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Amit Singhal "Aseemit"
गंगोत्री है पावन स्थल, जहां से शुद्ध गंगाजल निकलता, यह बात और है कि आगे जाकर इसमें मैला है मिलता। संसार की यही रीत रही है, कि स्वयं को तो शुद्ध करो, अपने मैले से सबके जीवन को अशुद्ध करने से न डरो। ©Amit Singhal "Aseemit" #गंगोत्री
Yashpal singh gusain badal'
"उत्तराखंड" गंगा-यमुना जिसका आँचल है, बद्री-केदार जिसकी दो आँखेँ, हर की पौड़ी सा निश्चछल मन, गढवाल-कुमाऊँ जिसकी दो बाँहेँ। महान हिमालय जिसका मस्तक है, ममता का सागर है नैनी, रानीखेत जिसका चंचलपन, रामगंगा है जिसकी वेणी, गंगोत्री-यमुनोत्री जिसके कर्णपट, उन्नत नासिका जिसकी है नंदा, बिन्सर-नीलकंठ जैसे दो पलकेँ, देवप्रयाग माथे पर चंदा। त्र्रिषिकेश पूजा की थाली, मंसूरी-नैन ीताल मुख की लाली, अल्मोड़ा-पौड़ी जिसकी साँसेँ हैँ, हल्दवानी जिसकी है खुशहाली। नयनाभिराम स्थल कसौनी, द्रोणनगरी बिद्या का मंदिर, मुस्कान है फूलोँ की घाटी, स्वाभाव उत्तरकाशी सा सुन्दर, पिथोरागढ सा ह्रदय निर्मल, चमोली सी शालीनता जिसमेँ टिहरी सा अनोखापन, शिवालिक सी कठोरता है जिसमैँ । देशप्रेम मेँ रंगा हुआहै जिसका कण-कण कोना-कोना । वही स्वर्ग सी सुन्दर धरती जिसका हर टुकड़ा है सोना प्रक्रति सिँगार करती है जिसकी, भारत माँ का अँग अखण्ड। पर्वत श्रँखलाओँ से घिरा हुआ, अद्यितीय अनुपम उत्तराखण्ड ।। ले0 यशपाल सिँह "बादल" ©Yashpal singh gusain badal' #yogaday गंगा-यमुना जिसका आँचल है, बद्री-केदार जिसकी दो आँखेँ, हर की पौड़ी सा निश्चछल मन, गढवाल-कुमाऊँ जिसकी दो बाँहेँ। महान हिमालय जिसका म
Vandana
छिन ले फागुन के रंग तेरी उदासियों को भांग के नशे में मस्त होकर,, गाते नाचते झूमते,,बेफिक्री से जश्न मनाते,, छिन ले फागुन के रंग तेरी उदासियों को भांग के नशे में चूर होकर दूर हो जाए कष्ट सारे,,, सूरज की बढ़ती गर्मी से पिघल जाए ह्रदय में जमा रोष और
Allauddin Ansari
.... 335 किलोमीटर की दूरी है सहारनपुर (यूपी) से गंगोत्री (हिमालय रेंज) के बीच की, जो लाकडाउन के 38वें दिन में प्रदूषण कम होने की वजह से दिखने लगी
भाग्य श्री बैरागी
कृपया एक नज़र पूरे quote को पढ़िए। नारी को सम्मानित कुछ शब्द है।। "नारी" #भाग्यSHREE । "नारी"। नारी हो तुम नारी हो, तुम दहकती सी चिंगारी हो। १,तुम दुर्गा तुम ही महाकाली, तुम लक्ष्मी मात् हमारी सी। तुमने विद्या का
Dr Upama Singh
“गोमुख से बंगाल की खाड़ी तक की मेरी यात्रा” अनुशीर्षक में गंगा किनारा बचपन से ही देखा रहा मेरा गुरुकुल सुबह–ए–बनारस कितने दिन और शाम हमने गुजारे बैठ सब दोस्त गंगा किनारे कभी दशाश्वमेध कभी अस्सी कभी
Divyanshu Pathak
जो दीखे सो राधिका, न दीखे वो कृष्ण कृष्ण-शुक्ल दोनों खड़े, बड़ो विकट छे प्रश्न । :😊😊💐☺😊 राधा-कृष्ण, प्रकाश और अधंकार इस सृष्टि के मूल तत्व हैं। दोनों ही देने वाले हैं। राधा की “राध साध सन्सिद्धौं से देने वाला तत्व है। सूर
Unconditiona L💓ve😉
❊अमूल्य निधि ❊ ───────── होती हो...जब तुम, अँधेरी निशा में, प्रकाशित कोई दीप की आशा, एक तुलसी सी पावन तेरी परिभाषा, मेरी जीवन की तुझमें बची है"अमूल्य निधि " इस अबोध बालक के फटे थैले में तुम सदा मुस्कुराती रहना, मेले-मैले छवि को चमकाती रहना यहीं मेरी 'अंतिम अभिलाषा" [ प्रादुर्भाव हुआ है तुझसे *अनुशीर्षक में *] तुमनें जब लिखा था, तब पहाड़ों से टकराने की बिन मिले वापस विरह मुड़ जाने की बात कहीं थी,,, शायद तुम सही थी उस समय और अभी भी मैं एक पत्थर ही तो
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ माँ भारती के आराधकों की साधना पीठिका, राष्ट्रीय व सनातन संस्कारों की सतत प्रवाहमान गंगोत्री, 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत, अखंड भारत' के निर्माण के सुपथ पर गतिशील विश्व के विशालतम स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर सभी स्वयंसेवक बंधुओं को हार्दिक बधाई। 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 🙏🇮🇳भारत माता की जय 🇮🇳🙏 🙏🇮🇳जय हिंद जय भारत🇮🇳🙏 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 🏵🏵🙏जय जय श्री राम🙏🏵🏵 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ माँ भारती के आराधकों की साधना पीठिका, राष्ट्रीय व सनातन संस्कारों की सतत प्रवाहमान गंगोत्री, 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत, अखं