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Ghumnam Gautam
किसी ने फाड़ दी उल्फ़त की वो किताब पुनः बिखर गया है कहीं पर कोई गुलाब पुनः पुनः हुआ है किसी पर दहर का ज़ुल्म-ओ-सितम किसी की आँखों से बहकर गिरे हैं ख़्वाब पुनः ©Ghumnam Gautam #किताब #आँखें #ghumnamgautam
Himanshi Bharti
Unsplash हमारी तरह हमारी किताब को भी तड़पना पड़ा तुम्हारा दिया हुआ गुलाब इसकी किस्मत में न था हमने जब भी सिसकियाँ भरकर तुम्हें याद किया तुम्हारे दिल को पता तक न चला शायद हमारा ही प्यार कमजोर था जो तुम्हारी मौजूदगी को हकीकत न बना सका अब अलविदा कह देंगे तुम्हें भी इस ढलते साल के साथ लेकिन तुम साथ नहीं ये दिल अब तक मान न सका।। ©Himanshi Bharti #Book हर किताब के नसीब में गुलाब नहीं होता...।। 🌹
#Book हर किताब के नसीब में गुलाब नहीं होता...।। 🌹
read moreRaju Saini
White ना कागज़ ना कलम ना किताब से सीखा है ज़िंदगी जीने का हुनर अपने पिता और हालात से सीखा है. ©Raju Saini #sad_quotes #Rajusaini #Saini #sainishayri #rajushayri ना #कागज़ ना #कलम ना #किताब से सीखा है ज़िंदगी जीने का #हुनर अपने #पिता और हालात से
#sad_quotes #Rajusaini #Saini #sainishayri #rajushayri ना #कागज़ ना #कलम ना #किताब से सीखा है ज़िंदगी जीने का #हुनर अपने #पिता और हालात से
read moreचाँदनी
White आज किसी ने पहला पन्ना पलटा तो मै झट से दौर पड़ी जी,मै एक किताब हू एक रोज मै खुद को अधूरा पढ़ के अपने ही कमरे मे पड़े पुराने मेज पर छोड़ आई थी आज एक बड़े ही अजीब शक्स ने मुझे पढ़ते हुए गहरी साँसे ली और सरका दिया अरसे से जमे धूल पर समीक्षा वो अपने हृदय मे समेट चला गया मुझे आश्चर्यचकित करता है मेरा रहष्यमयी लिपी होना अब मुझे भी कुछ याद नही की आखिर ऐसी कौन सी नौबत आन पड़ी थी की मै आगे खुद को पढ़ नही पाई जबकि मुझे इंतेजार करना चाहिए था अंत को अंत तक आने का खैर!चरमोत्कर्ष ईश्वर भी चाहता है ©चाँदनी #रहष्यमयी किताब
#रहष्यमयी किताब
read morePalak Parmar
White अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा ©Palak Parmar अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा
अगर मैं लिखूं किताब तो तुझे अपना लिखूंगा , खुली आंखों से देखा हुआ सपना लिखूंगा, लिख कर सारे दुख अपने हिस्से तेरे हिस्से बस हंसना लिखूंगा
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