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Som Sangeet

महत्त्वपूर्ण कथन विद्वानों के #UnlockSecrets

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Som Sangeet

अज्ञात विद्वानों के विचार #LOVEGUITAR

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Som Sangeet

अज्ञात विद्वानों के अमृत वचन #WoTil #शायरी

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Som Sangeet

अज्ञात विद्वानों के महत्त्वपूर्ण कथन #UnlockSecrets

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Vikas Sharma Shivaaya'

हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका #समाज

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हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका एक नाम गणपति भी है। सभी देवताओं में इनकी पूजा-अर्चना सर्वप्रथम की जाती है। श्री गणेश जी विघ्न विनायक हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न के समय गणेश जी का जन्म हुआ था। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश: पाश, अंकुश, मोदकपात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं। वे रक्त चन्दन धारण करते हैं तथा उन्हें रक्तवर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। वे अपने उपासकों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी समस्त मनोकामनाएँ पूर्ण करते हैं।

ज्योतिष में इनको केतु का देवता माना जाता है और जो भी संसार के साधन हैं, उनके स्वामी श्री गणेशजी हैं। हाथी जैसा सिर होने के कारण उन्हें गजानन भी कहते हैं। गणेश जी का नाम हिन्दू शास्त्रो के अनुसार किसी भी कार्य के लिये पहले पूज्य है। इसलिए इन्हें आदिपूज्य भी कहते है। गणेश कि उपसना करने वाला सम्प्रदाय गाणपतेय कहलाते है।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 301 से 311 नाम 
301 युगावर्तः सतयुग आदि युगों का आवर्तन करने वाले हैं
302 नैकमायः अनेकों मायाओं को धारण करने वाले हैं
303 महाशनः कल्पांत में संसार रुपी अशन (भोजन) को ग्रसने वाले
304 अदृश्यः समस्त ज्ञानेन्द्रियों के अविषय हैं
305 व्यक्तरूपः स्थूल रूप से जिनका स्वरुप व्यक्त है
306 सहस्रजित् युद्ध में सहस्रों देवशत्रुओं को जीतने वाले
307 अनन्तजित् अचिन्त्य शक्ति से समस्त भूतों को जीतने वाले
308 इष्टः यज्ञ द्वारा पूजे जाने वाले
309 विशिष्टः अन्तर्यामी
310 शिष्टेष्टः विद्वानों के ईष्ट
311 शिखण्डी शिखण्ड (मयूरपिच्छ) जिनका शिरोभूषण है

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। गणेश जी, शिवजी और पार्वती के पुत्र हैं। उनका वाहन मूषक है। गणों के स्वामी होने के कारण उनका

Anil Ray

आप जैसे विद्वानों के समक्ष मेरे जैसे अल्पज्ञ बालक द्वारा विचार प्रस्तुत करना विशाल जगमगाते हुये सूर्य को दीपक मात्र दिखाना है फिर भी 'संविधा #thought #कविता #hathrasgangrape

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मेरी दर्दनाक मौत पर भी
जो आँखे आँसुओं से
श्रृंगार नही कर पायी
शायद! भ्रम में है 
कि शेष अभी,
मुझमें जान है।
पता नही शासन
प्रशासन में भी कैसे
बेदर्द इंसान है
परन्तु...वे भी क्या करे 
उनके घर पर सब
जिन्दा है मेरा उनसे
क्या रिश्ता।
आबाद रहो मेरे
देशवासियों! भला
शिकायत क्या है आपसे
गिला सिर्फ यही
मेरे साथ मेरे अरमानो
को भी मारा था
तो फिर मेरे 
और अरमानों के
भारी ज़नाजे से
मुझे दफनानें वाले
दब क्यो नही गये?
मेरे हमवतनों 
सच कहूँ कसूर क्या था मेरा
मैं..मैं..मैं सिर्फ 
और सिर्फ एक
भारतीय बेटी थी।
बस फरियाद मेरी यही
फिर कभी बेटी बनकर
भारत में जन्म न हो।
अलविदा..!!!

©Anil Ray आप जैसे विद्वानों के समक्ष मेरे जैसे अल्पज्ञ बालक द्वारा विचार प्रस्तुत करना विशाल जगमगाते हुये सूर्य को दीपक मात्र दिखाना है फिर भी 'संविधा

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 *शास्त्रार्थ में क्रोध आने का अर्थ है – हार मान लेना* *जैसा कि #समाज

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Divyanshu Pathak

: डॉ गोपीनाथ शर्मा लिखते हैं कि - जोधपुर के शिलालेखों से यह प्रमाणित होता है कि प्रतिहारों का अधिवासन मारवाड़ में लगभग छठी शताब्दी के द्वित्त #yqbaba #yqdidi #yqhindi #पाठकपुराण #राजस्थान_के_इतिहास_की_झलकियाँ_1

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जब तक प्रतिहारों में साहसी-पराक्रमी शासक उत्पन्न होते रहे उनका राज्य विस्तार भी हुआ।शुरुआती दौर में मण्डोर के प्रतिहार- नागभट्ट,शिलुक,बाउक शक्तिशाली रहे।उज्जैन और कन्नौज के प्रतिहारों में भी कई प्रतिभासंपन्न योद्धा हुए।समूचे राजस्थान पर अधिकार कर उन्होंने- गुहिल,राठौड़,चौहान तथा भाटियों को सामन्त बनाकर राज्य किया।जैसे ही इनकी केंद्रीय शक्ति कमज़ोर हुई तो सामन्तों ने अपने स्वतंत्र राज्य स्थापित कर लिए।जिस राजस्थान की मिट्टी में उनका उदय हुआ,उसी राजस्थान को वे हमेशा के लिए अपना न रख सके। :
डॉ गोपीनाथ शर्मा लिखते हैं कि -
जोधपुर के शिलालेखों से यह प्रमाणित होता है कि प्रतिहारों का अधिवासन मारवाड़ में लगभग छठी शताब्दी के द्वित्त

ankit saraswat

#महाभारत कालीन भारत जो भारत का विस्तार जानना चा ते हैः किस प्रकार महाभारत काल में चीन भारत का हिस्सा था और वहाँ चन्द्र वंश का राज था मामा #बात

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महाभारत कालीन भारत
कैप्शन में व्याख्या पढ़ें #महाभारत कालीन भारत 

जो भारत का विस्तार जानना चा ते हैः किस प्रकार महाभारत काल में चीन भारत का हिस्सा था और वहाँ चन्द्र वंश का राज था मामा

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nojotoayurvedahiduculturehiduism#QuotesmyBlog आयुर्वेद के भगवान!! ऐसे प्रकट हुए थे भगवान धन्वंतरि, पूजन से देंगे स्वस्थ जीवन का वर #nojoto#ayurveda#hiduculture#hiduism#quotes#myBlog

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 आयुर्वेद के भगवान!!

ऐसे प्रकट हुए थे भगवान धन्वंतरि, पूजन से देंगे स्वस्थ जीवन का वर
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