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Praveen Saini

जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी

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जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी
 जाकी रही भावना जैसी, 
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी

Rajendra Singh rajput

जा की रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन्ह तेसी #GiftOfSkills #समाज

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Mohit Kumar Goyal

जिन्ह कें रही भावना जैसी प्रभु मूरति तिन्ह देखी तैसी jai_shree_ram Ayodhya

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Amit Gupta

इनमे सपने पले बढे आंखे ऐसी नहीं रही  ज़िन्दगी अब जो भी है पहले जैसी नहीं रही #पहले #जैसी #नहीं #रही

Shravan Goud

भावना जैसी हो वैसा ही स्वभाव होता है।

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दिल में दोस्ती का भाव हों
तो हर कोई दोस्त हैं। भावना जैसी हो वैसा ही स्वभाव होता है।

KAKE KA RADIO

वो अब पहले जैसी नहीं रही

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पहले अपनी बातों से उसे खूब हँसाया तुमने,
फिर उसके हर उभार का खूब फायदा उठाया तुमने।
और आखिर में उसे ये बताया तुमने-
 कि तुम अब पहले जैसी नहीं रही । वो अब पहले जैसी नहीं रही

happydil

#ramayan जांकी रही भावना जैसी , प्रभू मूरत देखी तिन तैसी । राम सियाराम सियाराम जय जय राम 🚩🚩🙏

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जांकी रही भावना जैसी ,
प्रभू मूरत देखी तिन तैसी ।
राम सियाराम सियाराम जय जय राम 
🚩🚩🙏🙏

©happydil #ramayan जांकी रही भावना जैसी ,
प्रभू मूरत देखी तिन तैसी ।
राम सियाराम सियाराम जय जय राम 🚩🚩🙏

Muktak kavya manch

रूठी दुल्हन जैसी इतर रही हैं जिन्दगी #कविता

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बिखरे मोतियों जैसी बिखर रही हैं जिन्दगी।
क्युं रूठी दुल्हन जैसी इतर रही हैं जिन्दगी।।
हम तो बैठे हैं कब से इसे मनाने कोशिश में।
रूठी दुल्हन का घुंघट उठाने की कोशिश में।।
न जाने क्युं फिर भी अकड़ रह हैं जिन्दगी।
रूठी............................................।।१।।

आज फिर घुंघट उठाकर उसे मनाने की कोशिश की।
बचपन के किस्से सुनाकर उसे हंसाने की कोशिश की।।
मगर फिर भी देखो न ये जिद पकड़ रही हैं,
साथ हुं पर तन्हा ही सफर कर रह ही हैं जिन्दगी।
रूठी..................................................।।२।।

जो बारिश की बुंदों में जमकर खुब नहाती थी।
आंगन के पानी में छप- छप गीत सुनाती थी।।
ऐसा लगता था जैसे स्वर्ग उतर आया हो धरती पर,
आज वही गांव छोड़ शहरों में गुजर रही हैं जिन्दगी।
देखो न यार रूठी दुल्हन जैसी इतर रही हैं जिन्दगी।।३।।

कुछ वक्त ही तो मांगा था मैंने इसकी बिन मर्जी से।
मैं अपनों से दूर हुआ था खुद अपनी ही मर्जी से।।
कैसे करता गुजर बसर मैं इक छोटे से गांव में।
मेरे सपने पुरे कैसे होते इस पीपल की छांव में।।
पता नहीं इस शहर से इतना क्युं डर रही हैं जीन्दगी।
देखो न यार रूठी दुल्हन जैसी इतर रही हैं जिन्दगी।।

©Purushottam Sharma रूठी दुल्हन जैसी इतर रही हैं जिन्दगी

priya

#SuperMom #पहले जैसी अब बात ना रही

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Bobby(Broken heart)

जाको राखे साइयां मार सके ना कोई

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