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Mehfuza
"अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो यह मुरझाया हुआ चेहरा ना लाना, अपने चेहरे पर मुस्कान लेते आना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो खामोशी इख्तियार ना करना, कुछ जुमले मेरी तारीफ में भी कहते जाना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझसे नज़रे ना फेरना, जी भर के मुझे तुम्हें देख लेने देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो मुझे पीठ दिखा कर चले ना जाना, तुम्हें कसकर अपनी बाहों में भर लेन देना। अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो थोड़ा ठहर कर जाना, खुले जब आंख मेरी तो सामने तुम होना। ©Mehfuza #VoteForIndia "अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब
Shivkumar
White इस कदर हम आपकी मोहब्बत में खो गए , एक नजर देखा और बस आपके ही हो गए । आंखें खुलीं तो पता चला देखा एक सपना था, आंख बंद की और उसी सपने में खो गए ।। ©Shivkumar #Night #night_thoughts #Nojoto #शायरी इस #कदम हम आपकी #मोहब्बत में खो गए , एक #नजर देखा और बस आपके ही हो गए । #आंखें खुलीं तो पता च
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White जो मेरे साथ में बुगज रखे हुए सोगवार हो, लानत हो ऐसो पर और बेशुमार हो//१ अदु अब चाले ना चल,ये ना हो कहीं तू खुद से ही फंस कर मुझसे ता उम्र शर्मसार हो//२ मैं शिरीन हूं,तु मुझे दिल में रखता क्यूं नही,तू तुर्श है तो फिर मेरे इस दिल से तेरा उतार हो//३ तेरे दीदार को ये चश्म बहुत तमन्नाई है,कहीं ये ना हो तु आ गया हो और फिर भी इंतजार हो//४ खामख्वाह क्यूं करे अब ऐसे अपनों से इसरार,के "शमा" को नहीं हाजत ऐसो की जो बस दिखावे से सोगवार हो//५ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Couple जो मेरे साथ में *बुगज रखे हुए सोगवार हो,लानत हो ऐसो पर और बेशुमार हो//१ *ईर्ष्या*शोकाकुल *अदु अब चाले ना चल,ये ना हो कहीं तू खुद से
KUNWA SAY
Men walking on dark street वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे ,,हमारी तन्हाईयों से भी आंख चुराते रहे ,,हमें ही मिल गया ख़िताब-ये-बेवफा ,,क्यूंकि हम हर दर्द मुस्कुरा कर छुपाते रहे follow kare ©KUNWA SAY #Emotional वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे ,,हमारी तन्हाईयों से भी आंख चुराते रहे ,,हमें ही मिल गया ख़िताब-ये-बेवफा ,,क्यूंकि हम हर द
amnewsnational
AM news national ©amnewsnational *IYC प्रेस विज्ञप्ति:* *विपक्ष को कमजोर करने के लिए टैक्स आतंकवाद का सहारा ले रही है भाजपा: श्रीनिवास बी वी।* *केंद्र सरकार अलग-अलग तर
Kavisthaan
सबसे ख़तरनाक वह आंख होती है जो सबकुछ देखती हुई भी जमी बर्फ़ होती है जिसकी नज़र दुनिया को मुहब्बत से चूमना भूल जाती है जो चीज़ों से उठती अंधेपन की भाप पर ढुलक जाती है जो रोज़मर्रा के क्रम को पीती हुई एक लक्ष्यहीन दुहराव के उलटफेर में खो जाती है ©Kavisthaan सबसे ख़तरनाक वह आंख होती है. #longdrive #Shayar #Dil #pyaar #Jaan #kavi #shaadi #Dil__ki__Aawaz
MSW Sunil Saini CENA
एकला लाचार मजबूर कद किसने के कहवै सै, राम बी देख कै बस आंख मूंद लेवै सै। दस्तूर बी वक़्त का कितना अजीब सै, थोड़ा बहोत दे कै बहोत कुछ छीण लेवै सै।। ©MSW Sunil Saini CENA #raindrops एकला लाचार मजबूर कद किसने के कहवै सै, राम बी देख कै बस आंख मूंद लेवै सै। दस्तूर बी वक़्त का कितना अजीब सै, थोड़ा बहोत दे कै बहोत कु
hardik Mahajan
Red sands and spectacular sandstone rock formations "एक दिन मैं बैठा बैठा सोचता जा रहा था, मेरी मंजिल कहां है, मुझे कहां जाना है", "मैं...कहां का सफर करूंगा, और यह सोचते-सोचते" .? "मैं...राहों से गुजरने लगा, "हाँ" मैं...सोचता जा रहा था, यह कि बाहर निकलूंगा, खुलकर जिऊंगा"! "बस यही सोचता-सोचता जा रहा था, और अपने ख्यालों में गुम होता जा रहा था, पता भी नहीं चला मुझे, मैं... कब का कहां पहुंच गया और जब आंख खुली तो देखा", एक सुनसान राहों पर मैं खड़ा हुआ था, कोई नहीं था, मेरे आस-पास भूख के मारे जब तड़प रहा था,ओर सोच रहा था, मुझे कुछ खाने को मिल जाए तब मुझे बरबस ही अपनी मां की याद आ आई अगर वो पास होती तो", मुझे अपने हाथों से खाना खिलाती, जबरदस्ती मुंह में गस्सा बनाकर ठूंसती , और नहीं खाता तो जोर-जोर से डाटती दादी नानी की कहानी सुनाती और जबरदस्ती खिलाती, माँ से दोस्ती मेरी बहुत प्यारी हैं, और यह सोचते-सोचते मेरी आँखों से आँसू बहने लगे, और मुझे अपना घर याद आने लगा", और मैं फिर दौड़ता हुआ अपने घर पहुंच गया सब कुछ भूला कर ,अपने आँसुओं को छुपा कर जब घर पहुंच मां को सामने देखा, और उसके सीने से लिपटकर में रो पड़ा", "मैं... सोचता रह गया, मुझे क्या हो गया था, जो मैं घर छोड़कर कहीं जा रहा था, अपने ख्यालों में गुम पता नहीं कहां चला जा रहा था", "तब पता चला जिंदगी जीना इतना आसान नहीं कि किसी ने कुछ इतना सा भी बोल दिया तो हम घर छोड़कर कहीं चले जाएं जब बाहर निकलते हैं, तो एहसास होता हैं, की कोई एक निवाला देने वाला भी नहीं है, फिर घर वापस आकर पापा के साथ रहकर मैं उनका हाथ बटाने लगा, काम करने लगा, और मुझे लिखने का इतना शौक हुआ कि,मैं उसको पूरा करने लगा", "आज ईश्वर की कृपा से मेरी दो किताबें भी छप गई है दुनिया में मशहूर होने जा रही है, मुझे बहुत खुशी है ईश्वर ने मुझे भटकने से बचा लिया, और मैं अपने घर आ गया, आज मैं बहुत खुश हूं अपने परिवार के साथ रहकर यह मेरी खुद की हकीकत की एक कहानी है, कोई बनावटी पन नहीं, यह मेरे खुद की जिंदगानी हैं", "इसीलिए घर छोड़कर जाने से पहले एक बार अच्छे से सोच समझकर विचार जरूर कर ले, आसान नहीं होता यारों घर से बाहर निकाल कर जीना, तलवे में कांटे बहुत चूभते हैं, और निकलता है पसीना, तब माँ की याद आती है, जब पेट में लात पड़ती है, खून पसीना बहाने के बाद भी हमें जीवन में एक निवाला तक नसीब नहीं होता हैं"! ✍️✍️हार्दिक महाजन ©@छोटा लेखक हार्दिक महाजन "एक दिन मैं बैठा बैठा सोचता जा रहा था, मेरी मंजिल कहां है, मुझे कहां जाना है", "मैं...कहां का सफर करूंगा, और यह सोचते-सोचते" .? "मैं...राहों
Prashu_