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Diya
White इंतजार की घड़ियां दिल को बेचैन करती है, तुम ना आओ तो अब क्या करें, परेशान करती है। ©Diya #Sad_Status #इंतजार की #घड़ियां #दिल को #बेचैन करती है #तुम ना आओ तो #अब क्या करें #परेशान करती है#diyakikalamse✍🏼❤
Keshav pratap Kannaujia
White अगर हमें कोई गाली देता है या भला बुरा कहता है तो कहे,लेकिन हम उसे भला बुरा ना कहें। क्योंकि हीरे को हीरे से तरासा जा सकता है किंतु कीचड़ से कीचड़ को साफ़ नहीं किया जा सकता।। ©Keshav pratap Kannaujia #Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,
#Thinking हीरे को हीरे से और कीचड़ को,,,,,,,,
read moretripathi
White खुद को बेचैन लिखुं तो तेरा नाम आयेगा 😓😓 ©tripathi #love_shayari खुद को बेचैन लिखुं तो तेरा नाम आयेगा 😓😓
#love_shayari खुद को बेचैन लिखुं तो तेरा नाम आयेगा 😓😓
read moretripathi
White वो जो मरता था बात करने के लिए आज किसी और के लिए बेचैन हो गया🫢🫢 ©tripathi #sad_quotes वो जो मरता था बात करने के लिए आज किसी और के लिए बेचैन हो गया🫢🫢
#sad_quotes वो जो मरता था बात करने के लिए आज किसी और के लिए बेचैन हो गया🫢🫢
read moreHealth Is Wealth DK
Health is wealth dk ©Health Is Wealth DK अगर हम स्वाद को छोड़ दें तो शरीर को फायदा।
अगर हम स्वाद को छोड़ दें तो शरीर को फायदा।
read moreShashi Bhushan Mishra
तुम्हें पता अधिकारों का है भुला दिया कर्तव्यों को, कैसे कोई भूल पाएगा दिये हुए वक्तव्यों को, तौर तरीके बदले सबने अपने उच्च विचारों से, बदल सकेगा कोई कैसे लोगों के मंतव्यो को, मेले में प्रवास करने को संगम हुआ सितारों का, कहां से आए किसे पता लौटेंगे फिर गंतव्यों को, कर्म प्रधान धरा है इसमें फल पर कोई जोर नहीं, बदल सकेगा कौन यहां जीवन के भवतव्यों को, ज्ञान ध्यान आनन्द प्रेम है विषय हृदय का ही 'गुंजन', द्रोणाचार्य मिले हर युग में श्रद्धावान एकलव्यों को, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #श्रद्दावान एकलव्यों को#
#श्रद्दावान एकलव्यों को#
read moreTripurari Pandey
New Year 2025 नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐🙏🙏✍️ ©Tripurari Pandey #Newyear2025 सभी को
#Newyear2025 सभी को
read moreF M POETRY
Unsplash थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने.. आती है मुसलसल तुम्हारे हाथ कि खुश्बू.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
#थामा था एक पल को तेरे हाथ को हमने...
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मेरे दर्द को पढ़ने की कोशिश करते हैं लोग अख़बार की ख़बर नहीं किताबों की बात करते हैं लोग ©हिमांशु Kulshreshtha मेरे दर्द को..
मेरे दर्द को..
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