
व्यक्ति के मार्ग में ज्यों-ज्यों निमित्त आते हैं
वे इन संस्कारों से जुड़ते जाते हैं।
कुछ संस्कार पलते जाते हैं
कुछ छूटते जाते हैं।
उनकी छाप व्यक्ति के अवचेतन मन पर
अंकित होती रहती है।
फिर, समान प्रकृति का निमित्त आते ही
पिछली स्मृति उसका व्यवहार याद करा देती है
पिछले अनुभवों के आधार पर वह
अगला व्यवहार करता चला जाता है। 💕👨🍧🍨🍧🍨💕🍫🍫🍫💕💕☕☕☕👨
:🍧🍨🍫☕👨💕
माता-पिता, मित्र-परिजन और समाज के बीच रहकर व्यक्ति का एक नया व्यक्तित्व तैयार हो जाता है। वह सदा इस बोझ से दबा रहता

Divyanshu Pathak

:💕🐒👨Good morning ji☕☕☕☕☕🍫🍫🍫🍨🍨☕🍧🍉🍉🍉☘ : पतंजलि ने योगसूत्र में कहा है-योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:। अर्थात् योग सांसारिक जीवन का मार्ग नहीं है। जहां

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संयुक्त राष्ट्र प्रमुख “बान की मून” ने
योग को सबके लिए जरूरी बताया है।
वह कहते हैं-“योग का ताल्लुक धर्म से नहीं है।
यह निष्पक्ष है।
धर्मो के बीच भेदभाव नहीं करता।
जो योग करेगा, उसे इसका फायदा होगा।
” स्वामी विवेकानन्द तो यहां तक कह गए थे कि
जाति, धर्म, राष्ट्र, भाषा, परम्परा आदि सब
देश-काल के साथ बदल जाते हैं।
इनमें समन्वय के लिए परिपूरकता लानी पड़ेगी।
“शरीर इस्लाम का हो, आत्मा वेदान्त की।” :💕🐒👨Good morning ji☕☕☕☕☕🍫🍫🍫🍨🍨☕🍧🍉🍉🍉☘
:
पतंजलि ने योगसूत्र में कहा है-योगश्चित्तवृत्तिनिरोध:। अर्थात् योग सांसारिक जीवन का मार्ग नहीं है। जहां

Amar Anand

. "गो-महिमा" एक बार नारदजी ने ब्रह्माजी से पूछा- नाथ! आपने बताया है कि ब्राह्मण की उत्पत्ति भगवान् क

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गौ-महिमा
नीचे कैप्शन में... .                              "गो-महिमा"

          एक बार नारदजी ने ब्रह्माजी से पूछा- नाथ! आपने बताया है कि ब्राह्मण की उत्पत्ति भगवान् क

Gumnam Shayar Mahboob

Q1-न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य् नाम महद्यस:(यजुर्वेद अधयाय32,मंत्र 3) अर्थात- उस ईश्वर की कोई मूर्ति या प्रतिमा नही जिसका महान यश है चार वेदों

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Lajawab 2 Q1-न तस्य प्रतिमा अस्ति यस्य् नाम महद्यस:(यजुर्वेद अधयाय32,मंत्र 3)
अर्थात- उस ईश्वर की कोई मूर्ति या प्रतिमा नही जिसका महान यश है
चार वेदों

Amar Anand

काशी तो काशी है, काशी अविनाशी है!!!!!! पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं । ब्रह्माजी ने भगवान क

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काशी अविनाशी है !!!
विशेष नीचे कैप्शन में... काशी तो काशी है, काशी अविनाशी है!!!!!!

पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं । ब्रह्माजी ने भगवान क
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