Find the Best चंद्र Shayari, Status, Quotes from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos aboutचंद्र गहना से लौटती बेर कविता का भावार्थ, चंद्र ग्रहण कब है, कब है चंद्र ग्रहण, सुभाष चंद्र बोस के बारे में, चारु चंद्र की चंचल किरणें कविता,
बेजुबान शायर shivkumar
शीश पर चंद्र विराजे, मां चंद्रघंटा कहलाती । तृतीय रुप में माता, जग में बड़ी सुहाती ।। अलौकिक, अविकारी, मां है कल्याणकारी । जब भी भक्त पुकारे, आ जाती मां हमारी ।। जब-जब संकट आया, देवों ने मां को बुलाया । एक पुकार पर मां ने, हर संकट दूर भगाया ।। दैत्यों के है संहारकारी , भक्तों के लिए है प्यारी l बड़ी ही करुणामयी है, जगजननी मां हमारी ।। ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि शीश पर #चंद्र विराजे, मां #चंद्रघंटा कहलाती । तृतीय रुप में #माता , जग में बड़ी सुहाती ।। #अलौकिक , #अविकारी , मां है कल्याणकारी ।
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read moreMukesh Poonia
याद रखें अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना, सबसे बड़ा अपराध है। - नेताजी सुभाष चंद्र बोस . ©Mukesh Poonia #याद रखें #अन्याय #सहना और #गलत के साथ #समझौता करना, सबसे बड़ा #अपराध है। - #नेताजी #सुभाष #चंद्र #बोस
Rashmi Hule
धुंद रात्री चंद्र नभात होता चांदण्यांच्या सवे दंग होता प्रभा भोवताली शुभ्र तारकांची चंद्र मोहरला साथ रोहिणीच्या अभेची. Rashmi लाल गुलाबी गोरी मोरी ती झाली गालावरी पसरली लज्जालाली मिठीत चंद्राच्या काळरात्र उजळून आली प्रहर पहाटेचे ऊलटले मखमाली... Rashmi #चंद्र#रोहिणी#रात्र #yqtaai #yqbaba #yqdidi#yqtales #bestmarathiquote
Rashmi Hule
हा चंद्र नभातला असूनी चांदण्या भोवतली आज सखे तुझ्याचसाठी अवतरला भुतली... Sakhi, nabh me sitaroke hote hue bhi ye chand aaj sirf tere liye zamin par utar aaya hai. #चंद्र #सखी #प्रेम #yqtaai #yqbaba #yqdidi #yqtales#bestyqmarathiquotes
Rashmi Hule
नेत्र सुखद अस्तित्व चंद्राचे... पाहून काजळलेल्या धरेचे पांघरुन चंद्रप्रकाशाचे लेणे होई धरेचे रुप देखणे.. #चंद्र #धरा #निसर्ग #प्रेम #yqtaai #yqbaba #yqdidi #bestyqmarathiquotes
Shankar Kamble
*क्षण ठिबकत जाई* *रात चालते एकली* *मंद उसासे सोबती* *जाई अबोल सुकली* *घन गंभीर सांजचा* *फिका डौलारा कोसळे* *वेडी कुरतडे सल* *मनीं दाटले उमाळे* *नको आठवांचा सडा* *ओलं मातीची रुसली* *किती युगांची काजळी* *पुन्हा नव्याने पुसली* *तेंव्हा माळल्यास कळ्या* *कुंतलास भार वाटे* *सैल संभार करितां* *पूर आसवांचा दाटे* *कधी येशील माघारी?* *डोळां पापणी मिटेना* *स्पर्श म्हणावां की भास* *गूढ कोश का सुटेना?* ©Shankar Kamble #moonnight #रात्रि #रात्रकधीतरीसरतेच #विरह #प्रेम #प्रीत #चंद्र #तू #मी
#moonnight #रात्रि #रात्रकधीतरीसरतेच #विरह #प्रेम #प्रीत #चंद्र #तू #मी
read moreSachin Zanje
निखळ अशा शांततेत शितल असे त्या चंद्राचे चांदणे आहे. ||धृ|| पहाट झाली विविध छटांनी सांग कोठे इथे तिचे अस्तित्व आहे. ||१|| बघण्यासारखा निसर्ग ही आता हया वेळेस काळाकुट्ट आहे.||२|| अंतरंगात तेज तुझ्या ते नाविन्य सुर्योदयाचे आहे.||३|| होत संध्या पुस्टत सारे गणित ते आजचेच आहे.||४|| कितीतरी काळोखात घटना काळाने अशा गेलेल्या आहे..||५|| तरी मनामध्ये गेलेल्या त्या क्षणाचे तुझ्या गुंफलेले आठवणींचे जाळे का आहे..||६|| कवी :- श्री सचिन सदाशिव झंजे. ©Sachin Zanje #चंद्र #parent
Shankar Kamble
नभांगणी पुनवेचा चांद शोभतो बिलोरी लाट चुंबिते तटाला प्रीत उसळे सागरी मधु आलाप जुळूनी योग साधला सुरम्य ओढ हूरहूर दाटे गूढ संवाद अगम्य दूध पिठोरी सांडले विखुरले भाव मोती सुख शयन त्यागुनी मंद तेवतात ज्योती नेत्र कमळ उमले सूर व्याकूळ अधरी कुंजवनी शीळ घुमे देह फुलवी बासरी चित्तचोर काजव्यांची करू कोणाला कागाळी? सुख अवचित आले जशी सजली रांगोळी साक्ष देई कोण आता? झाला फितुर चांदवा तुझ्या पिरतीची नक्षी ओल्या हळदी गोंदवा ©Shankar Kamble #चांद #चंद्रमा #चंद्र #पौर्णिमा #प्रेम #हळद #गोंदण #साक्ष #“प्रेम” #parent
priyanka
काल आकाशातली चांदणी खूप काही सांगून गेली चंद्रावरचं तिचं प्रेम ती सुरेख शब्दात मांडून गेली spandan -priyanka #चंद्र#moon#star#nojoto#nojotomarathi#nojotohindi#nojotoenglish
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read moresc_ki_sines
मधुरम मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले और चंद्र उठे आकाश की रोशनी बेला में फिर नया सवेरा जाग उठे फिर शाम ढले और रात जले मधुरी जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर पार लगी जीवन की रोशनी बेला में फिर नया सवेरा जाग उठे फिर पाव उठे और चलने लगे मधुरम जीवन की ज्योति जले नन्हे पग उठ फिर गिरने लगे फिर उठने लगे और चलने लगे टिम टिम करते तारे जैसे जीवन की नई उमंग उठे तरंग बने और भी और बहने लगी है झर झर करती नदिया जैसी झूम रहे इठलाने लगी नटखट टोली बन उठने लगी उठने लगी मन की ज्योत जले उठने लगी तो चलने लगी समझ ना पाया मन समझा न सके सब मन मेरा ज्ञान को हम अपनाने लगे मधुरी में जीवन की ज्योत जले आप बिछड़े वह ऐसा आया जब दिल से दिल टकराया मन मन की मन ही मन मुस्कान ही ना कि आप प्रेम के गीत सुनाने लगे एक नई राह पर चलने को मन आतुर हो दिल धड़का आने लगी मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे अब बात पुरानी उठने लगी लगी बचपन की याद सताने लगी फिर से वो बचपन आया संग झूम के दिल भर आया फिर वही पुरानी बात बने फिर उठने लगी चलने लगे मधुरम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे अब अंतिम क्षण वो आया बचपन से पचपन बीत गए उम्मीद लगाए बैठे हैं फिर वह बचपन जाग उठे इस दुनिया को प्यारा बचपन बीत गया कहां चला गया गुमनाम हुआ अभी आज रात रह जाती है वह सात को तरसाती है अब अब सांस उठे और दबने लगे जीवन की ज्योति बुझने लगे मंत्र एम जीवन की ज्योत जले दिन सूर्य चले फिर चंद्र उठे #poetrymadhurim