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Radhe Radhe

भाव समझ जाइए

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समुंदर से गहरा 
वायु से तेज 
जल से भी स्वच्छ 
अब आगे के भाव समझ जाइए। 
जय श्री राधे

©Radhe Radhe भाव समझ जाइए

Nischhal Raghuwanshi

सुनो! जिसके दीदार कर लेने मात्र से,
तुम्हारे जीवन की गहन से गहन पीड़ा
पल में छू हो जाती हो,
उसे कभी किसी के भी दबाव में 
अपने से दूर नहीं जाने देना।
उसके जाते ही तुम अपना जीवन भी खो दोगे 
 और जीने की वजह भी....
उसे पास रखना एक फूल के तरह संजो कर,
भले उसे तोड़ना मत न अपना बनाने की चेष्टा करना....
पर रखना हमेशा साथ, ताकि मुस्कुराता रहे सदा जीवन भी तुम्हारा उसी फूल के तरह! 
@indian_निश्छल

©Nischhal Raghuwanshi सुनो!
#मित्रता #जीवन #अनुभव #भाव

Shailendra Anand

देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है भक्ति भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते देश भक्ति में संनिहित है वि

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रचना दिनांक 25 जनवरी दोहजार पच्चीस
वार शनिवार
समय सुबह पांच बजे
््भावचित्र ्
््निज विचार ्
््शीर्षक ्
।््तेरी रुहानी रुह में अल्फाज़ नगीना लिखने वाले अच्छे ख्यालात की इबादत है,,
 संविधान में न्याय पाओ मर्यादा में रहो यही सही समय की मर्यादा और प्रतिष्ठा सौगात दी गई है।।
राजनीति और धर्मांन्धता और अर्थ व्यवस्था में सुधार समरसता बहुत जरूरी है ््
पच्चीस   जनवरी  दोहजार   पच्चीस
अंक शास्त्र में 25बराबर25तारीख और साल में एक समान है।
 श्रुति स्मृति चिन्ह प्रदान देश में,
 अवाम में खुशहाली में एक विधान संविधान का आलेख सुलेखा की पूर्व संध्या पर ,
हम दिलों से पूजा करें जनसेवा ही मानव सेवा है जिसे हम गणतंत्र दिवस कहते हैं,।।
माना कि तुम मेरे लिखे शब्दों से सहमति असहमति जताते हुए ,
जनस्वीकारोक्ति निस्वार्थ भाव को नहीं नकार सकते हो।।
यही उत्तेजना यन्त्र तंत्र को मजबूत करने वाले,
 संविधान विशेषज्ञ दल में शामिल समन्वय समिति द्वारा स्थापित विचार संगोष्ठी में,
 आन्तरिक रूप से एक अन्तिरम निम्नांकित विषय वस्तु धारा नियमावली पर
 आपसी सहमति बहस में 
विचारों का आदान प्रदान करने वाली अग्नि परीक्षा स्वलेखक और सहयोगीयो में,
 एक सम निदान हेतु सेतुबंध में कुछ मन का अन्तर्द्वंद से सजाया गया जिसे हम 
अनुसरण करें अंनत आख्यान संहिता दर्शन शास्त्र ज्ञान दर्शन है।।
। तथ्यों पर विचार प्रवाह में बह निकले ध्वनि तरंगों में एक गाढे खून पसीने की पीड़ा हो,
 किसी धनवान का आयना नज़रिया जो भी व्यक्ति पहले इन्सान नागरिक हैं ।।
तदपश्यात प्रृथ्वीतले परिभ़मणं लोककल्याणं नरलीला में,
 जाति, धर्म, भाषा, सम्बन्धी कहावतें से पूजा करने वाले हो सकते है।।
जो इन्सान आज अपने विचार व्यक्त आस्था प्रकट कर रहा है,
 वह उस समय की मर्यादा काल्पनिक दशा का आख्यान व्याख्यान कर रहा हूं।
यह जग मग माया मोह ््मद से जलरंहा रहा है,,
और यह सुखद अहसास दिया गया जिसे हम देश का संविधान कहते हैं।।
यह आज का दर्शन मैं शैलेंद्र आनंद जो देख सकता हूं ,,
वह अदभुत झलकियां हकीकत में रचती बसती है ।
दीप्ति नवल किशोर मेरे दिल में दीपक कलश स्वस्तिक कुंभ राशि में 
पच्चीस जनवरी दोहजार पच्चीस की सुबह स्वागत में ,,
सुंदरता को परखना तन मन को निखारना स्वयं को पढ़कर अभ्यास से 
मन को लिखने वाले आत्ममंथन को आनंद कहते हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद ्
25 जनवरी। 2025

©Shailendra Anand देशभक्ति और देश संविधान में न्याय में देश में अवाम में खुशहाली आती है  भक्ति  भाव से पुजा करने वाले अच्छे लगते 
 देश भक्ति में संनिहित है वि

Shailendra Anand

मकर संक्रांति पर आपके विचार सच में भक्ति भाव से पुजा अर्चना कर देख रहा है ईश्वर ने पहले इन्सान बनाया गया है कवि शैलेंद्र आनंद

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रचना दिनांक 14  जनवरी 2025
वार मंगलवार
 समय सुबह ग्यारह बजे
्भावचित्र ्
्निज विचार ्
्शीर्षक ्
छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में ,
अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,,
 जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।।
््
समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों ,
में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से,
 मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है ।
जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में ,
मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे,
 मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर  मनाया जा रहा है।।
           
हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई 
अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,,
विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे,
 स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13।
1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से 
सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को 
 अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।।
माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।््
रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।।
््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,,
यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।।
,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा,
 इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।।
  देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,,
विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।।
यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,,
यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।।
््कवि शैलेंद्र आनंद

©Shailendra Anand मकर संक्रांति पर आपके विचार सच में भक्ति भाव से पुजा अर्चना कर देख रहा है ईश्वर ने पहले इन्सान बनाया गया है
कवि शैलेंद्र आनंद

Pratima pathak

#Manmohan_Singh_Diesb भाव पूर्ण 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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Google पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जी का निधन 92 साल की उम्र मे हुआ निधन 26   दिसंबर 2024🙏🏻🙏🏻

©Pratima pathak #Manmohan_Singh_Diesb भाव पूर्ण 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

Praveen Jain "पल्लव"

#Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो

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पल्लव की डायरी
हर युग मे चलन व्यवस्था का बदला है
कभी समाजिक व्यवस्था का चलन
कभी पंचायते न्याय करती थी
राजा रजवाड़े सब आये और गये
मगर नैतिकता मूल रूप से सर्वोपरि रहती थी
अब लोकतंत्र और संसदीय परम्परा है
प्रतिनिधि सब जनता के होते है
नीयत और सेवा का भाव हो तो
कोई भी व्यवस्था सफल हो सकती है
                                      प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Likho नीयत और सेवा का भाव हो तो

Himanshu Prajapati

#library जैसे शब्दकोश में भाव नहीं होता बस अर्थ होता है, वैसे से ही जिंदगी में अगर भाव‌ और अभाव ना हो तो जिंदगी वर्थ होता है..! #36gyan #

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Unsplash जैसे शब्दकोश में भाव नहीं होता 
बस अर्थ होता है,
वैसे से ही जिंदगी में अगर 
भाव‌ और अभाव ना हो तो 
जिंदगी वर्थ होता है..!

©Himanshu Prajapati #library जैसे शब्दकोश में भाव नहीं होता 
बस अर्थ होता है,
वैसे से ही जिंदगी में अगर 
भाव‌ और अभाव ना हो तो 
जिंदगी वर्थ होता है..!
#36gyan #

नवनीत ठाकुर

#शिव हैं भोले, पूरी करते भक्तों की मुराद, माथे पे चंद्र, गले में विष, त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष। कालकूट पीने वाले, पशुपति महाकाल, महादेव

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"शिव हैं भोले, पूरी करते भक्तों की मुराद,
माथे पे चंद्र, गले में विष,
 त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष।
कालकूट पीने वाले, पशुपति महाकाल,
महादेव हैं सृष्टि के आदि और अंत का आधार।
अर्धनरेश्वर रूप, जहां शक्ति संग विराज,
गले में सर्प, हाथों में त्रिशूल का राज।
वृत्रासुर संहारी, करुणा के सागर,
शिव की महिमा में जग गाता है जैकार।"

©नवनीत ठाकुर #शिव हैं भोले, पूरी करते भक्तों की मुराद,
माथे पे चंद्र, गले में विष, त्रिनेत्र के नाथ, स्वयं महिष।
कालकूट पीने वाले, पशुपति महाकाल,
महादेव

Satish Kumar Meena

विनम्र भाव

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विनम्र भाव कठोर हृदय को झकझोर कर देता है उसकी कठोरता कुछ दिनों में पिघल कर अपनत्व का रूप धारण कर लेती है।

©Satish Kumar Meena विनम्र भाव

Vinod Mishra

"सबका अपना अपना स्वभाव है पर भाव के अभाव में अभाव ही अभाव है." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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