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Mehfuza

#VoteForIndia "अब जब आना तो..." अब अगली बार जब ख्वाब में आना तो सफेद काला ना पहन कर आना, कुछ रंग अपने लिबास में लेते आना। अब अगली बार जब #शायरी

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Shivkumar

Night night_thoughts शायरी इस कदम हम आपकी मोहब्बत में खो गए , एक नजर देखा और बस आपके ही हो गए । आंखें खुलीं तो पता च

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shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#Couple जो मेरे साथ में *बुगज रखे हुए सोगवार हो,लानत हो ऐसो पर और बेशुमार हो//१ *ईर्ष्या*शोकाकुल *अदु अब चाले ना चल,ये ना हो कहीं तू खुद से #shamawritesBebaak

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KUNWA SAY

#Emotional वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे ,,हमारी तन्हाईयों से भी आंख चुराते रहे ,,हमें ही मिल गया ख़िताब-ये-बेवफा ,,क्यूंकि हम हर द

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amnewsnational

*IYC प्रेस विज्ञप्ति:* *विपक्ष को कमजोर करने के लिए टैक्स आतंकवाद का सहारा ले रही है भाजपा: श्रीनिवास बी वी।* *केंद्र सरकार अलग-अलग तर #न्यूज़

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Kavisthaan

सबसे ख़तरनाक वह आंख होती है. #longdrive #Shayar #Dil #pyaar #Jaan #kavi #shaadi #Dil__ki__Aawaz #कविता

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Rambabu

आंख laal❤️❤️❤️💔 #वीडियो

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MSW Sunil Saini CENA

#raindrops एकला लाचार मजबूर कद किसने के कहवै सै, राम बी देख कै बस आंख मूंद लेवै सै। दस्तूर बी वक़्त का कितना अजीब सै, थोड़ा बहोत दे कै बहोत कु #कविता

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एकला लाचार मजबूर कद किसने के कहवै सै,
राम बी देख कै बस आंख मूंद लेवै सै।
दस्तूर बी वक़्त का कितना अजीब सै,
थोड़ा बहोत दे कै बहोत कुछ छीण लेवै सै।।

©MSW Sunil Saini CENA #raindrops एकला लाचार मजबूर कद किसने के कहवै सै,
राम बी देख कै बस आंख मूंद लेवै सै।
दस्तूर बी वक़्त का कितना अजीब सै,
थोड़ा बहोत दे कै बहोत कु

hardik Mahajan

"एक दिन मैं बैठा बैठा सोचता जा रहा था, मेरी मंजिल कहां है, मुझे कहां जाना है", "मैं...कहां का सफर करूंगा, और यह सोचते-सोचते" .? "मैं...राहों

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Red sands and spectacular sandstone rock formations "एक दिन मैं बैठा बैठा सोचता जा रहा था, मेरी मंजिल कहां है, मुझे कहां जाना है", "मैं...कहां का सफर करूंगा, और यह सोचते-सोचते" .? "मैं...राहों से गुजरने लगा, "हाँ" मैं...सोचता जा रहा था, यह कि बाहर निकलूंगा, खुलकर जिऊंगा"! 

"बस यही सोचता-सोचता जा रहा था, और अपने ख्यालों में गुम होता जा रहा था, पता भी नहीं चला मुझे, मैं... कब का कहां पहुंच गया और जब आंख खुली तो देखा",

एक सुनसान राहों पर मैं खड़ा हुआ था, कोई नहीं था, मेरे आस-पास भूख के मारे जब तड़प रहा था,ओर सोच रहा था, मुझे कुछ खाने को मिल जाए तब मुझे बरबस ही अपनी मां की याद आ आई अगर वो पास होती तो",
मुझे अपने हाथों से खाना खिलाती,

 जबरदस्ती मुंह में गस्सा बनाकर ठूंसती , और नहीं खाता तो जोर-जोर से डाटती दादी नानी की कहानी सुनाती और जबरदस्ती खिलाती,
 माँ से दोस्ती मेरी बहुत प्यारी हैं, और यह सोचते-सोचते मेरी आँखों से आँसू बहने लगे, और मुझे अपना घर याद आने लगा", और मैं फिर दौड़ता हुआ अपने घर पहुंच गया सब कुछ भूला कर ,अपने आँसुओं को छुपा कर जब घर पहुंच मां को सामने देखा, और उसके सीने से लिपटकर में रो पड़ा",

"मैं... सोचता रह गया, मुझे क्या हो गया था, जो मैं घर छोड़कर कहीं जा रहा था, अपने ख्यालों में गुम पता नहीं कहां चला जा रहा था",

"तब पता चला जिंदगी जीना इतना आसान नहीं कि किसी ने कुछ इतना सा भी बोल दिया तो हम घर छोड़कर कहीं चले जाएं जब बाहर निकलते हैं, तो एहसास होता हैं, की कोई एक निवाला देने वाला भी नहीं है, फिर घर वापस आकर पापा के साथ रहकर मैं उनका हाथ बटाने लगा, काम करने लगा, और मुझे लिखने का इतना शौक हुआ कि,मैं उसको पूरा करने लगा",

"आज ईश्वर की कृपा से मेरी दो किताबें भी छप गई है दुनिया में मशहूर होने जा रही है, मुझे बहुत खुशी है ईश्वर ने मुझे भटकने से बचा लिया, और मैं अपने घर आ गया, आज मैं बहुत खुश हूं अपने परिवार के साथ रहकर यह मेरी खुद की हकीकत की एक कहानी है, कोई बनावटी पन नहीं, यह मेरे खुद की जिंदगानी हैं",

"इसीलिए घर छोड़कर जाने से पहले एक बार अच्छे से सोच समझकर विचार जरूर कर ले, आसान नहीं होता यारों घर से बाहर निकाल कर जीना, तलवे में कांटे बहुत चूभते हैं, और निकलता है पसीना, तब माँ की याद आती है, जब पेट में लात पड़ती है, खून पसीना बहाने के बाद भी हमें जीवन में एक निवाला तक नसीब नहीं होता हैं"!

✍️✍️हार्दिक महाजन

©@छोटा लेखक हार्दिक महाजन "एक दिन मैं बैठा बैठा सोचता जा रहा था, मेरी मंजिल कहां है, मुझे कहां जाना है", "मैं...कहां का सफर करूंगा, और यह सोचते-सोचते" .? "मैं...राहों

Prashu_

का करब अगर जे प्यार हो गइल ", " आंख से निंदिया जे फरार हो गइल ".... Payal Pandey Angel Sneha Rajshwi_* Kashi Singer_Rhea_* Ruhi #शायरी

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