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Arora PR
White मै बंधक बन कर रह गया हू अपने ही मन की दुनिया में. और इसीलिए अब मुझे लगता हैँ कि मेरी दुनिया के सिवाय इस कायनात में और. कोई दुनिया नहीं हैँ ©Arora PR बंधक
बंधक #कविता
read moreArora PR
मुझमे वो पहले जैसी खुदा क़ो ढूंढ़ने वाली ख्वाहिश अब नहीं बची क्योंकि अब मै जान चुका हुँ कि मेरा रब तो मेरे अदर ही बंधक बना हुआ है वो भी तब से जबसे उसने मुझे इस धरती पर भेजा है ©Arora PR बंधक
बंधक #कविता
read moreParasram Arora
मैं जानता हूँ मेरा जीवन तो बंधक बन चुका है इन आती जाती साँसों का....... और मैं यह भी जान गया हूँ कि ये जीवन. एक अतिथि बन कर जीता रहा इस उपग्रह पर और ये बात अलग है कि नहीं रहा मेरा रिश्ता या संबंध किसीसे और न ही किसी ने मुझे अपना समझा था इसिलए मेरा ह्रदय एक मरुस्थल बन कर रह गया जो आंसुओ की बूंदो क़ो पीकर अपने जीवन क़ो जीवंत रख सका अब तक अब तुम ही बताओ. कैसे लहल्हाएगी खुशियों की फसल इस अतृप्त ह्रदय की मरुभूमि के धरातल पऱ ©Parasram Arora बंधक
बंधक #कविता
read moreShivam Chauhan
इक माँ का दुःख वह आज विलेख कर रोई होगी ।।
इक माँ का दुःख वह आज विलेख कर रोई होगी ।। #कविता
read moreGarima Mahnot Jain
तेरे प्यार की कसक ही है ये जो तेरी यादें आज भी पुरानी किताबों की बंधक हैं। कसक किताब बंधक #शब्दअंताक्षरी #366dayschallengesp day 129
कसक किताब बंधक #शब्दअंताक्षरी #366dayschallengesp day 129
read moreJuhi Grover
लुप्त हो रही भारत की संस्कृति, बदल रहा शिष्टाचार, करनी चाहिए हमें कोशिशें, बदलने के लिए व्यवहार, हम जब स्वयं ही बदल पायेंगे कभी अपना आचरण, बदल जाएगा सृष्टि का प्रारूप, मिट जायेगा अंधकार। #लुप्त #भारत #सृष्टि #संस्कृति #प्रारूप #आचरण #yqhindi #bestyqhindiquotes
Rohan Roy
जीवन में कर्म कृतियों की भूमिका, अपनी-अपनी प्रारूप से ही मिलती है। जैसा हम खुद से अपेक्षा करते हैं। हमारी भूमिका की प्रक्रिया, निरंतर चलती रहती है। ©Rohan Roy जीवन में कर्म कृतियों की भूमिका, अपनी-अपनी प्रारूप से ही मिलती है। #RohanRoy #motivationalpage #SuccessKaLover
जीवन में कर्म कृतियों की भूमिका, अपनी-अपनी प्रारूप से ही मिलती है। #RohanRoy #motivationalpage #SuccessKaLover #Life
read moreHarshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat लकीरें बता देती है दिल ज़िद्दी परिदा किस डाली पा मोहताज़ हुआ उड़ जाता वक़्त की गिराह का बंधक नहीं #YourQuoteAndMine Collaborating with Lucky Gurjar Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat लकीरें बता देती है दिल ज़िद्दी परिदा किस डाली पा मोहता
#YourQuoteAndMine Collaborating with Lucky Gurjar Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat लकीरें बता देती है दिल ज़िद्दी परिदा किस डाली पा मोहता
read more~आचार्य परम्~
किसी के लौट आने का एहसास मुझे अब भी है । चला गया जो नजरों से दूर दिल के पास अब भी है ।। की तेरे साथ मेरे कई सुनहरे वक्त गुजरे थे . तुझे कैसे बताऊँ मैं तेरा वो खुमार अब भी है। गुज़ारे हैं कई मौसम मैंने यूँ हीं अंधेरों में. किया था जिन्दगी रौशन वो मेरा खास अब भी है।। नज़र आयेंगे नाज़ारे वो हीं फिर से उसको. दिल ए नादान को उनसे ये थोड़ी आस अब भी है।। "परम् भाग्यम्" तीन दिन में एक गज़ल का प्रारूप दे पाया . आप सभी अनुमति देंगे तो स्वयं से गाकर भी प्रेषित करूँगा . फिलहाल इसकी त्रुटि बताएं स्मृतिशेष ........
तीन दिन में एक गज़ल का प्रारूप दे पाया . आप सभी अनुमति देंगे तो स्वयं से गाकर भी प्रेषित करूँगा . फिलहाल इसकी त्रुटि बताएं स्मृतिशेष ........
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